प्लास्टिक क्या हैं? |What is Plastic in Hindi

प्लास्टिक Plastic एक ऐसा पदार्थ या वस्तु हैं जो पर्यावरण प्रदूषण के कार्यों में अपनी भूमिका निभाता हैं। यह एक ऐसा पदार्थ हैं जिसको आसानी से नष्ट नहीं किया जा सकता। जिस कारण यह अधिक लंबे समय तक पृथ्वी पर मौजूद रहता हैं। प्लास्टिक पर्यावरण प्रदूषण की एक वैश्विक समस्या हैं जिसकी रोकथाम के लिए अनेकों संस्थाएं एवं NGOs कार्यरत हैं। सरकार द्वारा भी इसकी रोकथाम के अनेक प्रयास किये जाते रहे हैं।

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किन्तु इस समस्या का समाधान करना एवं प्लास्टिक में पूर्णतः प्रतिबंध लगाना सभी देशों के लिए एक चुनोतिपूर्ण कार्य हैं क्योंकि इस पदार्थ का उपयोग छोटी से छोटी चीज़ो को रखने एवं वस्तुओं की साज-सज्जा करने आदि कार्यो के लिए किया जाता रहा हैं। भारत के कई राज्यों के शहरों ने इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हैं जिसके बाद भी इसका उपयोग प्रत्येक व्यक्तियों द्वारा अधिक मात्रा में किया जा रहा हैं।

प्लास्टिक हमेसा से ही पर्यावरण के लिए एक हानिकारक पदार्थ रहा हैं। तो दोस्तों चलिए आज इस पोस्ट की सहायता से विस्तृत रूप से जानते हैं कि प्लास्टिक क्या हैं? इसके प्रकार, गुण एवं उपयोग। What is Plastic in Hindi

प्लास्टिक क्या हैं? |What is Plastic in Hindi

प्लास्टिक एक सिंथेटिक पॉलीमर अर्थात इंडस्ट्री में निर्मित किया जाने वाला एक पॉलीमर है। जिसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है। प्लास्टिक को विभिन्न आकार में ढालने के इस गुण को “प्लास्टिसिटी (Plasticity)” कहा जाता है। प्लास्टिक के इस गुण के कारण ही वर्तमान समय में प्लास्टिक को इतनी अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है।

वर्तमान समय में लगभग हर जगह जैसे फ़ूड पैकेजिंग में, बिल्डिंग के सामान बनाने में, खिलौने बनाने में, बिजली के सामान में, घरेलू वस्तुओं के निर्माण में, पानी के पाइप बनाने इत्यादि सभी में भारी मात्रा में प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है। प्लास्टिक के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण इस युग को “प्लास्टिक युग (Plastic Era)” के नाम से भी जाना जाता है।
प्लास्टिक के उदा०- पॉलीथीन, PVC, Bakelite आदि।

प्लास्टिक के प्रकार |Types of Plastic in Hindi

प्लास्टिक पर हीट (Heat) के प्रभाव के आधार पर इसे दो वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है-

  1. थर्मोप्लास्टिक
  2. थर्मोसेटिंग प्लास्टिक

थर्मोप्लास्टिक |Thermoplastics

इस प्रकार के प्लास्टिक हीट करने पर सॉफ्ट तथा ठंडा करने पर हार्ड हो जाते हैं। इन्हें “Thermoplasts” भी कहा जाता है। इस प्रकार के प्लास्टिक Plastic को बार-बार हीट करके किसी भी आकार में परिवर्तित किया जा सकता है।

उदाहरण- पॉलीथीन, PVC (Polyvinyl Chloride) आदि।

थर्मोसेटिंग प्लास्टिक |Thermosetting Plastics

इस प्रकार के प्लास्टिक हीट करने पर सॉफ्ट नही होते हैं। इन्हें “Thermosets” भी कहा जाता है। ये प्लास्टिक एक बार जो रूप धारण कर लेते हैं, उसे हीट करने पर भी पुनः परिवर्तित नही किया जा सकता है।

उदाहरण- Bakelite, Melamine आदि।

प्लास्टिक के गुण |Properties of Plastics

प्लास्टिक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्लास्टिक की विशेषताओं के कारण उसके उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है। एक छोटी से छोटी वस्तु से लेकर बड़ी से बड़ी वस्तु के निर्माण में प्लास्टिक का भारी मात्रा में उपयोग किया जाता है।

प्लास्टिक के महत्वपूर्ण गुण इस प्रकार से हैं-

● मजबूती (Strength) – प्लास्टिक भार में हल्के (Light weighted) होते हैं। प्लास्टिक की मजबूती उनके प्रकार के आधार पर भिन्न-भिन्न होती है। इनके भार में हल्के होने के कारण इन्हें विभिन्न प्रकार की सामग्री बनाने में यूज़ किया जाता है।

● रैक्टिविटी (Reactivity) – प्लास्टिक, केमिकल और पानी से प्रभावित नही होते हैं। उदाहरण के लिए जैसे लोहा हवा और पानी के साथ रिएक्ट करके खराब हो जाता है लेकिन प्लास्टिक के साथ ऐसा नही होता। इनपर केमिकल्स और पानी का प्रभाव नही पड़ता है। इसी कारण इन्हें धातु और लकड़ी के स्थान पर यूज़ किया जाता है।

● आग का प्रभाव (Effect of Flame) – कुछ प्लास्टिक बहुत ज्वलनशील होते हैं, ये आग के सम्पर्क में आकर बहुत तेज़ी से आग पकड़ लेते हैं। उदाहरण के लिए पॉलीथीन, पॉलीथीन जैसे ही आग के सम्पर्क में आती है वह मेल्ट हो जाती है।

● सुचालकता (Thermal and Electrical Conductivities) – प्लास्टिक हीट और इलेक्ट्रिसिटी के कुचालक (Bad Conductors) होते हैं। इनके इस गुण के कारण इन्हें इलेक्ट्रिसिटी के स्विच बनाने में, Wires की कवरिंग बनाने में, बर्तनों के हैंडल बनाने आदि में यूज़ किया जाता है क्योंकि ये अपने में से हीट और करंट को पास नही होने देते हैं।

प्लास्टिक के उपयोग |Uses of Plastic

प्लास्टिक की विशेषताओं के कारण प्लास्टिक को इतना ज्यादा यूज़ किया किया जाता है। प्लास्टिक के कुछ उपयोग निम्नलिखित प्रकार से हैं-

● पॉलीथीन एक प्रकार का प्लास्टिक है जिसे सामान की पैकेजिंग में यूज़ किया जाता है।

PET (प्लास्टिक का एक प्रकार) का उपयोग माइक्रोवेव ओवन में रखे जाने वाले कंटेनर बनाने और बोतल आदि बनाने में किया जाता है।

Polystyrene भी एक प्रकार का प्लास्टिक है जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बनाने में किया जाता है।

● PVC का उपयोग प्लंबिंग पाइप्स बनाने में किया जाता है।

● Bakelite प्लास्टिक का उपयोग इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स में किया जाता है।

● टेफ़लोन एक विशेष प्रकार का प्लास्टिक है, जिसका उपयोग नॉन-स्टिक बर्तन बनाने में किया जाता है।

प्लास्टिक का पर्यावरण पर प्रभाव |Effect of Plastic on Environment

इस बात से तो हम सभी अवगत हैं कि यदि हमारे लिए कोई वस्तु लाभदायक है तो कहीं न कहीं उसके कुछ नुकसान भी होते हैं। ऐसा ही कुछ प्लास्टिक पर भी लागू होता है। यद्यपि प्लास्टिक के हमारे दैनिक जीवन में अनेक उपयोग हैं लेकिन वही दूसरी ओर प्लास्टिक का हमारे पर्यावरण पर बहुत नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।

प्लास्टिक एक नॉन-बायोडिग्रेडेबल (Non-biodegradable) पदार्थ है, अर्थात यह प्राकृतिक प्रक्रिया द्वारा Decompose नही हो सकता है। इसी कारण प्लास्टिक का सही तरीके से डिस्पोजल अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण बात है।इसका सही ढंग से डिस्पोजल अति आवश्यक होता है।

प्लास्टिक को जब जलाया जाता है तो इससे हानिकारक पदार्थ निकलते हैं जो वातावरण को प्रदूषित करते हैं। यदि प्लास्टिक को ऐसे ही फेंक दिया जाता है तो ये समुद्रों, नदियों, आदि में चला जाता है, जिससे वहाँ का जल प्रदूषित होता है तथा जलीय जीवों को भी नुकसान पहुंचता है। प्लास्टिक के कारण नालियां भी ब्लॉक हो जाती हैं।

प्लास्टिक को दफनाना भी एक अच्छा उपाय नही होता हैं, क्योंकि प्लास्टिक एक नॉन-बायोडिग्रेडेबल पदार्थ है। इसे अगर दफनाया जाता है तो यह मृदा प्रदूषण करता है और इसके कारण पेड़-पौंधों की विकास पर नकारात्मक असर होता है। इसीलिए अगर प्लास्टिक का सही तरीके से डिस्पोजल न किया जाए तो इससे अनेक पर्यावरणीय समस्याएं तथा स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

प्लास्टिक की समस्या से निदान पाने का उपाय

हम प्लास्टिक के उपयोग को अनदेखा तो नही कर सकते क्योंकि ऐसा कर पाना पूरी तरह संभव नही है परंतु कुछ बातों को ध्यान में रखकर हम कुछ हद तक इस समस्या से निजात पा सकते हैं और अपने पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं जैसे-

● हमें 4Rs (Reduce, Reuse, Recycle and Recover) के सिद्धांत को अपनाना चाहिए।

● प्लास्टिक को इधर-उधर ऐसे ही नही फेंकना चाहिए।

● शॉपिंग के लिए प्लास्टिक बैग की बजाय कॉटन और जूट के बैग यूज़ करने चाहिए।

● प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करना चाहिए।

● पुराने प्लास्टिक को Reuse करना चाहिए।

निष्कर्ष – Conclusion

प्लास्टिक का उपयोग एवं इसकी विशेषता सदैव से ही पर्यावरण के लिए हानिकारक रहीं हैं। वर्तमान समय में आपको हर जगह कही न कही किसी भी रूप में देखने को मिल जाएंगे। हम अपनी राय दे तो प्लास्टिक एक ऐसी वस्तु हैं जिसे पूर्णतः खत्म नहीं किया जा सकता न ही लोगों द्वारा इसके उपयोग को पूर्णतः रोकना संभव हैं। हमें यह प्रयास करना चाहिए कि हम इसके उपयोग के बाद इसको खुले में या पानी मे न फेंके।

कोशिश करें कि प्लास्टिक का उपयोग दैनिक कार्यों में कम से कम किया जाए एवं इसके उपयोग के बाद इसको कुड़ेदान में ही फेका जाए। इसके रोकथाम के लिए सरकारों को कारगर योजना बनाने की आवश्यकता हैं। तो दोस्तों आज आपने हमारी इस पोस्ट के लिए से प्लास्टिक से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। (What is Plastic in Hindi) प्लास्टिक का उपयोग न करने संबंधित लोगों को जागरूक करने के लिए इस पोस्ट को अधिक से अधिक लोगों के साथ शेयर करें।

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