पाठ्यक्रम का अर्थ और परिभाषा

पाठ्यक्रम का अर्थ Curriculum Meaning in hindi पाठ्यक्रम एक नीति हैं जिसके आधार पर समस्त शिक्षण कार्यो का क्रियान्वयन किया जाता हैं। जैसे क्या कब और कैसे पढ़ाना हैं इसका निर्धारण पाठ्यक्रम द्वारा ही किया जाता हैं। पाठ्यक्रम (Curriculum) जिसका अर्थ होता हैं “दौड़ का मैदान”। दौड़ का मैदान अर्थात विद्यार्थियों द्वारा इस रेस में हिस्सा लिया जाता हैं, अभिप्राय छात्र अपने पाठ्यक्रम के अनुसार ही विद्यालय में समस्त कार्य करते हैं

चाहे वह शिक्षण-अधिगम कार्य हो या सहगामी क्रियाएं (Co-Curriculum Activities) पाठ्यक्रम के आधार पर ही एक शिक्षक भी अपना शिक्षण कार्य सम्पन्न करता हैं। विद्यालय में कोन सा कार्य कब होना हैं इसका निर्धारण पाठ्यक्रम के अनुसार ही होता हैं।

पाठ्यक्रम का अर्थ (Curriculum Meaning in Hindi)

Meaning of Curriculum

पाठ्यक्रम (Curriculum) एक शिक्षा का आधार हैं जिसकी राह पर चलकर शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति की जाती हैं। पाठ्यक्रम के अनुसार ही छात्र अपना अधिगम कार्य करते हैं।पाठ्यक्रम द्वारा ही विषयों को क्रमबद्ध तरीके से किया जाता हैं। समाज की आवश्यकता को देखते हुए ही किसी भी पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाना आवश्यक हैं। विद्यालय में आयोजित होने वाले समस्त कार्यक्रमों को हम पाठ्यक्रम (Curriculum) के रूप में ही देखते हैं।

सर्वप्रथम पाठ्यक्रम का अर्थ सिर्फ विषयों के आधार पर ही देखा व समझा जाता था परंतु अब इसका क्षेत्र इससे अधिक व्यापक हो चुका हैं अब पाठ्यक्रम (Curriculum) को विद्यालय की समस्त कार्यप्रणाली के रूप में देखा व समझा जाता हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि विद्यालय का समस्त कार्य ही एक प्रकार का पाठ्यक्रम (Curriculum) हैं।

पाठ्यक्रम की परिभाषा (Defination of Curriculum)

1) कनिंघम महोदय के अनुसार – ” कलाकार (शिक्षक) के हाथ में यह (पाठ्यक्रम) एक साधन है जिससे वह पदार्थ (शिक्षार्थी) को अपने आदर्श उद्देश्य के अनुसार अपने स्टूडियो (स्कूल) में ढाल सकें।”

2) हॉर्न महोदय के अनुसार – ” पाठ्यक्रम वह है जो बालको को पढ़ाया जाता है यह शांतिपूर्ण पढ़ने या सीखने से अधिक हैं। इससे उद्योग, व्यवसाय , ज्ञानोपार्जन, अभ्यास और क्रियाये सम्मिलित हैं।”

3) माध्यमिक शिक्षा आयोग के अनुसार – ” पाठ्यक्रम का अर्थ रूढ़िवादी ढंग से पढ़ाये जाने वाले बौध्दिक विषयों से नही हैं परंतु उसके अंदर वे सभी क्रिया आ जाती हैं जो बालकों को कक्षा के बाहर या अंदर प्राप्त होते हैं।”

4) मुनरो महोदय के अनुसार – ” पाठ्यक्रम में वे सब क्रियाये सम्मिलित हैं जिनका हम शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु विद्यालय में उपयोग करते हैं।”

5) पाल हीस्ट महोदय के अनुसार – ” उन सभी क्रियाओं का प्रारुप जिनके द्वारा शैक्षिक लक्ष्यों तथा उद्देश्यों को प्राप्त कर लिंगे वह पाठ्यक्रम हैं।”

पाठ्यक्रम की विशेषता (Characteristics of Curriculum)

  • पाठ्यक्रम परिवर्तनशील हैं। समाज की आवश्यकताओं को देखते हुए पाठ्यक्रम (Curriculum) में निरंतर बदलाव किए जाते हैं।
  • शिक्षा के उद्देश्यों (Aims) के आधार पर ही पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाता हैं।
  • पाठ्यक्रम के द्वारा ही छात्रों के व्यक्तित्व का विकास किया जाता हैं।
  • पाठ्यक्रम को क्रियान्वित रूप विद्यालय एवं शिक्षकों द्वारा दिया जाता हैं।
  • पाठ्यक्रम द्वारा छात्रों के व्यवहार (Behaviour) में वांछित परिवर्तन लाया जाता हैं।
  • पाठ्यक्रम के द्वारा छात्रों में समस्या-समाधान की प्रवति में वृद्धि की जाती हैं।
  • पाठ्यक्रम (Curriculum) के द्वारा ही छात्रों में ज्ञानात्मक , भावात्मक एवं क्रियात्मक कुशलताओं का विकास किया जाता हैं।

पाठ्यक्रम निर्माण की प्रक्रिया (Process for Curriculum Development)

  • पाठ्यक्रम का निर्माण छात्रों के ज्ञानात्मक , भावात्मक एवं क्रियात्मक (Cognitive, Affective, Application) पक्ष के विकास के आधार पर किया जाता हैं।
  • समाज की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर ही पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाता हैं।
  • पाठ्यक्रम के निर्माण से पहले उसकी रूपरेखा तैयार की जाती हैं।
  • पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षण-विधि (Teaching-Method) का विकास करना।
  • पाठ्यक्रम के निर्माण के बाद उसका मुल्यांकन (Evaluation) भी किया जाता हैं।
  • पाठ्यक्रम के निर्माण विषय विशेषग्यो एवं बुद्धिजीवियों (Intellectuals) द्वारा किया जाता हैं।
  • पाठ्यक्रम के निर्माण करते समय मनोवैज्ञानिक , सामाजिक एवं दार्शनिक आधारों को ध्यान में रखते हुए ही पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाता हैं।
  • पाठ्यक्रम के उद्देश्य एवं उचित उद्देश्यों का चयन करना जो छात्रों के बौद्धिक विकास में लाभदायक हो।

पाठ्यक्रम के उद्देश्य (Objectives of Curriculum)

  • पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के ज्ञानात्मक , भावात्मक एवं क्रियात्मक पक्ष का विकास करना हैं।
  • पाठ्यक्रम का उद्देश्यों छात्रो का नैतिक एवं चारित्रिक विकास करना हैं।
  • पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के व्यक्तित्व का विकास करना हैं।
  • पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में सामाजिक उत्तरदायित्व एवं सामाजिक भावनाओं का विकास करना हैं।
  • पाठ्यक्रम के द्वारा छात्रों को जीविकोपार्जन योग्य बनाना हैं।
  • छात्रों के समझने के स्तर को आसान (Easy) बनाना।
  • छात्रों के व्यवहार में श्रेष्ठता (Best) लाना।

महत्वपुर्ण प्रश्न (Important Questions)

प्रश्न 1- पाठ्यक्रम शब्द का हिंदी अर्थ क्या हैं?
उत्तर- पाठ्यक्रम शब्द का अर्थ हैं “दौड़ का मैदान”। (Race Course)

प्रश्न2- कनिंघम की परिभाषा के अनुसार (By definition of Cunningham) कलाकार और साधन का अर्थ क्या हैं?
उत्तर- कनिघम की परिभाषा के अनुसार कलाकार का अर्थ “शिक्षक” से है और साधन से अभिप्राय “पाठ्यक्रम”।

प्रश्न3- पाठ्यक्रम का स्वरूप कैसा हैं?
उत्तर- पाठ्यक्रम का स्वरूप परिवर्तनशील हैं।

प्रश्न4- पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर- पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास करना हैं।

प्रश्न5- पाठ्यक्रम निर्माण का कार्य किन आधारों पर किया जाता हैं?
उत्तर- पाठ्यक्रम निर्माण का कार्य दार्शनिक , सामाजिक और मनोवैज्ञानिक आधारों पर किया जाता हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

विद्यालय में सम्पन्न होने वाले समस्त कार्यो को हम पाठ्यक्रम कहते हैं। किसी भी पाठ्यक्रम की सफलता (Success) असफलता (Failure) विद्यालय और शिक्षक एवं पाठ्यक्रम निर्माताओं के ऊपर होती हैं। पाठ्यक्रम बालकेंद्रित (Child Centerd) होना चाहिए और पाठ्यक्रम का निर्माण सदैव समाज की आवश्यकताओ को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए। पाठ्यक्रम सदैव लचीला होना चाहिए जिससे उसमे आसानी से संशोधन किया जा सके। वह छात्रों के लिए हितकारी होना चाहिये।

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