कोशिका क्या हैं? |What is Cell in Hindi

कोशिका Cell जीवन की आधारभूत संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई हैं। हमारी पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवधारी उपस्थित हैं। ये सभी जीवधारी एक दूसरे से भिन्न दिखाई देते हैं। उदाहरण के लिए बैक्टीरिया, पेड़-पौधें, पशु- पक्षी, मानव आदि सभी एक दूसरे से अलग दिखाई देते हैं।

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लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन जीवधारियों का शरीर किससे मिलकर बना होता है? ये सभी जीवधारी कोशिका से मिलकर बने होते हैं। कोशिका जीवन की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई होती है।

कोशिका के बिना जीवन की कल्पना असंभव है। तो दोस्तों चलिए आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानने का प्रयास करते हैं कि कोशिका क्या हैं? What is Cell in Hindi

कोशिका क्या है? |What is Cell in Hindi

कोशिका सभी जीवित प्राणियों की आधारभूत इकाई होती है। कोशिका जीवन की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई होती है। कोशिका बहुत छोटी होती हैं इन्हें केवल माइक्रोस्कोप की सहायता से ही देखा जा सकता है।

“The cell is the basic structural and functional unit of life.”

जिस प्रकार से एक दीवार को बनाने के लिए ईंटों का प्रयोग किया जाता है और एक एक ईंट से मिलकर दीवार बनती है उसी प्रकार एक एक कोशिका से मिलकर जीवित प्राणियों का शरीर बना होता है इसीलिए कोशिका को “Building blocks of life” भी कहा जाता है।

Cell की खोज किसने की थी?

कोशिका की खोज सर्वप्रथम Robert Hooke ने 1665 में की। इन्होंने अपने द्वारा बनाए गए माइक्रोस्कोप में पेड़ की छाल से निकले कॉर्क को देखा तो उसमें बॉक्स जैसी संरचना देखी। इस संरचना की तुलना उन्होंने मधुमक्खी के छत्ते (Honeycomb) से की।

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रॉबर्ट हुक ने इन बॉक्सेस को कोशिका का नाम दिया। Cell लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है “Little Room”। रॉबर्ट हुक द्वारा खोजी गयी कोशिका मृत कोशिका थी। जीवित कोशिका को सर्वप्रथम Anton von Leeuwenhoek ने 1674 में खोजा। इन्होंने तालाब के पानी मे सबसे पहले जीवित कोशिका को देखा था।

कोशिका सिद्धांत |Cell Theory in Hindi

कोशिका सिद्धान्त को सर्वप्रथम Schleiden (1838) और Schwann (1839) ने प्रतिपादित किया। आगे चलकर 1855 में Rudolph Virchow ने इस कोशिका सिद्धान्त पर पुनः कार्य किया।

कोशिका सिद्धान्त के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-

1. सभी जीवित प्राणी कोशिका से मिलकर बने होते हैं।

2. कोशिका जीवन की मूलभूत इकाई होती है।

3. सभी नई कोशिकायें पुरानी कोशिकाओं से ही बनी होती हैं।

कोशिका की संख्या के आधार पर जीवों के प्रकार

कोशिका की संख्या के आधार पर जीव दो प्रकार के होते हैं-

1. एककोशकीय जीव (Unicellular Organism) – ऐसे जीव जो केवल एक ही कोशिका से मिलकर बने होते हैं उन्हें एककोशकीय जीव कहा जाता है। उदाहरण- Amoeba, Paramecium

2. बहुकोशिकीय जीव (Multicellular Organism) – जो जीव एक से अधिक कोशिकाओं से मिलकर बनते हैं उन्हें बहुकोशिकीय जीव कहते हैं। उदाहरण- Human, Plants, Animals

कोशिका के प्रकार |Types of Cells

केन्द्रक की संरचना के आधार पर कोशिका दो प्रकार की होती है-

1. प्रोकैरियोटिक कोशिका (Prokaryotic cell) – इस प्रकार की कोशिका में केन्द्रक के बाहर केन्द्रक कला (Nuclear Membrane) उपस्थित नही होती है अर्थात इनमें एक स्पष्ट केन्द्रक उपस्थित नही होता है। उदाहरण- Bacteria, Mycoplasma

2. यूकैरियोटिक कोशिका (Eukaryotic cell) – इस प्रकार की कोशिका में एक भली भांति विकसित केन्द्रक होता है जिसके चारों ओर केन्द्रक कला उपस्थित होती है। उदाहरण- Plants, Animals

कोशिका के प्रमुख भाग |Parts of a cell

कोशिका सभी सजीवों के शरीर की मूलभूत इकाई होती है। कोशिका वो सभी कार्य कर सकती है जो कि हम कर सकते हैं। इन सभी कार्यो को करने के लिए कोशिका में अनेक संरचनाएं उपस्थित होती हैं यानि कि कोशिका के कई भाग होते हैं। कोशिका के मुख्य भाग निम्नलिखित प्रकार से हैं-

◆ कोशिका झिल्ली (Cell Membrane)- किसी भी कोशिका की सबसे बाहरी परत को कोशिका झिल्ली कहा जाता है। कोशिका झिल्ली एक Semipermeable Membrane होती है यह कुछ चयनित पदार्थों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन, जल आदि को ही कोशिका से अंदर और बाहर जाने देती है। इसके साथ ही यह कोशिका को एक आकार भी प्रदान करती है। कोशिका झिल्ली को Plasma Membrane भी कहा जाता है।

◆कोशिका भित्ति (Cell Wall) – कोशिका भित्ति, कोशिका झिल्ली के बाहर उपस्थित एक दूसरी परत होती है। यह केवल पादप कोशिका (Plant Cell) में ही उपस्थित होती है। कोशिका भित्ति पादप कोशिका को आकार, सुरक्षा और कठोरता प्रदान करने का कार्य करती है।

◆केन्द्रक (Nucleus) – केन्द्रक कोशिका में उपस्थित एक संरचना है जो पूरी कोशिका तथा उसके कार्यों को नियंत्रित करने का कार्य करता है इसीलिए इसे “Brain of the Cell” भी कहा जाता है। कोशिका में उपस्थित केन्द्रक (Nucleus) की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने 1831 में की।केन्द्रक के भीतर एक द्रव्य उपस्थित होता है जिसे केन्द्रकद्रव्य (Nucleoplasm) कहते हैं।

केन्द्रक के चारों ओर केन्द्रक कला (Nuclear Membrane) होती है। इस केन्द्रक कला में छिद्र होते हैं जो केन्द्रक और कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) के मध्य पदार्थों के आवागमन (Movement) को नियंत्रित करते हैं।

केन्द्रक के भीतर एक और संरचना होती है जिसे Nucleolus कहते हैं। Nucleolus, राइबोसोम (Ribosomes) का निर्माण करते हैं जो कि प्रोटीन को बनाने का कार्य करते हैं।

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केन्द्रक में धागे नुमा आकृति होती है जिसे Chromatin कहा जाता है। ये क्रोमेटिन कोशिका विभाजन के दौरान एक रॉड जैसी आकृति बना लेते हैं। इस रॉड जैसी आकृति को क्रोमोजोम (Chromosomes) कहते हैं। क्रोमोजोम में DNA होते हैं और डीएनए में जीन (Genes) होती है जो माता-पिता से आनुवांशिक गुणों को उनके बच्चों तक पहुँचाने का कार्य करती हैं।

◆ कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) – कोशिका में जैली जैसा पदार्थ उपस्थित होता है जिसे कोशिकाद्रव्य कहते हैं। कोशिकाद्रव्य में अनेक अन्य संरचनाएं होती हैं। इन संरचनाओं को Cell Organelles कहा जाता है। प्रत्येक Cell Organelle कोशिका में एक विशिष्ट कार्य को करता है।

कोशिकाद्रव्य में पाए जाने वाले मुख्य Cell Organelle निम्नलिखित प्रकार से हैं –

माइटोकांड्रिया (Mitochondria) – माइटोकांड्रिया जंतु (Animal) और पादप (Plant) कोशिका दोनों में पाए जाते हैं। ये पचाए गए भोजन का ऑक्सीकरण करके ऊर्जा प्रदान करते हैं इसीलिए माइटोकांड्रिया को “Powerhouse of the Cell” भी कहते हैं। ये ATP के रूप में ऊर्जा प्रदान करते हैं।

राइबोसोम (Ribosomes) – राइबोसोम छोटी-छोटी संरचनाएं होती हैं जो Endoplasmic Reticulum की सतह पर अथवा कोशिकाद्रव्य में बिखरे हुए होते हैं। राइबोसोम प्रोटीन निर्माण (Protein Synthesis) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Endoplasmic Reticulum – Endoplasmic Reticulum केन्द्रक से जुड़े हुए रहते हैं और एक जाल की तरह कोशिकाद्रव्य में उपस्थित होते हैं। Endoplasmic Reticulum दो प्रकार के होते हैं-

i) Rough Endoplasmic Reticulum (RER) – जब Endoplasmic Reticulum की सतह पर राइबोसोम पाए जाते हैं तो उन्हें RER कहते हैं। ये प्रोटीन निर्माण के लिए सतह प्रदान करते हैं।

ii) Smooth Endoplasmic Reticulum (SER) – जिस Endoplasmic Reticulum की सतह पर राइबोसोम नही पाए जाते उन्हें SER कहते हैं। ये लिपिड का निर्माण करने में सहायक होते हैं।

गोल्गी बॉडीज़ (Golgi Bodies) – Golgi Bodies पदार्थों को स्टोर करने, उनमें बदलाव करने और उनकी पैकिंग करने का काम करते हैं। पादप कोशिका में Golgi Bodies स्पष्ट रूप में नही पाए जाते हैं इसलिए पादप कोशिका में इन्हें Dictyosomes के नाम से जाना जाता है।

Lysosome – Lysosome कोशिकाद्रव्य में पाई जाने वाली छोटी तथा गोलाकार संरचनाएं होती हैं। Lysosome के भीतर पाचक एंजाइम होते हैं जो हानिकारक कणों को पचाने का काम करते हैं। अगर कभी कोशिका को क्षति हो जाती है तो यह स्वयं की कोशिका को भी पचा लेते हैं इसलिए Lysosome को आत्मघाती थैली (Suicidal bags) भी कहा जाता है।

Vacuoles – ये थैली के आकार जैसी आकृति होती हैं जो कोशिका में भोजन, जल, मल इत्यादि को स्टोर करने के काम करती हैं। जन्तु कोशिका में ये छोटे आकार की तथा संख्या में अधिक पायी जाती हैं परंतु पादप कोशिका में Vacuole का आकार बहुत बड़ा होता है तथा इनकी संख्या कम होती है। ये पादप कोशिका में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

लवक (Plastids) – लवक केवल पादप कोशिका में पाए जाते हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं-

i) Chloroplast- पादपों में पाए जाने वाले हरे रंग के लवक को Chloroplast कहते हैं। इनका यह हरा रंग क्लोरोफिल के कारण होता है जो प्रकाश संश्लेषण की प्रकिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ii) Chromoplast- ऐसे लवक जिनमें हरे रंग को छोड़कर अन्य कोई रंग पाए जाते हैं उन्हें क्रोमोप्लास्ट कहते हैं।

iii) Leucoplast- ये रंगहीन लवक होते हैं। इनका कार्य भोज्य पदार्थों जैसे स्टार्च, प्रोटीन और फैट को स्टोर करना होता है।

निष्कर्ष – Conclusion

तो इस प्रकार आज हमने देखा कि कोशिका में अनेक संरचनाएं पाई जाती हैं जिनकी सहायता से कोशिका वो सभी कार्य करती है जो हम करते हैं और इसी कारण से इसे जीवन की संरचनात्मक और क्रियात्मक ईकाई कहा जाता है।

कोशिका सभी सजीवों के जीवन की मूलभूत ईकाई होती है। अलग-अलग जीवों में कोशिका की संख्या तथा आकार में भिन्नता पाई जा सकती है परन्तु कोशिका के बिना किसी भी जीव के जीवन की कल्पना असंभव है।

तो दोस्तों आज आपने जाना कि कोशिका क्या हैं? (What is Cell in Hindi) हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो। इस पोस्ट के संबंधित यदि आपके पास कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट बॉक्स का उपयोग कर सकते हैं और सोशल मीडिया पर भी हमें फॉलो कर सकते हैं।

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