नौकरशाही | Bureaucracy in Hindi

नौकरशाही Bureaucracy उस व्यवस्था का नाम हैं, जिसमें किसी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कुछ लोगों को संगठित कर उन्हें भिन्न-भिन्न कार्य सौंप दिए जाते हैं। नौकरशाही को कई विद्यान लालफीताशाही नाम से भी संबोधित करते हैं परंतु इन दोनों में भिन्नता देखने को मिलती हैं।

यह एक व्यवस्था हैं जिसका निर्माण पद-सोपान व्यवस्था पर आधारित होता हैं तथा इसके अंतर्गत होने वाली क्रिया किसी निश्चित स्थान पर बैठकर की जाती हैं। आज हम सरल शब्दों में जनिंगे कि नौकरशाही क्या हैं? What is Bureaucracy

नौकरशाही | Bureaucracy

Bureaucracy kya hai

यह एक संगठन हैं जिसका संचालन उच्च अधिकारियों द्वारा किया जाता हैं। सामान्य तौर पर हम इसे समझें तो किसी भी कार्यालय,प्रशासन एवं संगठन में कार्य करने वाला प्रत्येक व्यक्ति नौकरशाही हैं। जो किसी क्षेत्र विशेष में राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यो का क्रियान्वयन करता हैं।

इसके अंतर्गत मुख्य अधिकारी,अधिकारी एवं कर्मचारी सभी किसी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु क्रियाशील रहते हैं। इसके अंतर्गत व्यक्तियों को उनकी योग्यतानुसार कार्यो का आवंटन किया जाता हैं। यह सभी अपने-अपने क्षेत्र एवं कार्यों के प्रति उत्तरदायी होते हैं।

नौकरशाही की परिभाषा | Definition of Bureaucracy

1) वेबर महोदय के अनुसार -“यह एक प्रशासकीय व्यवस्था है, जिसमें निष्पक्षता,योग्यता एवं मानवता का अभाव होता हैं।”

2) विलोबी महोदय के अनुसार -“यह ऐसी प्रणाली है जिसमें लोक-सेवक का कार्य पद-सोपान के आधार पर संगठित होता हैं तथा जो प्रभावकारी सार्वजनिक नियंत्रण से बाहर होता हैं।”

नौकरशाही की विशेषता | Characteristics of Bureaucracy

◆ इसका संगठन पद-सोपान क्रम में आधारित होता हैं।

◆ यह विभिन्न लोगों का समूह हैं, जिसके अंतर्गत भिन्न-भिन्न योग्यता रखने वाले व्यक्ति कार्य करते हैं।

◆ इसके अंतर्गत विशेष योग्यता रखने वाले व्यक्ति ही कार्य करते हैं।

◆ यह सभी अपने उच्च अधिकारियों के आदेशों का निर्वहन एवं क्रियान्वयन करने हेतु बाध्य होते हैं।

◆ यह प्रायः मूल्यविहीन होती हैं, अर्थात इसमें मानवता जैसे गुण कम ही देखने को मिलते हैं।

नौकरशाही के कौन-कौन से दोष हैं?

1) गौरव की प्रधानता – इसके अंतर्गत अधिकारियों में प्रधानता का भाव आ जाता हैं। वह स्वयं को विशेष समझने लगते हैं। जिस कारण वह जनता से मिलने और उनकी समस्याओं को समझने में विफल सिद्ध होते हैं।

2) लालफीताशाही – यह नौकरशाही का सबसे बड़ा दोष हैं। इसके अंतर्गत अधिकारी अपने कार्यों को कानून के दायरे में करने हेतु मानवता जैसे भावों की बली चढ़ा देते हैं। जिससे जनता को समस्या का सामना करना पड़ता हैं।

3) निरंकुशता – इसके अंतर्गत अधिकारी स्वयं को इतना विशेष समझने लगते हैं कि वह कई कार्यों को करने के आदेश स्वयं ही दे देते है। जिससे जनता में प्रशासन के प्रति कटुता का भाव जन्म लेता हैं।

4) भ्रष्टाचार – यह वह दोष हैं जो अधिकांश प्रशासकीय क्षेत्रों में देखने को मिलता है। प्रायः पैसे (₹) देने पर कई कार्य जल्दी हो जाते हैं। जिस कारण अधिकारी बिना धन के कार्य करने को बोझ समझते हैं। जिस कारण निर्धन वर्ग के लोगों के काम देरी से होते हैं। वो भी जब अनेको बार कार्यालय के चक्कर लगाते हैं।

इन समस्त दोषों को दूर करने के क्या उपाय हैं?

इन समस्त दोषों को दूर करने हेतु ऐसे अधिकारियों का चयन करना चाहिए। जिनमें सहयोग का भाव हो जो मानवता प्रेमी हो एवं जो कर्तव्यनिष्ठ हो। सत्ता का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए अर्थात किसी विशेष स्तर के व्यक्ति को स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार नही दिया जाना चाहिए।

ऐसे संगठन का निर्माण किया जाना चाहिए, जहाँ जनता अपनी शिकायतो को दर्ज करवा सकें और उसका समाधान जल्द किये जाने की सुविधा हो। जिससे अधिकारी अपनी मनमानी न कर पाए और भ्रष्टाचार को रोका जा सकें। नागरिकों को उनके कर्तव्यों एवं अधिकारों से संबंधित एवं प्रशासकीय शिक्षा दी जानी चाहिए। जिससे वह शासन-प्रशासन के कार्यो के प्रति जागरूक हो सकें।

विकास में नौकरशाही | Bureaucracy in Development

विकास के समस्त कार्यों में नौकरशाही का सीधा संबंध होता हैं। वह इसीलिए क्योंकि सरकार की प्रत्येक योजनाओं का क्रियान्वयन नौकरशाही द्वारा ही किया जाता हैं और किसी भी लाभान्वित योजना की सम्पूर्ण सफलता उसके क्रियान्वयन में निर्भर करती हैं और यह तभी संभव है जब नौकरशाही अपने कर्तव्यों एवं कार्यो के प्रति सक्रिय एवं उत्तरदायी हो।

निष्कर्ष

राष्ट्रीय विकास,सार्वजनिक विकास,संप्रभुता एवं लोकतंत्र की भावनाओं का विकास करने हेतु यह अति आवश्यक हैं कि राष्ट्र की नौकरशाही को प्रशस्त किया जाए क्योंकि यह जितना सक्रिय एवं गुणवान होगा उस देश का विकास भी उसी के अनुरूप होगा।

दोस्तों आज अपने जाना कि नौकरशाही क्या हैं? (Bureaucracy in Hindi) इसकी परिभाषा, विशेषता,दोष एवं समाधान। अगर आपको हमारी यह पोस्ट ज्ञानवर्द्धक लगी हो तो इसे अपने मित्रों के साथ भी अवश्य शेयर करें।

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