विशिष्ट शिक्षा Special Education विशेष छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा हैं। जिनकी शारीरिक संरचना एवं मानसिक स्थिति अन्य सामान्य छात्रों से भिन्न हैं। सामान्य शब्दों में दिव्यांग एवं मानसिक अस्थिरता वाले छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा को ही विशिष्ट शिक्षा कहा जाता हैं।
इस प्रकार की शिक्षा की व्यवस्था हेतु शासन एवं प्रशासन पृथक रूप से व्यवस्था करते हैं,अर्थात ऐसे छात्रों की शिक्षा हेतु अलग से विद्यालयों की स्थापना की जाती हैं। जिससे उनके विकास में किसी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न न हों। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जनिंगे की विशिष्ट शिक्षा क्या हैं? What is Special Education.
विशिष्ट शिक्षा क्या हैं? |What is Special Education in Hindi
विशिष्ट शिक्षा समावेशी शिक्षा का सम्पूर्ण रूप हैं। जिसमें छात्रों की वैयक्तिक भिन्नता का ध्यान रखा जाता हैं। यह शिक्षा सामान्य छात्रों को दी जाने वाली शिक्षाओं से भिन्न होती हैं। शिक्षा की इस पद्यति में विशेष प्रकार की शिक्षा विधियों एवं प्रविधियों का सहारा लिया जाता हैं।
जिससे विशिष्ट बालकों को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराए जा सकें। इस शिक्षा में ना सुन पाने वाले छात्रों को कुछ संकेत या चिन्ह दिखा कर एवं दृष्टिहीन छात्रों को स्पर्शता के माध्यम से पढ़ने-लिखने के कौशलों का विकास किया जाता हैं।
जिससे भविष्य में उन्हें आत्मनिर्भरता में किसी समस्या का सामना न करना पड़े। यह आत्म-सम्मान प्राप्त करवाने एवं दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने में अपनी महत्वपुर्ण भूमिका निभाती हैं।
यह विशिष्ट छात्रों (दिव्यांग,दृष्टिहीन,श्रव्यहीन आदि) के लिए वह मार्ग प्रशस्त करने का कार्य करती हैं। जिस मार्ग पर चलकर वह छात्र अपना सर्वांगीण विकास करते हैं एवं समाज के विकास हेतु अपना सहयोग प्रदान करते हैं।
विशिष्ट शिक्षा की परिभाषा |definition of Special Education
हंट महोदय के अनुसार – “विशिष्ट शिक्षा वह शिक्षा हैं जो शारीरिक,संवेगात्मक एवं सामाजिक विशेषताओं में सामान्य बालकों की शिक्षा से भिन्न हैं।”
कर्क महोदय के अनुसार – “विशिष्ट शिक्षा शब्द उस शिक्षा के लिए प्रयोग होता हैं जो विकलांगता एवं प्रतिभाशाली छात्रों को प्रदान की जाए।”
विशिष्ट शिक्षा की विशेषता |Characteristics of Special Education
1. यह विशिष्ट छात्रों के आत्म-सम्मान एवं आत्मविश्वास में वृद्धि करने का कार्य करती हैं।
2. यह उनको जीविकोपार्जन करने के अवसर प्रदान करती हैं। जिससे वह गौरवान्वित अनुभव कर अपना जीवन-यापन कर सकें।
3. यह ऐसी शिक्षण-विधियों एवं प्रविधियों का विकास करती हैं। जिससे विशिष्ट छात्रों को शिक्षा प्रदान करने में सहायता प्राप्त हो सकें।
4. यह विशेष बालको को समाज के साथ समायोजन करने एवं सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देने के कौशलों का विकास करती हैं।
5. यह उनके विकास में बाधक तत्वों को दूर कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने में सहायता करती हैं।
6. यह विशिष्ट बालकों हेतु सहायक सामग्रियों को विशिष्ट शिक्षा special education के अनुरूप पाठ्यक्रम एवं सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों का निर्माण करती हैं।
विशिष्ट शिक्षा की उपयोगिता एवं लाभ |Benefits and Importance of Special Education
इस शिक्षा के द्वारा विशिष्ट छात्रों (special students) की मनोस्थिति एवं उनकी आवश्यकताओं को समझ पाना सरल हो जाता हैं। इस शिक्षा से हम उनकी समस्याओं का आकलन एवं चयन कर उसके समाधान हेतु विभिन्न प्रयास कर सकते हैं।
यह शिक्षा में समानता के अवसर एवं शिक्षा के अधिकार के सिद्धांतों की पूर्ति करता हैं। जिससे वह अपने जीवन में आत्मनिर्भर एवं सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने में सक्षम हो पाते हैं। विशिष्ट शिक्षा विशेष छात्रों के जीवन में एक ऊर्जा का प्रवाह करती हैं।
जिससे उनके संवेगात्मक तत्वों में संतुलन बने रहता हैं। यह ऐसे छात्रों की शिक्षा हेतु उचित वातावरण का निर्माण करती हैं एवं उन्हें ऐसे अवसर प्रदान करती हैं। जिनसे वह वंचित रहते आए हैं।
निष्कर्ष |Conclusion
विशिष्ट शिक्षा का उपयोग असमान्य वर्ग के छात्रों हेतु किया जाता हैं। जो शारीरिक एवं मानसिक रूप से सामान्य बच्चों से भिन्न होते हैं। यह ऐसे बालकों का संज्ञानात्मक विकास एवं सर्वांगीण विकास करने का प्रयास करता हैं, जिन्हें समाज प्रायः सहानुभूति की दृष्टि से देखता हैं।
यह शिक्षा के अधिकार के सिद्धांतों का पालन कर, उचित शिक्षा प्राप्त करने के वातावरण का निर्माण करता हैं। तो दोस्तों आज आपने जाना कि विशिष्ट शिक्षा क्या हैं? (What is Special Education in Hindi) अगर हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो और आगे भी ऐसी ही पोस्ट पढ़ने में रुचि रखते हैं, तो सोशल मीडिया में हमें अवश्य फॉलो करें।
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