केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड जिसे अंग्रेजी में Central Board of Secondary Education (CBSE) कहते है। इस बोर्ड में भारत सरकार द्वारा निरंतर परिवर्तन होते रहे क्योंकि शिक्षा की आवश्यकताओं एवं उद्देश्य निरंतर परिवर्तनशील होते है इन्हीं कारणों की वजह से शिक्षा के संगठन एवं उद्देश्यों में लगातार संशोधन होते रहते हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मानव संसाधन विकास मंत्रालय MHRD की स्वायत्तशासी संस्था है। वर्तमान में सम्पन्न परीक्षाएं इसी के अंतर्गत करवाई जाती हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का इतिहास History of CBSE Board
इस बोर्ड की स्थापना करने के पीछे प्रमुख लक्ष्य माध्यमिक शिक्षा आयोग के ऊपर के कार्यभार को कम करना था। इस बोर्ड का प्रमुख कार्य माध्यमिक स्कूलों की स्थापना हेतु नियमों का निर्धारण करना,सर्वेक्षण करना,एकरूपता लाना आदि था।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए 1921 को सर्वप्रथम “उत्तरप्रदेश हाई स्कूल बोर्ड” की स्थापना की गई। इसके पश्चात इस बोर्ड के विस्तार हेतु 1929 में सरकार द्वारा “राजपुताना हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड” की स्थापना की गई।
1947 भारतीय स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय सरकार द्वारा इस बोर्ड के नाम में परिवर्तन किया गया। जिसमें इस बोर्ड का नाम बदलकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education,CBSE) रख दिया गया तथा इसके मुख्य कार्यालय की स्थापना दिल्ली में कर दी गयी।
इसकी भूमिकाओं एवं इस बोर्ड के उत्ततदायित्वो को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के अंतर्गत नवोदय विद्यालयों को भी इसके क्षेत्र के अंतर्गत सम्मिलित कर लिया गया। वर्तमान समय मे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड CBSE से लगभग 21,274 विद्यालय संबंधित है और 25 ऐसे विद्यालय है जो विदेशों में स्थापित है और वह भी इसी बोर्ड का एक हिस्सा हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का संगठन Organization of CBSE Board
इस बोर्ड के संगठनात्मक सदस्यों में एक अध्यक्ष के अलावा 6 अन्य सदस्य होते है। जिसमे सचिव,परीक्षा नियंत्रक और निर्देशक शैक्षिक होते है। इन सभी को प्रमुख कार्यभार सौंप दिए जाते है। इस बोर्ड द्वारा छात्रों को विभिन्न प्रकार की शिक्षा प्रदान की जाती है।
जिसमें छात्रों हेतु व्यावसायिक शिक्षा की भी व्यवस्था की जाती है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इंटरमीडिएट और हाइस्कूल के प्रवेश संबंधित प्रावधानों एवं छात्रों के मूल्यांकन एवं पाठ्यक्रम सभी प्रकार के कार्यो हेतु यह उत्तरदायी होता हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रमुख कार्य Main Functions of Central Board of Secondary Education, CBSE
बोर्ड़ अपने से संबंधित सभी विद्यालयों के निर्माण में,उत्थान में एवं उनकी प्रगति एव स्तर में एकरूपता लाने का कार्य करता है और साथ ही उनके लिए नीति-नियमों का निर्माण करने का भी कार्य करता हैं।
1. राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर में इससे संबंधित विद्यालयों के निर्माण हेतु अनुमति प्रदान करना औऱ साथ ही मान्यता भी प्रदान करना।
2. यह समय-समय पर विद्यालयों का निरीक्षण कर उनमें सुधार करने हेतु नीति-नियमों का निर्धारण करती हैं।
3. अपने से संबंधित समस्त विद्यालयों के शिक्षण व्यवस्था हेतु पाठ्यक्रम का निर्माण करती हैं।
4. अपने द्वारा निर्मित पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्यपुस्तकों का निर्धारण एवं निर्माण इसी बोर्ड के अंतर्गत किया जाता हैं।
5. इस बोर्ड के द्वारा छात्रों के मूल्यांकन एवं परीक्षा संबंधित नीति-नियमों का निर्धारण भी किया जाता हैं।
6. सफल छात्रों को प्रमाण-पत्र एवं अंकतालिका देने का कार्य भी यही करता हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के उद्देश्य Aims of Central Board of Secondary Education (CBSE)
● यह माध्यमिक विद्यालयों के स्तर में समानता एवं एकरूपता लाने का प्रयास करता हैं।
● देश मे स्कूली शिक्षा को गुनवत्तापरख बनाना।
● देश मे स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता दर में वृद्धि करना।
● सरकार के समक्ष शिक्षा से संबंधित आकणों का वैज्ञानिक रूप प्रस्तुत करना।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का भारतीय शिक्षा में योगदान Contribution Of CBSE in Indian Education
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भारतीय स्कूली शिक्षा की रीढ की हड्डी है। यह छात्रों को ऐसे समय एवं ऐसी अवस्था मे शिक्षित करने का कार्य करती है, जिस समय बालक अपनी बाल्यावस्था और किशोरावस्था के मध्य की अवस्था मे होता हैं और इस समय बालक को एकाग्र रखकर शिक्षित करने का मुख्य कार्य इसी के द्वारा किया जाता हैं।
यह बोर्ड़ स्कूली शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था करने का मुख्य कार्य करता है। जिससे निश्चित ही स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है। यह बोर्ड छात्रों के मूल्यांकन हेतु सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन की नीति का पालन करती है। जिससे छात्रों का सही तरीके से मानसिक और बौद्धिक विकास किया जाना संभव हुआ हैं।
निष्कर्ष Conclusion
केंद्रित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की भारतीय स्कूली शिक्षा में भूमिका की जितनी बात करी जाए उतना कम है, क्योंकि भारतीय शिक्षा में इस बोर्ड का बेहद अहम् और अमूल्य योगदान है। देश मे यह एकमात्र ऐसा बोर्ड है जो भारतीय शिक्षा प्रणाली में कुशल छात्रों के विकास पर बल देता हैं।
साथ ही ऐसे छात्रों को कुशल वातावरण प्रदान करता है जो पहले से मेधावी है जिससे वह राष्ट्र के काम आ सकें और अपने बौद्धिक विकास के स्तर में और ज्यादा वृद्धि कर सकें।
तो दोस्तों, आज अपने जाना कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Educstion, CBSE in Hindi) क्या है? इसके कार्य एवं उद्देश्य। अंत में अब हम अपने यही कहना चहिंगे कि अगर यह पोस्ट को पढ़कर आपके ज्ञान में थोड़ी सी भी वृद्धि हुई हो तो इसे अपने मित्रों के साथ भी शेयर करें। आपके एक शेयर से हम बहुत अभिप्रेरित होते है। जिससे आपको नवीन पोस्ट पढ़ने को मिलती हैं।
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