उपलब्धि परीक्षण (Uplabdhi parikshan) क्या हैं?

उपलब्धि परीक्षण (Uplabdhi parikshan) ऐसे परीक्षणों को कहा जाता हैं, जिसमें एक शिक्षक यह पता करने का प्रयास करता हैं कि जो उसने पढ़ाया बच्चों ने उसे किस मात्रा तक समझा या जाना। यह सभी सूचनाओं की जानकारी हेतु शिक्षक जिस मार्ग का प्रयोग करता हैं उसे उपलब्धि परीक्षण कहा जाता हैं।

उपलब्धि परीक्षण (Uplabdhi parikshan) क्या हैं?

इसके अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि का पता लगाने का प्रयास करता हैं और कुछ ऐसे तरीकों से यह ज्ञात करने की कोशिश करता हैं कि उसने जितना अभी तक पढ़ाया उसमें से छात्रों को कितना समझ आया। प्राप्त किये ज्ञान, कला एवं कौशल का पता लगाने के लिए शिक्षक छात्रों का परीक्षण करता हैं। जैसे आमतौर पर एक शिक्षक यूनिट टेस्ट, विषय आधारित टेस्ट या प्रकरण संबधि टेस्ट लेता हैं। उपलब्धि परीक्षण का प्रयोग लिखित और मौखिक दोनों रूपों में किया जाता हैं।

उपलब्धि परीक्षण (Uplabdhi parikshan) क्या हैं?

उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य

1. छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना।

2. छात्रों के मध्य भेद कर उनमें से मेधावी, औसत एवं मंदबुद्धि छात्रों का चयन करना।

3. छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना।

4. छात्रों की समस्याओं का पता लगाना।

5. छात्रों की रुचि, अभिरुचि एवं उनकी क्षमताओं का पता लगाना।

गुणकारी उपलब्धि परीक्षणों की विशेषता

एक अच्छा परीक्षण वही होता हैं जो छात्रों की समस्याओं का सही-सही पता लगाएं। ऐसे परीक्षणों का प्रयोग करने से पहले यह निश्चित किया जाता हैं कि यह –

● वेध – वेध से आशय हैं कि जिस उद्देश्य से वह परीक्षण किया जाना हैं वह उस उद्देश्य की प्राप्ति कर रहा हैं या नहीं। इसमें छात्रों के स्तर के अनुरूप परीक्षण का निर्माण किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए – अगर किसी परीक्षण का निर्माण 7 वी कक्षा के लिए किया गया हैं तो वह 7वी कक्षा के अनुरूप ही होनी चाहिये।

● विश्वसनीय – उपलब्धि परीक्षण (Uplabdhi parikshan) विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी पुनः परीक्षण करता है तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए।

● भेद करने वाली – एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो दो लोगों के मध्य को जानने में सक्षम हो।

● वस्तुनिष्ठ – एक अच्छा मुल्यांकन वस्तुनिष्ट (Objective) होना चाहिये अर्थात किसी प्राप्त प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र एवं परिस्थिति में एक समान ही आना चाहिए।

उपलब्धि परीक्षण के प्रकार

1. शिक्षक निर्मित|Teacher Made – ऐसे परीक्षण का निर्माण एक शिक्षक स्वयं अपने हाथों से करता हैं ऐसे परीक्षणों का निर्माण शिक्षक यूनिट टेस्ट, विषय संबंधित टेस्ट, अर्द्ध-वार्षिक परीक्षा के लिए करता हैं। ऐसे परीक्षणों को वैध एवं विश्वसनीय नहीं कहा जाता क्योंकि उपलब्धि परीक्षण Uplabdhi parikshan एक निश्चित कक्षा के छात्रों के बौद्विक स्तर की जांच हेतु किया जाता हैं।

2. मानवीकृत परीक्षण|Standardized Test – ऐसे परीक्षणों का निर्माण विभिन्न लोगों द्वारा किया जाता हैं। उन विभिन्न लोगों में बुध्दिजीवी, विषय-विशेषयज्ञ आदि शामिल होते हैं। इन परीक्षणों का पहले हर क्षेत्र में मुल्यांकन किया जाता हैं और ऐसे परीक्षण वेध और विश्वसनीय कहलाते हैं और साथ ही वस्तुनिष्ठ भी होते हैं।

3. मौखिक परीक्षण|Oral Test – ऐसे परीक्षण का उपयोग प्रायः अध्यापक अपनी कक्षा में करते हैं। वह निरंतर छात्रों से पढ़ाये गए प्रकरण से संबंधित प्रश्न पूछते हैं और छात्र उसका उत्तर देते हैं।

4. लिखित परीक्षण|Written Test – ऐसे परीक्षण में प्रश्न लिखित रूप में पूछे जाते हैं और छात्र भी लिखित माध्यम से ही उनका उत्तर देते हैं।

5. प्रयोगात्मक परीक्षण|Practical Test – ऐसे परीक्षणों में छात्रों से क्रिया करवाकर उनके उपलब्धि परीक्षणों की जाँच की जाती हैं। जैसे नृत्य प्रतियोगिता में श्रेष्ठ व्यक्ति के चयन हेतु उनके मध्य नृत्य प्रतियोगिता करवाई जाती हैं।

निष्कर्ष

उपलब्धि परीक्षण का प्रयोग छात्रों की प्राप्त उपलब्धियों की जाँच हेतु किया जाता हैं। इसमें यह प्रयास किया जाता हैं कि छात्रो के मानसिक स्तर और बौद्धिक स्तर में हुएंगे वृद्धि को जानने के लिए उपलब्धि परीक्षणों का प्रयोग किया जाता हैं। दोस्तों आज अपने जाना कि उपलब्धि परीक्षण (Uplabdhi parikshan) क्या हैं? हमारी इस लेख के माध्यम से आपको ज्ञान प्राप्त हुआ हो तो इसे अपने जानने वालों को भी शेयर करें ताकि उनको भी यह जानने का अवसर प्राप्त हो। अपने सुझाव हेतु नींचे दिए गए संदेश बॉक्स पर जाए।

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