सौरमंडल (Solar System in Hindi)

सौरमंडल (Solar System) :- सौर शब्द (Solar) सूर्य से संबंधित हैं, सूर्य के परिवार को ही सामान्यतः सौर मंडल कहा जाता हैं। सूर्य के इस परिवार में अर्थात सौरमंडल में ग्रह, सेटेलाइट (उपग्रह) सम्मिलित हैं।

इनके अलावा धूमकेतु,उल्कापिंड,क्षुद्र ग्रह आदि भी इस सौर मंडल में शामिल हैं। ये सभी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण यह एक परिवार में बंधे हुए हैं।

सौर मंडल (Solar System in Hindi)

What is Solar System meaining in hindi

सौर मंडल के सम्बंध में क्रमबद्ध जानने हेतु आवश्यक हैं, की सौर मंडल में सम्मिलित परिवारों का अध्ययन किया जाए जो निम्न हैं-

सूर्य Sun –

सूर्य, सौरमंडल Solar System के केंद्र में स्थित होता हैं और सभी ग्रह इसके चारों ओर चक्कर लगाते हैं। सूर्य गैसों का बहुत बड़ा गोला होता हैं। इसमें नाभिकीय क्रियाएं होती हैं, जो इसमें ऊर्जा उत्पन्न करते रहती हैं और इसे दीप्तमान बनाते हैं।

इसमें हाइड्रोजन,हीलियम,कार्बन,नाइट्रोजन और ऑक्सीजन जैसे तत्व पाए जाते हैं। सूर्य की सतह पर तापमान लगभग 6000℃ होता हैं, लेकिन इसके मध्य में इसका तापमान कई गुना अधिक होता हैं।

ग्रह planets

ग्रह को अंग्रेजी भाषा में Planet कहते है, जिसका अर्थ है Wanderer अर्थात घुमक्कड़। ऐसा इसीलिए क्योंकि यह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। ग्रहों का अपना कोई प्रकाश या ऊर्जा नही हैं यह सूर्य के प्रकाश के परावर्तन (Reflections) के कारण दिखाई देते हैं।

प्रारंभ में हमारे सौरमंडल में 9 ग्रह थे, परंतु वर्ष 2006 में अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने यम (plato) को बोना ग्रह घोषित कर दिया, इसीलिए अब हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह हैं।

सभी 8 ग्रहों के नाम – बुद्ध (mercury),शुक्र (venus),पृथ्वी (earth),मंगल (mars),ब्रहस्पति (jupiter),शनि (saturn),अरुण (uranus), और वरुण (nepture)

इनमें से पहले चार ग्रह (बुद्ध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल) जो सूर्य के पास हैं, उन्हें भीतरी ग्रह (Inner planets) कहा जाता हैं तथा शेष चार ग्रह(बृहस्पति,शनि,अरुण,वरुण) जो सूर्य से दूर हैं, को बाहरी ग्रह (outer planets) कहते हैं।

● बुद्ध (Mercury) यह हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह हैं और यह सूर्य से सबसे निकट वाला ग्रह हैं। बुद्ध ग्रह को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 88 दिन का समय लगता हैं।

● शुक्र (Venus) शुक्र को गर्म ग्रह के नाम से भी जाना जाता हैं, ऐसा इसीलिए क्योंकि इसमें सल्फ्यूरिक जैसी गैसे होती हैं। यह सौरमंडल का सबसे चमकीला ग्रह हैं। इसे भोर का तारा तथा शाम का तारा भी कहा जाता हे। इसके अलावा इसका आकार पृथ्वी के समान होने के कारण इसे दूसरी पृथ्वी के नाम से भी जाना जाता हैं।

● पृथ्वी (Earth) पृथ्वी सौरमंडल solar system का एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन पाया जाता हैं। पृथ्वी का लगभग 71% भाग जल से घिरा हुआ हैं। इसलिए अंतरिक्ष से देखने पर यह नीली दिखाई देती हैं, जिस कारण इसे नीले ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन का समय लेती हैं।

● मंगल (Mars) मंगल ग्रह की मिट्टी में लाल ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण यह लाल रंग का दिखाई देता हैं, इसलिए इसे लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता हैं। यह सूर्य का एक चक्कर लगाने में 687 दिनों का समय लेता हैं।

● बृहस्पति (Jupiter) बृहस्पति हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह हैं।

● शनि (Saturn) इस ग्रह के चारो ओर छल्ले पाए जाते हैं, इसलिए इसे छल्ले वाला ग्रह के नाम भी जाना जाता हैं।

● अरुण (Urenus) यह ग्रह सूर्य से काफी दूर होता है, इसलिए इस ग्रह का तापमान बहुत ठंडा होता हैं।

● वरुण (Neptune) वरुण ग्रह सौरमंडल का आठवा ग्रह हैं और यह सूर्य से सबसे दूर में स्थिति ग्रह हैं।

सौरमंडल (solar system) के इन 8 ग्रहों के अलावा इसके कुछ अन्य सदस्य भी हैं, जो इस प्रकार हैं –

1. उपग्रह (setelites) – सामान्य उनको उपग्रह के नाम से संबोधित किया जाता हैं जो ग्रहों के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। उपग्रहों को भी तो आधार में विभक्त किया जाता हैं-

◆ प्राकृतिक उपग्रह – ये लाखों-करोड़ो वर्षों से अंतरिक्ष में उपस्थिति हैं, इनके निर्माण या इनकी उत्त्पत्ति में मानव का कोई योगदान नही होता यह प्रकृति की देन होते हैं।

◆ कृतिम उपग्रह – मानव द्वारा निर्मित सेटेलाइट जिनको अंतरिक्ष मे भेजा जाता हैं, इनको कृत्रिम उपग्रह के नाम से जाना जाता हैं। जैसे- एडूसेट जो कि एक शैक्षिक उपग्रह हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में विकास हेतु अंतरिक्ष मे भेजा गया था।

2. धूमकेतु (Comets) – ग्रहों और उपग्रहों की तरह धूमकेतु भी सौरमंडल का ही हिस्सा होते हैं। यह ऐसे आकाशीय पिंड होते हैं, जो आकाश में कभी-कभी चमकते हुए दिखाई देते हैं। ये बर्फ,गैस और धूल के कणों से मिलकर बने होते हैं।

3. उल्कापिंड – उल्कापिंड चट्टानों के छोटे-छोटे ऐसे टुकड़े होते हैं जो अंतरिक्ष से पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते हैं। इन टुकड़ो का हवा के साथ घर्षण होता है, जिससे यह प्रकाश की लकीर की तरह चमक उत्तपन्न करते हैं।

4. क्षुद्र ग्रह – यह चट्टानों के बड़े टुकड़े या वह खगोलीय पिंड होते हैं जो हमारे सौरमंडल (में उपस्थित रहते हैं और सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं। ये मंगल और बृहस्पति के मध्य वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं।

तो दोस्तों आज आपने जाना कि सौरमंडल क्या हैं (Solar System in Hindi) हम आशा करते है कि हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको आपके सभी प्रश्नों का उत्तर मिल गया होगा। अगर आपको अन्य किसी महत्वपूर्ण प्रकरण पर सूचना चाहे तो आप हमें नीचे कमेंट करके बताए।

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