जवाहर नवोदय विद्यालय समिति (Jawahar Navodaya Vidyalaya Samiti, NVS) भारतीय सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) के अंतर्गत आने वाला एक स्वायत्तशासी संगठन हैं। इस समिति का मुख्य उद्देश्य शिक्षा का विस्तार करना था। खासकर उन बालको हेतु जो शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ हो।
इस समिति का गठन निर्धन वर्ग को शिक्षित करने हेतु किया गया था। जिससे शिक्षा के अधिकार को सक्षम बनाया जा सकें। निर्धन वर्ग को शिक्षा प्रदान करने हेतु एवं उसका विकास करने हेतु सर्वप्रथम प्रयास प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा वर्ष 1982 में किया गया।
उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार करने एवं शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने हेतु अपने अन्य बुद्धिजीवियों के साथ विचार-विमर्श किया। जिसका असर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में दिखा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में गति निर्धारक विद्यालयों (Pace Setting School’s) की स्थापना की गई।
जिसके कुछ समय बाद आगे चलकर इन्ही विद्यालयों को जवाहर नवोदय विद्यालय समिति (Jawahar Navodaya Vidyalaya Samiti,NVS) के नाम से जाना गया। इन विद्यालयों के संचालन एवं योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु इस समिति का गठन किया गया। जिसका मुख्य कार्यालय दिल्ली में स्थापित किया गया।
जवाहर नवोदय विद्यालय समिति की संरचना |Structure of Jawahar Navodaya Vidyalaya Samiti, NVS
इस समिति को भी केंद्रीय विद्यालय संगठन KVS की तरह तीन स्तरों में विभाजित किया गया हैं – केंद्रीय स्तर, क्षेत्रीय स्तर और स्थानीय स्तर।
1. केंद्रीय स्तर – केंद्रीय स्तर (दिल्ली) को दो समितियों में विभाजित किया गया हैं – सामान्य समिति और कार्यकारिणी समिति।
● सामान्य समिति (General Committee) – केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सदस्य इस समिति के सदस्य होते हैं। इस मंत्रालय के विकास मंत्री इस समिति के चेयरमैन (Chairman) होते है और राज्य मंत्री इसके उप चेयरमैन (Co-chairman) होते हैं।
● कार्यकारिणी समिति (Executive Committee) – यह समिति इसके कार्यो का क्रियान्वयन कराने हेतु उत्तरदायित्व होती हैं। इस समिति के चेयरमैन भी MHRD के मंत्री होते है और इस समिति के मुख्य अधिकारी कमिश्नर की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है। इसके 3 अन्य जॉइंट कमिश्नर, 5 डिप्टी कमिश्नर 11 असिस्टेंट कमिश्नर और एक जनरल मैनेजर होता है। इस समिति की दो अन्य समितियां भी होती हैं – वित्त समिति और प्रशासन सलाहकार समिति।
2. क्षेत्रीय स्तर – इस स्तर के 8 क्षेत्रीय कार्यालय होते हैं जो योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु क्षेत्रीय भागों में विद्यमान होते हैं –
कार्यालय | कार्यक्षेत्र |
---|---|
भोपाल | मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ |
हैदराबाद | आंध्रप्रदेश, कर्नाटक,केरल, पांडुचेरी एवं लक्षदीप |
चंडीगढ़ | पंजाब,जम्मू कश्मीर,हिमांचल प्रदेश एवं चंडीगढ़ |
लखनऊ | उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश |
जयपुर | हरियाणा,दिल्ली एवं राजस्थान |
पटना | झारखंड, बिहार एवं पश्चिम बंगाल |
शीलोंग | अरुणाचल प्रदेश,नागालैंड,त्रिपुरा,मेघालय,मिजोरम,सिक्किम और आसाम |
पूना | गोआ,गुजरात,दादर,महाराष्ट्र |
3. स्थानीय स्तर – स्थानीय स्तर पर प्रत्येक नवोदय विद्यालयों (NVS) हेतु दो समितियों का गठन किया हैं –
● विद्यालय एडवाइजरी समिति (Vidhyalaya Advisory Samiti) – इस समिति के मुख्या के रूप मे जिलों के जिलाधिकारी DM विद्यमान रहते हैं और साथ ही शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े स्थानीय अधिकारी एवं शैक्षिक विद्यानों को भी इस समिति में सम्मिलित किया जाता हैं।
● विद्यालय प्रबंध समिति (Vidhyalaya Managment Samiti) – इस समिति का भी पूर्ण नियंत्रण जिलाधिकारी DM के पास होता है और अन्य शैक्षिक मसलों के ज्ञाता इस समिति के सदस्य होते हैं।
जवाहर नवोदय विद्यालय समिति के उद्देश्य |Aims of Jawahar Navodaya Vidyalaya Samiti
1- समाज के निम्न वर्ग (अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग) हेतु समान एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना।
2- शिक्षा के विस्तारवाद की प्रणाली को अपनाते हुए प्रत्येक जिले में जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना करना।
3- राष्ट्र के ऐसे छात्रों का सर्वांगीण विकास करना जो निर्धन वर्ग से आते हो एवं साथ ही उनमें नैतिक मूल्यों के भावों का भी विकास करना।
4- भारत सरकार द्वारा निर्मित योजनाओं के अनुरूप छात्रों को तीन भाषाओं के आधार पर शिक्षा प्रदान करना एवं उनमें भाषाओं के कौशल का विकास करना।
5- समानता के अधिकार के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु ऐसे वातावरण का निर्माण करना। जिसमें छात्र एक साथ भोजन,खेल,संगीत आदि कार्यक्रम कर सकें।
जवाहर नवोदय विद्यालय समिति के कार्य | Functions of Jawahar Navodaya Vidyalaya Samiti NVS
इसका मुख्य कार्य उद्देश्य की पूर्ति अनुसार कार्यों का क्रियान्वयन करना हैं, अर्थात ऐसे स्थानों में नवोदय विद्यालयों की स्थापना करवाना जहाँ आवश्यकता हो।NVS विद्यालयों की आवश्यकताओं के आकलन के उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना एवं वार्षिक बजट निर्धारित करना।
नवोदय विद्यालयों में छात्रों के प्रवेश हेतु CBSE द्वारा प्रवेश कार्यक्रम का संचालन किया जाता हैं। इस परीक्षा में 5वी कक्षा पास करने वाले छात्र हिस्सा ले सकते है। इनमें 75 प्रतिशत स्थान ग्रामीण छात्रों हेतु एवं 33 प्रतिशत स्थान लड़कियों का होता है अन्य कुछ सीटों में आरक्षित वर्ग के छात्राओं हेतु स्थान रिक्त रखा जाता हैं।
जवाहर नवोदय विद्यालयों NVS के संचालन हेतु प्रधानाचार्यो,शिक्षको एवं अन्य सहायक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति करना एवं साक्षात्कार व परीक्षाओं का आयोजन करवाना। नवोदय विद्यालयों के प्रधानाचार्यो एवं शिक्षकों के स्थानों में परिवर्तन करना एवं समय-समय पर शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाना।
उपयोगिता |Importance
यह समिति शिक्षा के अधिकार एवं समानता के अधिकार जैसे उद्देश्यों की पूर्ति करता है। यह शिक्षा के विस्तार हेतु अपनी अहम भूमिका निभाता हैं। यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था करता है और यह निर्धन वर्ग के परिवार के बच्चो को पूर्ण रूप से निःशुल्क शिक्षा प्रदान करवाता हैं।
यह परंपरागत शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को आधुनिकरण एवं तकनीकी शिक्षा भी मोहैया करवाता है। जिससे राष्ट्र की वास्तविक आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकें।
निष्कर्ष
यह शिक्षा के अधिकार की पूर्ति करता है। यह उन छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देता है जो निर्धन है एवं जो निर्धनता के कारण शिक्षा प्राप्त करने हेतु असमर्थ है। यह राष्ट्र में धर्मनिरपेक्षता, समानता जैसे गुणों का विकास कर छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता हैं।
तो दोस्तों आज आपने जवाहर नवोदय विद्यालय समिति (Jawahar Navodaya Vidyalaya Samiti, NVS in Hindi) के संबंध में विस्तार से जाना। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अन्य छात्रों के साथ अवश्य शेयर करें।
अगर किसी नवोदय झ विद्यालय में टिचर पर्सलिटी करते पाए जाय तो कहापर complent कर शकते है l
Dnyaneshwar ap usi school ke head office m complain kar sakte hain