निदानात्मक परीक्षण Diagnostic Test वह परीक्षण है जिसके द्वारा छात्रों की समस्याओं का चयन किया जाता हैं। इस परीक्षण का माध्यम बहुविकल्पीय प्रश्न होते है। इसके द्वारा छात्रों की समस्याओं का निदान होता हैं इसलिए इसे निदानात्मक परीक्षण कहा जाता हैं।
यह औपचारिक और अनोपचारिक दोनों प्रकार से किया जा सकता हैं। यह छात्रों की बौद्धिक क्षमता की जांच करने एवं व्यक्तियों की समस्याओं को खोजने में सहायता प्रदान करता है। आज हम जनिंगे की निदानात्मक परीक्षण क्या हैं एवं इसकी परिभाषा। What is Diagnostic Test.
निदानात्मक परीक्षण क्या हैं? (What is Diagnostic Test)
निदानात्मक परीक्षण का शुरुआती शब्द ‘निदान’ अंग्रेजी भाषा के ‘डियग्नोसिस’ शब्द का हिंदी रूपांतरण है। जिसका अर्थ है किसी समस्या या कठिनाइयों को दूर करना। फिर चाहे वह कोई भी और कैसी भी समस्या क्यों न हों। इस परीक्षण में निरीक्षण विधि,परीक्षण विधि,साक्षात्कार विधि एवं संचयी अभिलेख आदि विधियों का प्रयोग किया जाता हैं।
यह परीक्षण शैक्षिक आधुनिकता एवं नवाचार पद्यति के विकास का ही एक परिणाम हैं। यह एक प्रकार से मूल्यांकन संबंधित कार्य कराया हैं। यह छात्रों के विशिष्ट विषय या विशिष्ट प्रकरण में कमजोरी को दर्शाने का कार्य करता है।
यह सामुदायिक या व्यक्तिगत दोनों रूपो में इस परीक्षण का उपयोग किया जाता हैं। एक बार समस्या का पता चल जाने पर निदानात्मक परीक्षण का कार्य खत्म हो जाता हैं और उपचारात्मक परीक्षण का कार्य शुरू हो जाता हैं। निदानात्मक परीक्षण में प्रश्नों की संरचना कुछ इस प्रकार होती हैं – वस्तुनिष्ठ प्रश्न,सत्य-असत्य एवं रिक्त स्थानों की पूर्ति वाले प्रश्न।
निदानात्मक परीक्षण की परिभाषा (Definition of Diagnostic Test)
● गुड़ के अनुसार -“निदान का अर्थ हैं-अधिगम संबंधित समस्याओं एवं कमियों के स्वरूप का निर्धारण।”
● मरसेल के अनुसार -“जिस शिक्षण में छात्रों की विशिष्ट समस्याओं का निदान करने हेतु विशेष प्रयास किए जाते हैं उसे निदानात्मक परीक्षण कहा जाता हैं।”
● गुड़ व ब्राफी के अनुसार -“यह शिक्षण-अधिगम में छात्रों की समस्याओं के विशिष्ट स्वरूप का निदान करने एवं उनके उत्तरों की सवधमी से जांच करने की प्रक्रिया हैं।”
प्रकार (Types)
निदानात्मक परीक्षण (diagnostic test) मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – निरीक्षण परीक्षण एवं निदानात्मक परीक्षण।
1) निरीक्षण परीक्षण – यह वह परीक्षण होता है जिसके अंतर्गत छात्रों को देख-परख कर उनको व्यक्तिगत रूप से बुलाकर उनसे वार्तालाप करके उनसे उनकी समस्याओं के संबंध में पूछा जाता हैं। इस प्रकार के परीक्षण द्वारा अध्यापक छात्रों की समस्याओं को जानने का प्रयास करते हैं।
2) निदानात्मक परीक्षण – इस प्रकार का परीक्षण वास्तविक परीक्षण होता हैं क्योंकि इसके अंतर्गत छात्रों की बुद्धि,रुचि,अभिवृद्धि एवं उनके व्यावसायिक कौशलों का परीक्षण किया जाता हैं। इसके अंतर्गत छात्रों से वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते है और वह अपने ज्ञान के अनुसार उसके उत्तर देते हैं।
निदानात्मक परीक्षण की आवश्यकता (Needs of Diagnostic Test)
इस परीक्षण द्वारा छात्रों की बौद्धिक क्षमता का आकलन करना आसान हो जाता हैं। इस परीक्षण द्वारा छात्रों की वास्तविक समस्या का पता लगाकर उस समस्या का उपचार किया जाता हैं। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार किया जा सकें।
यह परीक्षण छात्रों की शैक्षिक योग्यता का मापन करता है। यह अध्यापक को यह जानने में उनकी सहायता करता है कि छात्र उसके विषय के किस प्रकरण के किस बिंदु को जानने में असमर्थ रहे हैं। यह ज्ञात हो जाने के पश्चात अध्यापक अपने पढ़ाने के तरीकों एवं विधियों में उचित बदलाव ला सकता हैं। जिससे आगामी शिक्षा एवं शिक्षण को प्रभावशाली बनाया जा सकें।
निदानात्मक परीक्षण का क्या महत्व हैं?
आधुनिक युग शैक्षिक प्राथमिकता का रुग है। इस कारण प्रत्येक राष्ट्र अपनी शिक्षा व्यवस्था को प्रभावशाली बनाने हेतु कार्यरत है और इस मार्ग में निदानात्मक परीक्षण सदैव अपनी अहम भूमिका निभाता रहा हैं।
इस परीक्षण का सबसे महत्वपूर्ण कार्य छात्रों की समस्याओं का पता लगाना है। समस्या का पता चलने के पश्चात ही उचित दिशा में उपचारात्मक परीक्षण की व्यवस्था की जाती हैं। इस परीक्षण के द्वारा छात्रों द्वारा अर्जित ज्ञान का आकलन किया जाता हैं।
निष्कर्ष Conclusion –
यह छात्रों की समस्याओं का उचित रूप से समाधान करने हेतु बेहद महत्वपूर्ण हैं। परंतु यह परीक्षण समय अधिक लेता हैं। जिस कारण प्रत्येक बार यह परीक्षण करना संभव नही और इसकी विश्वसनीय मात्रा भी कम होती हैं।
तो दोस्तो आज आपने जाना कि निदानात्मक परीक्षण क्या हैं? (Diagnostic Test in Hindi) अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे अपने सभी सहपाठियों के साथ अवश्य शेयर करें।
संबंधित पोस्ट – उपलब्धि परीक्षण Achievement Test क्या हैं?
Pepar
Mujhe acha lga
Kuchh kam milega