मनोविज्ञान (Psychology) शब्द अंग्रेजी भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है Psycho+Logos. Psycho का अर्थ है ‘आत्मा’ और Logos का अर्थ है अध्ययन। आत्मा का अध्ययन करना ही मनोविज्ञान है, मनोविज्ञान के सिद्धांतो एवं मूल्यों का विकास करने का श्रेय सिगमंड फ्रायड को जाता हैं। जिन्होंने मनोविज्ञान को एक नई दिशा प्रदान की एवं इसको इसका सही स्थान प्राप्त करवाया। आधुनिक मनोविज्ञान का पिता विल्लियम वुण्ट (Father of modern psychology) को कहा जाता हैं। इन्होंने वर्ष 1879 में सर्वप्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला का निर्माण किया था। सामान्यतः व्यक्तियों और पशु-पक्षियों के व्यवहार एवं उनकी मानसिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है अतः इसकी इस विशेषता से साफ हो जाता है कि इसका सीधा संबंध ‘मस्तिष्क’ से हैं।
मानसिक क्रियाओं के अंतर्गत आने वाली समस्त प्रक्रिया जैसे – संवेदना, अवधान, प्रत्यक्षण, सीखना, स्मृति, चिंतन आदि इसके अध्ययन में सम्मिलित की जाती है। दोस्तों आज हम सरल शब्दों में जनिंगे कि मनोविज्ञान क्या है, अर्थ, परिभाषा, प्रकार और शिक्षा में इसकी भूमिका। इन सभी की जानकारी हेतु पोस्ट को ध्यानपूर्वक समझें।
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मनोविज्ञान का अर्थ Meaning of Psychology
बाल मनोविज्ञान जैसी अनेको शाखाएं इसी के सिद्धांतो के आधार पर कार्य करती है। इसमें मानसिक क्रियाओं के अंतर्गत आने वाली समस्त प्रक्रिया का विश्लेषण निम्न माध्यम से किया जाता है।
1- संवेदना- उदाहरणतः एक लड़की ने अपने भाई को रोते हुए देखा तो वह भी रोने लगी अर्थात उस लड़की ने भाई के दर्द को महसूस किया ये सब एक संवेदना हैं।
2- अवधान- ध्यान मन को एकगरित होकर किसी कार्य को करना उदाहरणतः राम ने पूरे अवधान के साथ अपना खेल खेला।
3- प्रत्यक्षण- प्रत्यक्षण का अर्थ होता है किसी भी चीज को लेकर अपने मे एक धारणा बनाना जैसे- बच्चों को हम बताते है कि गाय के 4 पैर होते है तो बच्चे 4 पैर वाले जितने पशुओं को देखता है उसे गाय कहने लगता है अर्थात बच्चे ने यह धारणा बनाई हैं।
4- स्मृति- जो चीज हमने पहले सीखी होती है समय आने पर उसका पुनः स्मरण Recall करना स्मृति हैं।
5- चिंतन- अर्थात सोचना उदाहरणतः एक अध्यापक ने छात्र को एक समस्या दी ऐसी परिस्थिति में बच्चा उस समस्या को दूर करने के लिए हर प्रयास करता है अर्थात वह हर एक प्रक्रिया अपनाता है जिससे उस समस्या का समाधान निकल सकें।
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मनोविज्ञान की परिभाषा Definition of Psychology
” व्यक्तियों के पर्यावरणीय संबंधों एवं क्रियाओं की दर्शाने का अध्ययन हैं।”
वुडवर्थ
” व्यक्तियों के आपसी व्यवहार एवं उनके संबंधों का अध्ययन हैं।”
क्रो एवं क्रो
दोनों परिभाषाओं से यह स्पष्ट हो जाता है कि इसमें (Psychology) व्यक्तियों, पशु-पक्षियों के आपसी व्यवहार एवं उनकी क्रियाओं के उद्देश्य एवं लक्ष्यों को स्पष्ट कर उसका विस्तृत अध्ययन किया जाता हैं।
मनोविज्ञान के प्रकार Types of psychology
इसको सामान्यतः 4 भागों में विभक्त किया जाता हैं- व्यवहारिक, संज्ञानात्मक, विकासात्मक और शैक्षिक मनोविज्ञान।
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1- व्यवहारिक- इसमें व्यक्तियों एवं पशु-पक्षियों के व्यवहार का अध्ययन विस्तृत रूप में किया जाता है एवं उनके द्वारा की गयी क्रियाओं को समझने का प्रयास किया जाता हैं साथ ही इसके द्वारा यह भी ज्ञात किया जाता है कि व्यक्ति किसी विशिष्ट परिस्थिति या वातावरण में कैसे व्यवहार करता है।
2- संज्ञानात्मक- इसमे बच्चे की स्मृति, अधिगम (सीखना) के क्षेत्र का अध्ययन किया जाता है अर्थात एक व्यक्ति किसी समस्या की कैसे समझता है उसका समाधान कैसे निकालता है और उसको याद कब तक रखता है या कितने समय तक उसे याद रखता है।
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3- विकासात्मक – इसमें व्यक्तियों एवं पशु-पक्षियों के विकास का अध्ययन किया जाता है शारीरिक एवं मानसिक दोनों रूपों में व्यक्तियों एवं पशु-पक्षियों का अध्ययन किया जाता है और अगर उसके शारीरिक, मानसिक या परिपक्व होने में कोई समस्या उत्पन्न होती है तो ऐसी स्थिति में उसकी समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास किया जाता हैं।
4- शैक्षिक – आधुनिक शिक्षा में इसका बेहद महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि एक अध्यापक के लिए अच्छे अधिगम के लिए बच्चों के व्यवहार को जानना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक बच्चे एक-दूसरे से भिन्न-भिन्न होते हैं। आधुनिक शिक्षा का स्वरूप बाल-केंद्रित है अर्थात बच्चों की आवश्यकतानुसार उन्हें शिक्षा देने का प्रयास किया जाता है और इसके लिए इसका प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में किया जाना बेहद आवश्यक हैं।
इससे संबंधित पांच महत्वपूर्ण तथ्य 5 Psychology Facts in Hindi
● इसके अनुसार व्यक्ति को अपनी किसी भी आदत को बनाने या छोड़ने में 21 दिन का समय लगता हैं।
● व्यक्ति के पास वह शक्ति होती है, जिससे वह किसी व्यक्ति को मात्र देखने से ही उसके व्यक्तित्व का अंदाजा लगा सकता हैं।
● इसके अनुसार कम बोलने वाले व्यक्ति और काले रंग को पसंद करने वाले व्यक्ति सुंदर और बुद्धिमान होते हैं।
● अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को हद से ज्यादा याद करता है तो वह दूसरा व्यक्ति (जिसे वह याद कर रहा होता है) भी उसे याद करता हैं।
● इसके अनुसार सोने से पहले एक गिलास पानी पीने से व्यक्ति को उसके सपने याद रहने की संभावना बढ़ जाती हैं।
शिक्षा में मनोविज्ञान की भूमिका Role of psychology in education
यह शिक्षा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाने का कार्य करती है और छात्रों के व्यवहार को समझने एवं उनकी आवश्यकताओं को समझने में अध्यापक की सहायता करती है जिस कारण शैक्षिक मनोविज्ञान को शिक्षक-शिक्षा के पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित किया गया है यह अधिगम की सरल व सहज बनाने का कार्य करती है इसकी भूमिका को हम निम्न रूप में स्वीकार कर सकते हैं-
● व्यक्तिगत भिन्नता Individual difference- हम जानते है कि हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से भिन्न होता है अर्थात हर व्यक्ति का शारीरिक विकास, मानसिक विकास भिन्न-भिन्न होता है उदाहरणतः अध्यापक बच्चों को गणित में जोड़ना-घटाना सिखाता है तो ऐसे में एक बच्चा जल्दी सिख लेता है जबकि दूसरा बच्चा वही चीज को सिखने में काफी समय लगा देता है अर्थात अध्यापक को यह देखना होगा कि हम किस तरह दोनों बच्चों को साथ लेकर चले।
● पाठ्यक्रम Curriculum- पाठ्यक्रम निर्माण में भी इसका अपना अहम योगदान निभाता है जो भी पाठ्यक्रम बनाया जा रहा है वो बच्चों की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखकर बनाया जाता है अर्थात छठी कक्षा के छात्रों के लिए ना ही पांचवी कक्षा का और न ही पाचवी कक्षा के लिए छठी कक्षा का पाठ्यक्रम बनाया जाना चाहिए। दोनों छात्रों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर ही पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाना चाहिए।
● नकारात्मक और सकारात्मक पुनर्बलन Negative and positive Reinforcement- बच्चों को कब और कौन सा पुनर्बलन देना है यह बताने में भी यह अध्यापक की सहायता करता है उदाहरणतः एक बच्चा किसी समस्या को सुलझाने में असहाय सिद्ध हो रहा है तो हम उसे नकारात्मक पुनर्बलन नहीं देंगे बल्कि उसे अभिप्रेरित करेंगे क्योंकि अगर हम उस छात्र को नकारात्मक पुनर्बलन देंगे तो बच्चा अपने आप को कमजोर समझेगा और आगे चलकर यह सोच उसको अधिगम (सीखना) करने में उसके लिए समस्या उत्पन्न करेंगी।
निष्कर्ष Conclusion-
साधारण शब्दों में इसको हम मन का विज्ञान (science of mind) के रूप में देख सकते है क्योंकि इसके अंतर्गत मनुष्यों एवं पशु-पक्षियों की मानसिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। मन के विज्ञान का अध्ययन कर अध्यापक छात्रों को समाज मे समायोजन करने के कौशलों में वृद्धि कर सकते है। आधुनिक समाज की भ्रमित मनोस्थिति को देखते हुए इसकी आवश्यकता निरंतर बढ़ती जा रही है। दोस्तों आज आपने हमारी इस नवीन पोस्ट के माध्यम से जाना कि मनोविज्ञान Psychology क्या हैं,अर्थ, परिभाषा, प्रकार और शिक्षा में इसकी भूमिका को जाना व समझा।
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” अब अंतिम शब्दों में हमारा आपसे यही निवेदन है कि इस पोस्ट को अधिक से अधिक व्यक्तियों के साथ सांझा करें ताकि वह भी इस प्रकरण की महत्ता को समझ सकें और अपने ज्ञान का विस्तार कर सकें “
I want a suggestion from u plz help..
Ya Very simple tarike se itna explain kiya thanks for u 🥰
dhanywad milan
Me jis ladki se pyaar karta hu. Wo ladki ab mere Bhaiyya k sath pyaar karti hai. Un dono k bich me mai kabab ki hadi na banu Isliye maine us ladki se baat karni chod di hai. Par wo mujh se jabarjasti baat karti hai. Ab mujhe samaj nahi aa raha hai k o hamdardi se baat karti hai ya, sachi me use uski galti ka yehsas ho gaya hai or o mujh se pyaar karne lagi hai. Please reply my message
Saddik apko aisi situation se dur rehne ki jarurat hain….Apne future me dhyan lgaye wo apke liye or apki family ke liye better rahega…
Next.timr
Hi
Hlo ratan
Gajab Bhai simple language main chijo ko samjhane ke liye
Thanks Raguvendra
This is the best article
Kya bat h bhi ese shmj m aya gya ak dam se yu he ki bhul nhi sakte
Thanks bhi ji
Tarun hmme yh jankr accha lga…
mukesh kumar sharma
Very nice post
Ab yah mujhe batao jab insan rahata hai uski koi value hoti nahin hai jab Insan chale jata uske bare mein kyon jyada badh jaati hai
Qudiya kyuki jb kisi ke bare me hm sahanubuti ya samvedna y afsos ki drishti se dekhte hain to hamesa unse judi acchi memory yad ati hain..
Sir mai ba ki student hu and psy mai 1St time pdh rhi…..
thanku so much sir aapne bohot aache se smjhaya….
Wrna hm to soch rhe the psychology kese pdh payenge
Riya apne pdhne aur sikhne ki jigyasa hi apko safalta ki aur le jayegi.
Mai commerce stream se 12th ki aage mai BA se psychology kar sakti hu? Please mujhe bata dijiye
Thankyou sir itna ache se explain karne ke liye
Anushika bilkul ap kar sakte hain..