प्राकृतिक संसाधन Natural Resources प्रकृति में पाए जाने वाले ऐसे जैविक और अजैविक घटक जिनका प्रयोग मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु किया जाता हैं। वह प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।
यह प्रकृति की देन हैं, जब तक प्राकृतिक संसाधनों का अस्तित्व पृथ्वी में मौजूद हैं तब तक ही मानव का भी अस्तित्व हैं। चूंकि इन संसाधनों की प्राप्ति हमें पृथ्वी से होती है इसलिए इन्हें पृथ्वी संसाधन (Earth Resources) भी कहा जाता हैं।
प्राकृतिक संसाधन के प्रकार Types of Natural Resources
प्राकृतिक संसाधनों को मुख्यतः दो भागों में विभक्त किया जाता हैं-
1 अटूट प्राकृतिक संसाधन – वे प्राकृतिक संसाधन जो प्रकृति में असीमित रूप से पाया जाता हैं, उन्हें अटूट प्राकृतिक संसाधन कहते हे।
इन संसाधनों का निरंतर प्रयोग करने पर भी यह भविष्य में कभी समाप्त नही हो सकते। जैसे – धूप,पानी,हवा आदि।
2 सम्पूर्ण प्राकृतिक संसाधन – वे प्राकृतिक संसाधन जिनकी मात्रा प्रकृति में सीमित होती है और मानव द्वारा निरंतर तथा सही ढंग से प्रयोग न करने के कारण जो समाप्त हो सकते हैं। सम्पूर्ण प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। जैसे- कोयला,पेट्रोलियम,जंगल आदि।
इन प्राकृतिक संसाधनों (natural resources) को भी दो भागों में विभक्त किया जाता हैं-
नवीकरणीय संसाधन- नवीकरणीय संसाधन वह संसाधन होते हैं, जो पुनः स्थापित हो सकते हैं। ये दुबारा नवीकरण की क्षमता रखते हैं अगर इनका सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो यह बहुत लम्बे समय तक रह सकते हैं।
उदाहरणः जंगल,मिट्टी,भू-जल और वन्य-जीव।
अनवीकरणीय संसाधन- अनवीकरणीय संसाधन वह संसाधन कहलाते हैं, जिनकी मात्रा बहुत सीमित होती हैं और एक बार समाप्त होने के बाद इन्हें पुनः स्थापित नही किया जा सकता।
यदि इन संसाधनों का उपयोग सावधानीपूर्वक नही किया गया तो यह समाप्त हो जाएंगे।
उदाहरणः कोयला,पेट्रोलियम,जीवाश्म और प्राकृतिक गैस।
नवीकरणीय और अनवीकरणीय संसाधनों में अंतर-
नवीकरणीय संसाधन | अनवीकरणीय संसाधन |
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इन संसाधनों की समय के साथ पुनः स्थापना संभव हैं। | इनका नवीकरण संभव नही हैं। |
यदि इन संसाधनों को सीमित मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो यह संसाधन हमेशा के लिए भी रह सकते हैं। | यह संसाधन एक दिन समाप्त हो जायेगे। |
ये जैविक तथा अजैविक दोनों होते हैं। | यह अजैविक होते है। |
यदि इनका नवीकरण बढ़ाया जाए तो इनकी मात्रा को और अधिक बढ़ाया जा सकता हैं। | इनके अत्यधिक प्रयोग से यह जल्दी समाप्त हो जायेगे। |
उदाहरणः जंगल,वन्य-जीव,भु-जल और मिट्टी। | उदाहरणः जीवाश्म,खनिज और कोयला। |
प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता एवं लाभ
★ जिन देशों के पास प्राकृतिक संसाधनों की मात्रा जितनी अधिक होती हैं विश्व मे उनकी स्थिति उतनी ही मजबूत होती हैं।
★ विकसित राष्ट्र एवं एक शक्तिशाली राष्ट बनने हेतु इन संसाधनों की बेहद अहम् भूमिका होती हैं। यह राष्ट्र की विकास दर एवं सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने का कार्य करता है।
★ विश्व की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक हैं, की इन संसाधनों को जितना हो सकते उतना अधिक संरक्षित किया जाए। जिससे आने वाले लंबे समय तक इसका प्रयोग किया जा सकें।
★ यह सभी संसाधन मानव जाति के विकास एवं उद्धार हेतु अति आवश्यक हैं। मानव जीवन के शुलभ जीवन यापन करने हेतु प्राकृतिक संसाधनों की महत्ता कई ज्यादा हैं।
निष्कर्ष-
जंगल,वन्यजीव,भु-जल, जैसे नवीकरणीय संसाधनों का प्रयोग यही सावधानीपूर्वक नही किया गया तो ये भी अनवीकरणीय या गैर-नवीकरणीय संसाधनों की श्रेणी में आ जाएंगे। दोस्तों आज आपने जाना कि प्राकृतिक संसाधन क्या हैं? (Natural Resources in Hindi) अगर हमारी आशा के अनुरूप आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो अपने प्रेम को व्यक्त करने एवं दुसरो को प्रकृति की महत्ता को समझाने हेतु इस पोस्ट को अधिक से अधिक लोगो को शेयर करें।
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