शिक्षा मनोविज्ञान क्या हैं और इसकी परिभाषा

दोस्तों पिछली पोस्ट में हमने पढ़ा कि मनोविज्ञान क्या हैं और इसकी परिभाषा? आज हम इस पोस्ट में चर्चा करेंगे शिक्षा मनोविज्ञान की तो चलिए शुरू करते हैं। शिक्षा मनोविज्ञान Educational Psychology शिक्षा में मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो का प्रतिपादन करने वाली वह प्रक्रिया हैं। जिसमें शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो को सम्मिलित किया जाता हैं और इन्हीं सिद्धांतो के अनुरूप शिक्षण विधियों एवं प्रविधियों का चयन किया जाता हैं।

शिक्षा मनोविज्ञान के सिद्धान्त कई मनोवैज्ञानिकों द्वारा प्रदान किये गए हैं जिन्हें हम Maslow Theory, S-R Theory, R-S Theory, Vygotsky Theory, Kohlberg Theory आदि के नाम से जानते हैं। इन Theories के अंतर्गत बताया गया हैं कि एक शिक्षण को अपने शिक्षार्थियों के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए या कैसे अपनी शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को पूर्ण करना चाहिए।

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उदाहरण के तौर पर हम इसे समझें तो S-R Theory के प्रतिपादक थार्नडाइक ने अपने सिद्धान्त में अधिगम के 3 मुख्य नियमों के संबंध में बताया हैं- तत्परता का नियम, अभ्यास का नियम और प्रभाव का नियम। उन्होंने बताया कि छात्र अधिगम (सीखने) करने की प्रक्रिया में इन 3 नियमों का पालन करते हैं।

इन समस्त मनोवैज्ञानिकों की इन Theories को शिक्षा जगत में शामिल किया जाना ही शिक्षा मनोविज्ञान को प्रदर्शित करता हैं। तो चलिए विस्तृत रूप से समझने का प्रयास करते हैं कि शिक्षा मनोविज्ञान क्या हैं और किसे कहते हैं? Educational Psychology in Hindi

शिक्षा मनोविज्ञान क्या हैं? |Educational Psychology in Hindi

शिक्षण-अधिगम की प्रक्रिया में मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो एवं नीतियों का अनुसरण करना ही शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) हैं। थार्नडाइक को शिक्षा मनोविज्ञान का जनक माना जाता हैं। जिन्होंने S-R Theory का प्रतिपादन किया था। जिसे उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त भी कहा जाता हैं। इस सिद्धांत के अंतर्गत थार्नडाइक मानते हैं कि छात्रों को सीखाने के लिए उद्दीपन (S) का होना आवश्यक हैं।

मनोविज्ञान शिक्षा में पूर्वज्ञान, रुचि और सह पाठ्यक्रम गतिविधियों का समर्थन करता हैं। शिक्षा मनोविज्ञान के अनुसार छात्रों को ज्ञात से अज्ञात की ओर ले जाना चाहिए। जिससे छात्रों को अधिगम करने में किसी समस्या का सामना न करना पढ़े। मनोविज्ञान छात्रों के व्यवहार में परिवर्तन और उसके सर्वांगीण विकास की बात करता हैं। शिक्षा मनोविज्ञान, बाल मनोविज्ञान की तरह मनोविज्ञान की एक शाखा हैं।

मनोविज्ञान शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में ऐसे सिद्धान्त का प्रतिपादन करता हैं जो छात्र-केंद्रित (Child Centered) हो। प्रारंभिक समय में शिक्षा अध्यापक केंद्रित हुआ करती थी। किन्तु शिक्षा मनोविज्ञान के आने से शिक्षा को बाल केंद्रित बना दिया गया हैं। जिसमें पाठ्यक्रम या शिक्षण विधियों के निर्माण के समय छात्रों के मानसिक स्तर का खासा ध्यान रखा जाता हैं।

शिक्षा मनोविज्ञान में कई विचारकों के विचारों को मुख्य भूमिका प्रदान की गई हैं। जैसे- Bloom Taxonomy, Piaget Theory, Bruner Theory आदि। इन सभी मनोवैज्ञानिकों ने अपने-अपने परीक्षण के आधार पर कुछ ऐसे मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो का प्रतिपादन किया। जिनको शिक्षण प्रक्रिया में सम्मिलित कर शिक्षण को प्रभावशाली बनाया जा सकता हैं।

शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा |Definition of Educational Psychology in Hindi

शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा कई महान मनोवैज्ञानिकों द्वारा दी गयी हैं। जिसमें सभी ने अपने-अपने विचारों के अनुसार इसकी एक निर्धारित परिभाषा तैयार की हैं। जिनमें से मुख्य इस प्रकार हैं-

B.F स्किनर के अनुसार – “शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसमें सीखने और सीखाने की प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता हैं।”

क्रो एंड क्रो के अनुसार – “शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से वृद्धावस्था तक सीखने के अनुभवों की व्याख्या करता हैं।”

स्टीफन के अनुसार – “शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक विकास का क्रमबद्ध अध्ययन करता हैं।”

ट्रो के अनुसार – “शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में मनोवैज्ञानिक पक्षों का अध्ययन करने वाला विज्ञान हैं।”

एलिस क्रो के अनुसार – “शिक्षा मनोविज्ञान वैज्ञानिक विधि से प्राप्त किये जाने वाले मानव क्रियाओं के सिद्धांतों के प्रयोग को प्रस्तुत करता हैं। जो शिक्षण और अधिगम को प्रभावित करते हैं।”

शिक्षा मनोविज्ञान की विशेषता |Characteristics of Educational Psychology

1. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा में मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो को सम्मिलित करने और उसका क्रियान्वयन करने की एक प्रक्रिया हैं।

2. इसके अनुसार छात्रों को उनकी रुचि और उनके मानसिक स्तर के अनुरूप शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए।

3. यह शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाने हेतु अधिगम प्रक्रिया का अध्ययन करता हैं।

4. शिक्षा मनोविज्ञान अधिगम के मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो को शिक्षा में सम्मिलित करने की बात करता है।

5. इसके अनुसार छात्रों को किसी भी प्रक्रिया से अधिगम कराया जा सकता है।

6. यह छात्रों को खुद से सीखने की ओर प्रेरित करता हैं जिससे छात्र तनाव मुक्त रह कर शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में अपनी सक्रिय भूमिका निभा सके।

7. यह छात्रों को Co Curriculum Activities के जरिये सीखने की प्रक्रिया का समर्थन करती हैं।

8. शिक्षा मनोविज्ञान बाल-केंद्रित शिक्षा का समर्थन करती हैं। ऐसा पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियां जो छात्रों के अनुरूप हो।

शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्य |Aims of Educational Psychology in Hindi

● शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है।

● इसका उद्देश्य शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को और अधिक प्रभावशाली बनाना है।

● इसका उद्देश्य ऐसी शिक्षण विधियों का विकास करना है जिससे छात्र कक्षा में सक्रिय होते हुए अधिगम प्रक्रिया में भाग ले सकें।

● इसका उद्देश्य शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को स्थायी और सक्रिय बनाना हैं।

● छात्रों के व्यक्तिव एवं उनके नैतिक मूल्यों का विकास करना भी इसका मुख्य उद्देश्य हैं।

शिक्षा मनोविज्ञान की शिक्षा में उपयोगिता या भूमिका |Importance of Educational Psychology in Education

शिक्षा किसी भी देश का भविष्य और उसके विकास की नींव होती हैं। अगर हम बात करें शिक्षा मनोविज्ञान की शिक्षा में भूमिका तो मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो को शिक्षा के क्षेत्र में सम्मिलित किया जाना शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाता हैं। वर्तमान की शिक्षा बाल केंद्रित शिक्षा हैं। जिसका अर्थ है कि शिक्षा का मुख्य और मूल उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है।

शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षकों को कक्षा में छात्रों को समझने और किसी जटिल प्रकरण को सरलता सर समझाने की विधि प्रदान करती हैं। जिस कारण एक शिक्षक कक्षा में छात्रों को सक्रिय रखने और कक्षा में उनकी रुचि बनाये रखने में सक्षम हो सकता हैं। यह छात्रों को सरलता से अधिगम कराने की विधि का विकास करता हैं।

इसके माध्यम से कक्षा में छात्रों को उनके बुद्धि स्तर और उनकी व्यक्तिगत भिन्नताओं के आधार पर विभक्त किया जा सकता हैं। शिक्षा में मनोवैज्ञानिक विधियों के उपयोग से छात्रों की समस्याओं और उनके समाधानों का भी पता लगाया जा सकता हैं। शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की गुणवत्ता और महत्ता में वृद्धि करने की एक कला हैं। जिसका ज्ञान प्रत्येक शिक्षक को होना अनिवार्य हैं।

संक्षेप में – Conclusion

शिक्षा मनोविज्ञान ऐसी विधियों एवं प्रविधियों का विकास करती हैं जिससे शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली और स्थायी बनाया जा सकता हैं। यह छात्रों की मानसिक स्थिति का पता लगाने और अधिगम के मनोवैज्ञानिक तथ्यों को उजागर करने का कार्य करती हैं।

तो दोस्तो आज आपने हमारी इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि शिक्षा मनोविज्ञान क्या हैं और इसकी परिभाषा (Educational Psychology in Hindi) हम आशा करते हैं कि हमारी यह पोस्ट आपको एक उत्तम शिक्षक बनने की ओर प्रेरित करेगी। इस पोस्ट सर संबंधित आपके कोई प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक अवश्य शेयर करें।

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