मुस्लिम शिक्षा प्रणाली – Muslim Education System in Hindi

1200 से 1700 ई० तक के काल को मुस्लिम काल कहा जाता है। मुस्लिम शिक्षा प्रणाली muslim education system में शिक्षा का अर्थ कुछ भिन्न था उस समय मकतब (वह स्थान जहाँ पढ़ना – लिखना सिखाया जाता हैं)तथा मदरसों (भाषण देना) के द्वारा दिये गए ज्ञान को ही शिक्षा माना जाता था।

मुस्लिम काल के समय शिक्षा के अर्थ को छोटे रूप में ही स्वीकार किया जाता है अतः उस काल मे धार्मिक शिक्षा पर ही अध्यधिक बल दिया जाता था और सभी के लिए इसे महत्वपूर्ण माना गया था। धर्म को सर्वोपरी स्थान देते हुए मुस्लिम काल में धार्मिक शिक्षा एवं धार्मिक साम्राज्य के विस्तार को ही महत्व दिया गया।

मुस्लिम शिक्षा प्रणाली Muslim Education System

मुस्लिम कालीन शिक्षा में धार्मिक शिक्षा को ही प्रथम स्थान दिया गया था। जिस कारण मस्जिदों के आस-पास ही मदरसों का निर्माण करवाया जाता था। उस समय की शिक्षा राज्य एवं मुस्लिम बादशाहों के अधीन थी। वो ही शिक्षा के कार्यक्रम के लिए आर्थिक सहायता मुहैया करवाते थे। उस काल में शिक्षा मुख्यतः भाषण के आधार पर ही दी जाती थी। उस काल मे मदरसों में खान-पान की व्यवस्था के साथ-साथ निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती थी। मुस्लिम काल मे शिक्षा दो आधार के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाती थी –

मकतब – जिस स्थान में शिक्षा प्रदान की जाती है उसको मकतब कहते हैं मुस्लिम काल में प्रायः मस्जिद के पास ही मकतबों का निर्माण कार्य करवाया जाता था।

मदरसा – मदरसा का अर्थ होता है,भाषण देना। मुस्लिम काल में शिक्षा देने का माध्यम सदैव यही रहा हैं अधिकतर भाषण के माध्यम से ही उस समय शिक्षा प्रदान की जाती थी।

मुस्लिम शिक्षा प्रणाली की विशेषताये Features of Muslim education system –

  • मुस्लिम शिक्षा प्रणाली राज्य के अधीन थी शिक्षा की व्यवस्था करना एवं शिक्षा का क्रियान्वयन करना राज्य के क्षेत्र के अधीन आता था।
  • उच्च शिक्षा की स्थिति मुस्लिम काल में काफी मजबूत थी उच्च शिक्षा की गुणवत्ता भी उच्च थी, उच्च शिक्षा के लिए सर्वोत्तम पुस्तकों को खजाना था।
  • कला में निपुर्ण छात्रों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती थी, असल में छात्रवृत्ति की शुरुआत वहीं से मानी भी जाती हैं।
  • मुस्लिम काल में साहित्य को अधिक महत्व दिया जाता था और मुस्लिम लेखकों,कवियों को पुरुस्कार से सम्मानित किया जाता था।
  • मुस्लिम लड़कियों को उच्च शिक्षा से वंचित रखना।
  • मदरसों में शिक्षा अरबी ओर फ़ारसी भाषा मे प्रदान की जाती थी।
  • शिक्षा का मुख्य उद्देश्य धार्मिक प्रचार-प्रसार करना था तथा मुस्लिम रीति-रिवाजों का सख्ती के साथ पालन करवाना इसीलिए मुस्लिम काल मे पर्दा -प्रथा का सख्ती के साथ पालन करवाया जाता था।
  • मुस्लिम शिक्षा प्रणाली में रूढ़िवादी नजरिया व्याप्त था।
Muslim Education System process in hindi
Muslim Education System

मुस्लिम शिक्षा प्रणाली की व्यवस्था muslim education system -

  • मुस्लिम काल के मुस्लिम बादशाहों ने मदरसों का निर्माण करवाया एवं उनमें धार्मिक शिक्षा देने पर विशेष बल दिया एवं इस उद्देश्य से मुस्लिम बादशाह ही आर्थिक सहायता प्रदान करते थे। यह कहना गलत नही होगा कि मुस्लिम कालीन शिक्षा पूर्ण रूप से राज्य के नियंत्रण में थी।
  • इन मदरसों में निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती थी एवं मदरसों में भोजन की व्यवस्था भी होती थी।
  • मुस्लिम काल में शिक्षा चलाने के लिए बादशाह मदरसों को सहायता प्रदान करते थे वो इसे पवित्र मानते थे और अपना धर्म मानकर मदरसों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करते थे। मुस्लिम काल में शिक्षा का केंद्र दिल्ली,फिरोजाबाद,बदायू,आगरा,फतेहपुर सीकरी,जौनपुर,बीदर और मालवा थे।

मुस्लिम काल मे धार्मिक शिक्षा ही उत्तम मानी जाती थी इसीलिए मुस्लिम काल में जन शिक्षा पर भी विशेष बल दिया जाता था क्योंकि जन शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम था जिनके पद में चलकर वह मुस्लिम धर्म एवं मुस्लिम संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर सकते थे,अर्थात सभी के लिए शिक्षा की व्यवस्था थी मुस्लिम काल में।


जैसा कि आप लोग जानते है, मुस्लिम काल मे पर्दा प्रथा काफी व्याप्त थी इस कारण लोग अपनी लड़कियों को पढ़ने के लिए नही भेजते थे और उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार लड़कियों को नही दिया गया था।जिन मुसलमानों की आर्थिक स्थिति ठीक थी वह व्यक्तिगत रूप से अपनी लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करवाते थे अर्थात शिक्षा देने वाले को अपने घर मे बुलाकर शिक्षा प्रदान करवाया करते थे क्योंकि लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा की व्यवस्था मुस्लिम काल में नही थी और जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नही थी वहाँ की लड़कियां उच्च शिक्षा की पढ़ाई से वंचित रहती थी।

मुस्लिम काल में कला और व्यावसायिक शिक्षा पर अधिक बल दिया जाता था मुस्लिम काल को कला प्रेमी काल के नाम से भी जाना जाता हैं उस काल में मुस्लिम बादशाह कला के बहुत शौकीन थे वह हर रोज नई-नई कला का निर्माण करवाते थे एवं बनाने वाले को बहुमूल्य उपहार से नवाजते थे।मुस्लिम काल में शिक्षा के नाम पर मुस्लिम रीति-रिवाजों को सख्ती के साथ पालन करवाया जाता था और रीति-रिवाज के अनुसार ही चलने की शिक्षा प्रदान करवाई जाती थीं। मुस्लिम काल में गुरु-शिष्य के मध्य अच्छे संबंध व्याप्त थे गुरु की आज्ञा का पालन करना अनिवार्य माना जाता था।

मुस्लिम कालीन शिक्षा के उद्देश्य Objectives of Muslim education –

मुस्लिम काल मे धार्मिक शिक्षा को ही महत्व स्थान दिया गया था मुस्लिम काल की शिक्षा के उद्देश्य एवं विशेषताये धर्म के आस-पास ही घुमती थीं,निम्न माध्यम से हम उनके उद्देश्यों को समझ सकते हैं –

  • इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार – यह मुस्लिम कालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य था। उस काल मे मदरसों द्वारा भी इसी कार्य को मुख्य स्थान दिया गया था।
  • सांसारिक सुख को मुख्य स्थान – मुस्लिम समाज पुनर्जन्म में विश्वास नही रखते थे उनके अनुसार इसी जन्म में सभी सुखों की प्राप्ति कर लेनी चाहिए। वह उत्पादन की शिक्षा को मुख्य स्थान देते थे।
  • ज्ञान का विकास – हजरत मोहम्मद साहब ज्ञान को अमृत मानते थे और वह ज्ञान को ही मुक्ति का साधन मानते थे।
  • देशप्रेमी की भावना – मुसलमान भारत मे नए-नए आये थे। इसी कारण वह हिंदुओं को देश के प्रति वफादार रहने की शिक्षा पर अत्यधिक बल देते थे।
  • व्यवसायिक शिक्षा – मुस्लिम काल मे व्यावसायिक शिक्षा पर महत्व स्थान दिया जाता था व्यावसायिक से उनका तात्पर्य कला के विकास से था यही कारण है कि आज भी मुस्लिम कला प्रेमी होते हैं।

निष्कर्ष Conclusion –

सम्पूर्ण अध्ययन के पश्चात यह कहना उचित होगा कि मुस्लिम शिक्षा समाज के लिए उतनी उपयोगी नहीं हो सकी जितना उसे होना चाहिये था और मुस्लिम काल में कुछ ऐसी प्रथाएं भी विद्यमान थी, जिस कारण लड़कियों के लिए शिक्षा प्राप्त करना बहुत कठिन कार्य था और उस काल में लड़कियों को उच्च शिक्षा से भी वंचित रखा जाता था , यह कहना गलत नहीं होगा कि मुस्लिम काल में महिलाओं की स्थिति काफी दयनीय थीं, परंतु मुस्लिम शिक्षा प्रणाली (Muslim Education System in Hindi) में कुछ अच्छी बातें भी थी जो स्मरण रखने योग्य हैं जैसे निःशुल्क शिक्षा , कला पक्ष में विशेष स्थान एवं छात्रवृति प्रदान करने जैसी बातें सदैव स्मरण रखने योग्य हैं।

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4 COMMENTS

  1. Thanks sir.
    मेरा एक प्रश्न है- जिस प्रकार वैदिक कालीन शिक्षा में शिक्षा समापन समवर्तन संस्कार के द्वारा किया जाता था, उसी प्रकार क्या मुस्लिम कालीन शिक्षा में भी शिक्षा समाप्ति के लिये कोई संस्कार आयोजित किया जाता था?

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