Social Science lesson plane in hindi

S.St का lesson plane कैसे बनाये, (Social Science lesson plane in hindi) तो आइए आज हम बहुत ही आसान तरीके से जनिंगे की Social-Science का lesson plane कैसे बनाते हैं। lesson plane का हिंदी रूपांतरण होता हैं पाठ योजना। एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को पढ़ाने से पहले कुछ योजनाओं का निर्माण करता हैं जैसे – उसे आज क्या पढ़ाना हैं , उसे वो क्यों पढ़ाना हैं ,और वह पढ़ाने के बाद क्या परिवर्तन आएगा छात्रों के व्यवहार में।

शिक्षक उस प्रत्यय topic की पूर्ण योजना का निर्माण करता हैं उसे हम पाठ योजना lesson plane कहकर पारिभाषित करते हैं। एक उत्तम शिक्षक बनने के लिए पाठ योजना का निर्माण करना आना बहुत आवश्यक हैं, तो आज हम जनिंगे की पाठ योजना का निर्माण कैसे करते हैं वो भी बहुत आसान तरीके से। इस पोस्ट को पूरा अच्छे से पढ़ने के बाद आप सब भी आसानी के साथ अपने lesson plane बना पाएंगे वो भी बहुत कम समय में।

Social Science lesson plane कैसे बनाये। Social Science lesson plane in hindi

S.St. अर्थात सामाजिक विज्ञान (Social-Science) का lesson plane बनाने के लिए सर्वप्रथम आपको उस प्रत्यय Topic का ज्ञान होना आवश्यक हैं, जो आप कक्षा में पढ़ाने वाले हैं। पढ़ाने से पहले एक शिक्षक पूर्व-सक्रिय चरण का निर्माण करता हैं जिसे अंग्रेजी भाषा में (Pre-Active Phase) कहते हैं। इसी को लिखित रूप प्रदान करने के पश्चात यह पाठ योजना lesson plane बन जाता हैं। ताकि शिक्षण कार्य करते समय आप आसानी के साथ अपना शिक्षण कार्य का समापन कर सकें।तो दोस्तों कुछ images के माध्यम से में आपको समझाऊंगा की lesson plane का निर्माण कैसे किया जाता हैं?

प्रथम चरण – सर्वप्रथम आपको क्रमबद्ध तरीके से तारिक , विषय , उप-विषय , विद्यालय का नाम (जहाँ आप पड़ा रहे हैं), उसके बाद अंत मे आएगा आपका नाम।(क्रमबद्ध तरीके से।)इसके पश्चात आपको इसके पेज के साइड में (जहाँ अपने ये सब लिखा) कक्षा , अवधि , कालांश लिखना हैं।

दूसरा चरण – ये सब लिख लेने के पशचात एक heading बनती हैं सामान्य उद्देश्य common objectives की। जिसमें से 3 विषय आधारित होने चाहिए और 2 उप-विषय के आधार पर उद्देश्य का निर्माण किया जाना चाहिए।जैसे – छात्रों में सामाजिक मूल्यों का विकास हो सकेगा।(विषय आधारित उद्देश्य)।

Social Science lesson plane in hindi

तीसरा चरण – फिर आते हैं विशिष्ट उद्देश्य specific objectives इन उद्देश्यो के अंदर ज्ञानात्मक उद्देश्य , भावात्मक उद्देश्य और क्रियात्मक या अनुप्रयोगात्मक उद्देश्य आते हैं।

ज्ञानात्मक उद्देश्य (Cognitive Purpose) – ज्ञानात्मक उद्देश्य में वो उद्देश्य आते हैं जिसे पढ़कर छात्रों में ज्ञानात्मक पक्ष का विकास हो सकें यह topic से संबंधित होते हैं अर्थात सभी विशिष्ट उद्देश्य का निर्माण प्रकरण Topic के आधार पर ही होता हैं। जैसे माना हमारा प्रकरण topic संविधान हैं तो हमारा विशिष्ट उद्देश्य होगा कि छात्र संविधान का अर्थ बता सकिंगे।

भावात्मक उद्देश्य (Affective Purpose) – भावात्मक उद्देश्य का अर्थ होता है कि उस प्रत्यय topic के जरिये छात्रों के भावात्मक पक्ष का विकास कर सकते उस प्रत्यय का।
जैसे- छात्रों में संविधान के प्रति आस्था-भाव का निर्माण हो सकेगा।

अनुप्रयोगात्मक उद्देश्य (Application Purpose) – इसका उद्देश्य छात्रों के क्रियात्मक पक्ष का विकास करना होता है , जिसे पढ़कर वह उसे अपनी वास्तविक जिंदगी में उस ज्ञान को क्रिया रूप दे सकें।

पूर्व ज्ञान previous knowledge – जिस संबंध में छात्रों से प्रस्तावना प्रश्न पूछे जाते है उस हिसाब से पूर्व ज्ञान का अनुमान लगाया जाता हैं। ताकि छात्रो में सृजनात्मक creativity का भी विकास हो सकें। जैसे – छात्र भारत देश के विषय में सामान्य जानकारी रखते हैं।

सहायक सामग्री accessories – जिन वस्तुओं के साथ शिक्षक शिक्षण कार्य सम्पन्न करता हैं उसको सहयक सामग्री कहते हैं जैसे – श्यामपट्ट (Blackboard) , पुस्तक , डस्टर , चोक , आदि।

प्रस्तावना प्रश्न introduction question – Social Science lesson plane बनाने के लिए प्रस्तावना प्रश्न छात्रों के पूर्व ज्ञान के आधार पर पूछे जाते हैं और प्रत्येक प्रश्न Z form में होने चाहिए अर्थात उत्तर से ही दूसरे प्रश्न का निर्माण होना चाहिए और अंत का 3-4 प्रश्न समस्यात्मक होना चाहिये बिना समस्या उत्त्पन्न किये प्रकरण पढ़ाना उचित नही हैं।
जैसे फ़ोटो में आपको दिखा रखा हैं। प्रश्नों को छात्र-अध्यापक क्रियाए के अंतर्गत रखते हैं और उत्तरों को छात्र क्रियाए के अंदर रखते हैं क्योंकि उन प्रश्नों के उत्तर हमे छात्रों द्वारा प्राप्त होता हैं।

प्रस्तुतिकरण presentation – अपने पाठ को पढ़ाने के लिए आपको एक नीति बनानी पड़ती हैं उस नीति को हम कैसे लागू कारिंगे कोन-कोन से प्रश्न कारिंगे , कौन से प्रश्नों के उत्तर छात्रों से देने को कहिंगे समस्त कार्यो को हम लिखित रूप प्रस्तुतिकरण के अंतर्गत ही देते हैं।
सर्वप्रथम हम कुछ columns का निर्माण करते हैं जैसे image में आपको नजर आ रहा हैं पहले आता हैं, शिक्षण बिंदु फिर छात्र अध्यापक क्रियाए , छात्र क्रियाए , शिक्षण-विधि , सहायक-सामग्री, श्यामपट्ट कार्य(Black-Board Work), और अंत में मूल्यांकन।
अब हम जनिंगे की इनके अंदर किन चीजों का समावेश कहा करना हैं –

प्रस्तुतिकरण Presentation –

सर्वप्रथम हम छात्रों से विकासात्मक प्रश्न (Developmental Questions) कारिंगे जिनकी संख्या 2-3 के मध्य होगी ।

शिक्षण बिंदु teaching points – शिक्षक जिस पाठ के जिस बिंदु points को छात्रों को पढ़ाता है जिस point का वो छात्रो के मध्य discuss करता हैं उसे हम शिक्षण बिंदु कहते हैं तथा हम sub-topic के स्थान पर भी ले सकते हैं।

छात्र-अध्यापक या छात्र-अध्यापिका क्रियाएं pupil- teacher activities –शिक्षक छात्रों को जो प्रकरण topic पढ़ाता हैं उसके संबंध में कुछ भी explane करता है या फिर प्रश्न करता हैं वो सभी का समावेश हमे इस coloum में करना होता हैं।

छात्र क्रियाए student activities – छात्रों की अनुक्रिया को हम इस columns के अंतर्गत रखते हैं जैसे – उत्तर प्राप्त होना निरुत्तर होना आदि।

शिक्षण-विधि teaching-method – हम जिस topic को explane करते हैं वो किस तरीके से कर रहे हैं अर्थात कौन-कौन सी शिक्षण- विधि के साथ हम छात्रों को पढ़ा रहे हैं उसको हम शिक्षण-विधि के columns में लिखते हैं।

सहायक सामग्री accessories – हम उस topic को पढ़ाने के लिए जिन वस्तुओं की सहायता लेते हैं उसे सहायक सामग्री कहते हैं जैसे – चार्ट , मॉडल , पुस्तक , आदि।

श्यामपट्ट कार्य blackboard work – topic को explane करने के लिए हम श्यामपट्ट में जो कुछ भी लिखते है उसको black chart में लिखकर हमे श्यामपट्ट वाले columns में चिपकाना भी होता हैं।

मुल्यांकन evaluation – topic के अंत होने पर एक प्रश्न मूल्यांकन के तौर पर पूछा जाता है उस एक प्रश्न को हम मूल्यांकन में लिखते है और उसके प्राप्त उत्तर को हम छात्र क्रिया वाले columns में लिखते है बाकी के प्रश्नों को हम छात्र-अध्यापक क्रियाए वाले columns में लिखते हैं।

पुनरावृत्ति प्रश्न repetition question – प्रस्तुतिकरण समाप्त होने के बाद हम पढ़ाये गए topic में से छात्रों से पुनः प्रश्न करते हैं। यह प्रश्न पहले पूछे गए प्रश्नों से भिन्न होने चाहिए।

गृह-कार्य home-work – ओर lesson plane के अंत में हम छात्रों को घर के लिए ग्रह- कार्य देते हैं गृह-कार्य में कम से कम और ज्यादा से ज्यादा 2-3 प्रश्न ही होने चाहिए।

निष्कर्ष Conclusion –

पाठ योजना Social Science lesson plane के निर्माण में हमे सिर्फ अपनी शिक्षण नीति एवं योजनाओं को लिखित रूप देना होता हैं इन बिंदुओं के माध्यम से। पाठ योजना बनाने का उद्देश्य सिर्फ इतना होता हैं कि आप अच्छा शिक्षण कर सकें। परन्तु अगर आप lesson plane अच्छे और साफ तरीके से बना रहे हैं और आपका क्रियात्मक पक्ष अर्थात teaching सही नहीं हैं तो उस lesson plane का कोई मूल्य नहीं इसीलिए आप जब भी शिक्षण कार्य करें तो उस topic का पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर लें।

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1 thought on “Social Science lesson plane in hindi”

  1. Thank you very much sir
    इस कोरोना काल में आपकी पोस्ट बहुत फायदेमंद साबित हो रही है
    आपने जिस तरह से लेसन प्लान के बारे में बताया है उस से मेरे लेसन प्लान को लेकर जो जो doubts थे वो क्लियर हो गए हैं
    अब मैं आसानी से पाठ योजना बना सकूंगा।
    धन्यवाद sir
    आपकी ओर भी पोस्ट बहुत अच्छी लगी।
    आपकी अगली पोस्ट का इंतजार रहेगा sir

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