मौलिक कर्तव्य

मौलिक कर्तव्य

मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties) का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 (क) एवं भाग 4 (क) में किया गया हैं। वर्तमान में मौलिक कर्तव्यों की संख्या 11 है, अर्थात 11 मौलिक कर्तव्य है जिनका पालन करना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य हैं। मौलिक कर्तव्यों में उन समस्त बातों को जोड़ा गया है जो राष्ट्र की भावना एवं संप्रभुता को बढ़ावा देते हैं।

मौलिक कर्तव्यों के निर्माण के पीछे यह उद्देश्य है कि प्रत्येक नागरिकों को यह एहसास कराया जाए कि सर्वप्रथम राष्ट्र की स्वतंत्रता एवं संप्रभुता है, अर्थात प्रत्येक कार्य एवं प्रत्येक लक्ष्य के आगे राष्ट्रहित होना चाहिए। भारतीय मौलिक कर्तव्यों में संविधान का पालन करना, तिरंगे का सम्मान, राष्ट्रगान के प्रति आदर-सम्मान का भाव रखना एवं सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करने जैसे विचारों को सम्मिलित किया गया हैं।

तो आइए जानते है कि मौलिक कर्तव्य क्या हैं (What is Fundamental Duties) और हमारे कौन-कौन से मौलिक कर्तव्य हैं।

मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties)

मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties) क्या हैं?

भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों हेतु 11 मौलिक कर्तव्यों का निर्माण किया गया है जिसे प्रत्येक नागरिक द्वारा मानना अनिवार्य हैं। मौलिक कर्तव्यों को 42 वें संवैधानिक संशोधन द्वारा संविधान में अंगीकार किया गया। इसकी संरचना का निर्माण रूस की संरचना के आधार पर किया गया हैं। सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर इसकी संरचना निर्धारित की गई हैं।

प्रारंभ में मौलिक कर्तव्यों की संख्या 10 थी। जिसके बाद 11 वें कर्तव्य को भारतीय संविधान के 86 वें संवैधानिक संशोधन द्वारा जोड़ा गया। तो आइए जानते है कि हमारे 11 मौलिक कर्तव्य कौन-कौन से हैं-

1. प्रथम कर्तव्य यह है कि समस्त भारतीय नागरिकों को संविधान का आदर-सम्मान करना होगा और साथ ही उसको सर्वमान्य मानकर उसका पालन करना होगा और इसके साथ ही तिरंगा व राष्ट्रगान का आदर-सम्मान करना।

2. जिन गौरवपूर्ण व्यक्तियों के कार्यों ने हमें आजादी दिलवाई एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जिन्होंने अपना बलिदान दिया उनका आदर व सम्मान करना।

3. राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करना और उसका आदर एवं गौरवपूर्ण सम्मान करना।

4. राष्ट्र की विचारधारा और राष्ट्र के आदर्श मूल्यों की रक्षा करना।

5. भारतीय संस्कृति का संरक्षण कर उसे बढ़ावा देना।

6. प्रत्येक नागरिकों को एकसमान आदर एवं सम्मान देना एवं उसको प्राप्त अधिकारों का सम्मान करना।

7. प्राकृतिक संपदा का संरक्षण करना और उसकी वृद्धि हेतु अनेको प्रयत्न करना।

8. वैज्ञानिक मानदंडों को अपनाना और राष्ट्र के विकास हेतु नवीन ज्ञान के क्षेत्र में वृद्धि करना।

9. भारतीय सार्वजनिक संपत्ति की प्रत्येक परिस्थिति में रक्षा करना उसे हानि न पहचाना।

10. राष्ट्र के विकास हेतु सामाजिक कार्यो में अपना योगदान देना।

11. यह प्रत्येक माता-पिता का उत्तरदायित्व होगा कि वह अपने बच्चो को प्राथमिक निःशुल्क शिक्षा (6 से 14 वर्ष) प्रदान करवाए।

इन समस्त मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) को प्रत्येक नागरिक के पालन करने हेतु प्रावधान किया गया हैं। इन समस्त कर्तव्यों को आदर-सम्मान एवं इन्हें अपना उत्तरदायित्व समझकर इनका पालन करना अनिवार्य घोषित किया गया हैं।

दोस्तों आज आपने जाना कि मौलिक कर्तव्य क्या है और कितने हैं? अगर आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी और ज्ञानवर्द्धक लगी हो तो इसे अपने मित्रो के साथ भी सांझा करें। जिससे वह भी राष्ट्र के प्रति अपने उत्ततदायित्वो को समझकर उसका पालन करें।

18 Comments

  1. Nikita Meena

    I have a sociology question … Can you give me answer??

  2. Suruchi mehta

    Sir ap bhut ache se simple vakya bnate h jese jada smj aata h . Sir ap jada material bnaya kro . Apke website se pdna bhut acha lgta h ap isi trha simple words bnate rhana .

    • सुरुचि आपके इस सुझाव से हमें अति प्रशन्नता हुई।

  3. अनिल कुशवाहा

    आपका यह मौलिक कर्तव्य की जानकारी लोगों तक पहुंचाना आपका अत्यंत सराहनीय कार्य है इससे एक अच्छे राष्ट्र निर्माण के लिए मौलिक कर्तव्य की जानकारी एवं उनका सम्मान करना निश्चय ही राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए आपको हृदय से बहुत-बहुत आभार।

  4. Saniya tak

    Nicely explained👍🏻. Thank you

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