मानव पाचन तंत्र |Human Digestive System in Hindi

मानव पाचन तंत्र Human Digestive System किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवधारियों को जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। यह भोजन हमारे शरीर को विभिन्न कार्यों को करने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। हमे बीमारियों से बचाता है तथा हमारे शरीर की वृद्धि और विकास में सहायक होता है।

human digestive system in hindi

वर्तमान समय में अगर किसी व्यक्ति को पाचनतंत्र से संबंधित कोई समस्या होती हैं। तो ऐसे में उस व्यक्ति का विकास रुक सकता हैं या वह अनेकों बीमारियों का शिकार हो सकता हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता हैं कि हम पाचनतंत्र से संबंधित समस्त जानकारियां प्राप्त करें और संतुलित आहार (Balanced Diet) का ही सेवन करें।

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि शरीर किस प्रकार से भोजन को ग्रहण करता है अथवा भोजन का पाचन कैसे होता है। मानव में पाचन की इस प्रक्रिया को जानने से पहले आइए जानते हैं की मानव में पाचनतंत्र कैसे काम करता हैं? Human Digestive System in Hindi

पाचन क्या है? |What Is Digestion in Hindi

पाचन वह प्रक्रिया है जिसमे भोजन में उपस्थित जटिल पदार्थ सरल पदार्थों में टूटते हैं।

{The process of break down of complex substances into simpler substances is called digestion}

मानव पाचन तंत्र |Human Digestive System in Hindi

मानव पाचन तंत्र (Human Digestive System) आहार नाल (Alimentary Canal) और उससे संबंधित ग्रन्थियों (Glands) से मिलकर बना होता है। मानव आहार नाल मुँह से प्रारंभ होती है तथा मलद्वार (Anus) पर समाप्त होती है। यह आहार नाल विभिन्न भागों से मिलकर बनी होती हैं जो इस प्रकार से हैं-

  1. मुँह (Mouth or Buccal Cavity)
  2. फूड पाइप (Oesophagus)
  3. आमाशय (Stomach)
  4. छोटी आँत ( Small Intestine)
  5. बड़ी आँत (Large Intestine)
  6. मलद्वार (Anus)

1. मुँह (Mouth/Buccal Cavity) – हमारे शरीर मे भोजन का पाचन मुँह से शुरु होता है। हम हाथों की मदद से भोजन को मुँह में डालते हैं। मुँह में दाँत, जीभ और लार ग्रथियां उपस्थित होती हैं।

● दाँत भोजन को काटने और उसे चबाने का काम करते हैं। हमारे मुँह में चार प्रकार के दाँत होते हैं, ये अलग- अलग प्रकार से कार्य करते हैं जैसे-

a) Incisors – भोजन को काटने का कार्य
b) Canines – भोजन को चीरने-फाड़ने का कार्य
c) Premolars – भोजन को चबाने तथा पीसने का कार्य
d) Molars – भोजन को चबाने और पीसने का कार्य

● जीभ भोजन और लार ग्रंथि (Salivary Gland) से निकलने वाली लार को मिक्स करने में सहायक होती है।

● लार ग्रंथि से निकलने वाली लार भोजन को गीला करने में सहायक होती है। लार में Salivary Amylase नामक एक एंजाइम उपस्थित होता है। जो स्टार्च (कार्बोहाइड्रेट का एक प्रकार) को पचाने में सहायता प्रदान करता है और इस प्रकार भोजन का पाचन मुँह से ही प्रारंभ हो जाता है।

मुँह में भोजन थोड़े समय के लिए ही रहता है इसलिए यहां पर भोजन का पाचन पूरा नही होता है।

2. फूड पाइप/ ग्रासनली (Oesophagus) – मुँह के बाद यह भोजन फूड पाइप से होते हुए अमाशय में पहुँचता है। फूड पाइप में मांसपेशियां होती हैं। जैसे ही हम भोजन को निगलते हैं ये मांशपेशियां सिकुड़ने और फैलने लगती हैं। इसे Peristaltic Movement कहा जाता है। इस मूवमेंट की सहायता से ही भोजन मुँह से फूड पाइप से होते हुए अमाशय में पहुँचता है।

3. अमाशय या पेट (Stomach) – अमाशय एक J-आकार का Organ होता है जो बायीं तरफ होता है। अब आगे भोजन का पाचन यहाँ पर होता है। अमाशय में भोजन और छोटे टुकड़ों में विभाजित होता है। जिससे यहां पर भोजन एक Semi- solid पेस्ट के रूप में बन जाता है। अमाशय की दीवारें Gastric Juice निकालती हैं। इस गैस्ट्रिक जूस में तीन प्रकार के पदार्थ उपस्थित होते हैं –

a) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
b) पेप्सिन एंजाइम
c) म्यूकस

● हाइड्रोक्लोरिक एसिड अमाशय के मीडियम को एसिडिक बनाता है क्योंकि पेप्सिन नामक एंजाइम को अपना कार्य करने के लिए एसिडिक मीडियम की आवश्यकता होती है।

● इसके साथ ही हाइड्रोक्लोरिक एसिड, स्टमक में भोजन के साथ प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया को भी मारने का काम करता है।

● पेप्सिन नामक एंजाइम स्टमक में भोजन में उपस्थित प्रोटीन का पाचन (Digestive) करता है।

● म्यूकस स्टमक की लाइनिंग को हाइड्रोक्लोरिक एसिड से बचाने का कार्य करता है।

4. छोटी आँत (Small Intestine) – स्टमक के बाद यह आधा पचा हुआ भोजन छोटी आँत में प्रवेश करता है। छोटी आँत Alimentary Canal का सबसे बड़ा भाग है। छोटी आँत लगभग 7.5m लंबी होती है लेकिन यह काफी नैरो (Narrow) होती है जिस कारण इसे छोटी आँत कहा जाता है। छोटी आँत में ही पूर्ण तरीके से भोजन का पाचन होता है।

छोटी आँत दो ग्रंथियों (लिवर तथा पैंक्रियास) से secretions को ग्रहण करती है। इसके अलावा छोटी आंत की दीवारें भी Intestinal Juice निकालती हैं।

● लिवर (Liver) मानव शरीर मे पाई जाने वाली सबसे बड़ी ग्रन्थि है, यह दाहिनी तरफ होती है। लिवर Bile निकालता है जो भोजन में उपस्थित वसा (Fats) को तोड़ने का काम करता है।

● Pancreas से Pancreatic Juice निकलता है इस जूस में उपस्थित एंजाइम कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट्स को पचाने के कार्य करते हैं।

● छोटी आँत से निकलने वाले इंटेस्टाइनल जूस में अनेक एंजाइम उपस्थित होते हैं। जो भोजन के पूर्ण रूप से पाचन में सहायक होते हैं। इस प्रकार छोटी आँत में भोजन का पूरा पाचन होता है।

छोटी आँत में छोटे-छोटे Finger-like Projections उपस्थित होते हैं, जिन्हें Villi कहा जाता है। छोटी आँत में जब भोजन का पाचन हो जाता है तब छोटी आँत इन Villi की मदद से भोजन के कणों को अवशोषित (Absorb) कर लेती है जो फिर सीधे हमारे रक्त (Blood) में पहुँच जाते हैं।

5. बड़ी आँत (Large Intestine) – भोजन का वह भाग जिसका पाचन हमारा शरीर नही कर पाता। वह छोटी आँत से बड़ी आँत में भेज दिया जाता है। बड़ी आँत अधिक चौड़ी होती है इसलिए इसे बड़ी आँत कहा जाता है। इसकी लंबाई लगभग 1.5m होती है।

बड़ी आँत इस अपचित भोजन में से पानी को अवशोषित कर लेती है। इसके बाद यह अपचित भोजन बड़ी आँत के अंतिम भाग रेक्टम में चला जाता है। रेक्टम में कुछ देर के लिए यह स्टोर रहता है।

6. मलद्वार (Anus) – Anus आहार नाल का अंतिम भाग होता है। रेक्टम के बाद यह अपचित भोजन Waste Material के रूप में Anus के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है।

निष्कर्ष – Conclusion

इस प्रकार हमने देखा कि मानव शरीर मे पाचन एक बड़ी और जटिल प्रक्रिया है। इसके माध्यम से मानव शरीर को पोषण (Nutrition) मिलता है। जिससे शरीर को विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए ऊर्जा मिलती है और साथ ही शरीर का विकास होता है। इसीलिए किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रखने में उसके पाचनतंत्र (Digestive System) का महत्वपूर्ण योगदान रहता हैं।

अगर आप भी अपने को स्वस्थ और फिट रखना चाहते हैं तो आपको भी संतुलित आहार का भोजन करना और प्रतिदिन व्यायाम करना जरूरी हो जाता हैं। तो दोस्तों आज आपने हमारी इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि मानव में पाचनतंत्र प्रक्रिया क्या हैं? (Human Digestive System in Hindi) हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो। इसी तरह नवीन जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *