शारीरिक शिक्षा (Physical Education) का अर्थ एवं परिभाषा

शारीरिक शिक्षा Physical Education वह शिक्षा हैं जिसके अंतर्गत छात्रों को स्वस्थ रहने के तरीकों को सिखाया एवं उसकी महत्ता को दर्शाया जाता हैं। इस शिक्षा के अंतर्गत छात्र शरीर की आवश्यकताओं एवं स्वस्थ रहने हेतु विभिन्न कलाओं के विषय मे जानकारी एकत्रित करते हैं।

विद्यालय में सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों को सम्मिलित करना शारीरिक शिक्षा का ही एक भाग हैं। जिसकी सहायता से छात्रों को सक्रिय एवं स्वस्थ रखने का प्रयास किया जाता हैं। यह पोस्ट आपके लिए निम्न परीक्षाओं हेतु लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। जैसे-KVS, NVS, UTET, CTET एवं SSC से संबंधित अन्य परीक्षाएं। तो चलिए जानते हैं कि शारीरिक शिक्षा क्या हैं? अर्थ,परिभाषा एवं महत्व। What is Physical Education.

शारीरिक शिक्षा क्या हैं? What is Physical Education

physical education kya hai

शारीरिक शिक्षा से आशय शरीर से संबंधित शिक्षा प्रदान करना हैं। यह शिक्षा सामान्यतः व्यायाम,योग,साफ-सफाई,जिमनास्टिक, सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों आदि के माध्यम से प्रदान की जाती हैं। शारीरिक शिक्षा प्रदान करने का उद्देश्य मात्र छात्रों को स्वस्थ रखना ही नही हैं। अपितु मनोविज्ञान एवं बाल मनोविज्ञान के अंतर्गत इसे महत्वपूर्ण स्थान दिया गया हैं।

क्योंकि यह शरीर को ही नही अपितु छात्रों के मस्तिष्क एवं उनके व्यवहार में भी परिवर्तन लाने का कार्य करती हैं। यह छात्रों की मानसिक क्रियाओं को संतुलित रखने का कार्य करती हैं। यह शिक्षा का वह साधन है जो छात्रों को मानसिक,सामाजिक,बौद्धिक,आर्थिक सभी रूपो में प्रभावित करती हैं। यह छात्रों की मांसपेशियों का विकास करती हैं।

शारीरिक शिक्षा physical education क्रमबद्ध रूप से छात्रों का विकास करती हैं। यह मानसिक एवं बौद्धिक परिपक्वता में भी अपनी अहम भूमिका निभाती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में शारीरिक शिक्षा को सम्मिलित किया जाना एक क्रांतिकारी परिवर्तन हैं। यह छात्रों के चरित्र एवं व्यक्तित्व का निर्माण करने में भी अपनी अहम भूमिका निभाती हैं। इसके विकास से छात्र समूहों में रहना सीखते है एवं सामाजिक कार्यो में अपना श्रम दान करते हैं।

शारीरिक शिक्षा की परिभाषा Definition of Physical Education

डेलबर्ट यूफर के अनुसार -“शारीरिक शिक्षा उन अनुभवों का सामूहिक प्रभाव है जो शारीरिक क्रियाओं द्वारा व्यक्ति को प्राप्त होता हैं।”

जे.एफ विलियम्स के अनुसार -“शारीरिक शिक्षा उन शारीरिक क्रियाओं को कहते है जिसका चुनाव उनके प्रभाव की दृष्टि से किया जाता हैं।”

रोजालैंड के अनुसार -“शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के भीतरी अनुभवों के कारण व्यक्ति विशेष में होने वाले परिवर्तनों की कुल जोड़ को कहते हैं।

जे.बी नेश के अनुसार -“यह शिक्षा के संपूर्ण क्षेत्र का वह भाग हैं जिसका संबंध वृहद पेशी प्रक्रियाओं उनसे संबंधित अनु क्रियाओं के साथ हैं।”

हरबर्ट स्पेंसर के अनुसार -“पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए शारीरिक,नैतिक,मानसिक क्रियाओं की आवश्यकता होती हैं।”

शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य Aims of Physical Education

1. इस शिक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास करना हैं। छात्रों का मानसिक एवं बौद्धिक विकास करना इसका मुख्य लक्ष्य हैं।

2. यह छात्रों को समाज के सहायक तत्व के रूप में तैयार करने का साधन हैं। जिसके द्वारा वह भविष्य में समाज के साथ समायोजन कर सकें।

3. इस शिक्षा द्वारा छात्रों को स्वस्थ रहने की कला एवं गुणवत्ता को समझाया जाता हैं, क्योंकि स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता हैं।

4. यह शिक्षा छात्रों का भावात्मक विकास करती है। यह उनके संवेगात्मक पहलुओं में नियंत्रण लाने का कार्य करती हैं।

5. यह शिक्षा छात्रों की मांसपेशियों का विकास करने हेतु प्रदान की जाती है। जिसकी सहायता से वह निरंतर क्रियाशील बने रहते हैं।

शारीरिक शिक्षा का महत्व एवं आवश्यकता Need and Importance of Physical Education

शारीरिक शिक्षा द्वारा छात्र अपने समय का सदप्रयोग करना सीखते हैं। यह उनके चरित्र एवं व्यक्ति को निखारने का कार्य करती हैं। यह उनके भीतर व्याप्त कौशलों का विकास करती हैं एवं उनमें निपुणता लाने का कार्य करती हैं। यह शरीर से सम्बंधित सभी समस्याओं का निवारण करती हैं। यह संवेगात्मक रूप से छात्रों को संतुलित रखने की कला हैं।

इस शिक्षा के द्वारा छात्रों में अनुशासन एवं नैतिक मूल्यों का विकास किया जाता हैं। यह छात्रों को मानसिक एवं बौद्धिक दक्षता प्रदान करने हेतु बेहद लाभदायक हैं।

निष्कर्ष

शारीरिक शिक्षा व्यक्ति एवं छात्रों को विकास की दिशा की ओर अग्रसर करती हैं। यह वह शिक्षा है जो व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं। यह छात्रों को क्रियाशील एवं सक्रिय अवस्था मे बनाये रखती हैं।

तो दोस्तो आज आपने जाना कि शारीरिक शिक्षा (Physical Education) का अर्थ एवं परिभाषा। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने अन्य मित्रों के साथ भी अवश्य शेयर करें।

37 thoughts on “शारीरिक शिक्षा (Physical Education) का अर्थ एवं परिभाषा”

    1. Akash हमें यह जानकर अच्छा लगा कि हमारी यह पोस्ट आपकी परीक्षा में आपके काम आयी।

  1. ye bhout easy language me hai me apne exam ki taiyari isi ko padh kr kr rahi hu …… Thanku so much sir 🙂

  2. Akash Vishwakarma

    Sir apki e post hmare exam me bhoot important rahi hai physical education ki koi information nhi thi par apki post se bhoot kuch sikha hai sir
    Thank you so much sir..🥰………

  3. Thankyou sir for your help I have to attend exam of physical education tomorrow but I have not a book of physical education. This help me a lot .

  4. Thanks for your information’s sir
    Lakin mai bhi is information ko study karke mujhe bhi ab lagta hai ki yeh subject maire liye aacha sabit hoga BA kai liye
    Kya aap bataoge ki subject BA kai liye thik rhega

  5. Mohini kashyap

    Thank you sir mera kl.test h or me 1 week ki chooti pr thi jis karan me ye topic nhi pdh paayi aapki ye.post se mujhe buhut help.mil.gyi thxu so much please app phy sci ki aisi post daalte rahiyga 😊

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