पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) क्या हैं? पारिस्थितिकी (Ecology) और पारिस्थितिकी तंत्र में अंतर

पारिस्थितिकी तंत्र Ecosystem क्या हैं? पारिस्थितिकी शब्द अंग्रेजी के Ecology शब्द का हिंदी रूपांतरण हैं। Ecology शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना हैं- Oikos और Logos। Oikas का अर्थ हैं घर (House) और Logos का अर्थ हैं पढ़ना (Study)

पारिस्थितिकी (Ecology) जीव विज्ञान की एक शाखा हैं। जिसके अंतर्गत जीवों के एक-दूसरे से तथा उनके वातावरण से अंतःसंबंध (Inter-realationship) का अध्ययन किया जाता हैं। यूजीन ओडम (Eugene Odum) को पारिस्थितिकी का जनक कहा जाता हैं।

भारत में रामदेव मिश्रा को पारिस्थितिकी का जनक माना जाता हैं। पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग Arthur G. Tansley ने किया। पारिस्थितिकी तंत्र से तात्पर्य एक ऐसे तंत्र से होता हैं। जो पर्यावरण के सजीव तथा निर्जीव घटकों की परस्पर क्रिया से बनता हैं। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानिंगे कि पारिस्थितिकी तंत्र क्या हैं? पारिस्थितिकी और पारिस्थितिकी तंत्र में अंतर। Ecosystem Meaning in Hindi

पारिस्थितिकी तंत्र का अर्थ |Ecosystem Meaning in Hindi

पारिस्थितिकी तंत्र का अर्थ एक ऐसी एकीकृत प्रणाली से है। जिसका निर्माण पर्यावरण के जैविक तथा अजैविक घटकों मे अन्तःक्रिया (Interaction) से होता हैं। पारिस्थितिकी तंत्र एक ऐसी इकाई हैं।

जिसमें एक क्षेत्र विशेष के सभी जीवधारी अपने अजैविक पर्यावरण (Physical Environment) के साथ अन्तःक्रिया करते हैं। पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) पारिस्थितिकी (Ecology) का ही एक भाग हैं।

यूजीन ओडम के अनुसार – “पारिस्थितिकी तंत्र प्रकृति की आधारभूत इकाई हैं। जिसमे पर्यावरण के जैविक तथा अजैविक दोनों घटक एक दूसरे को प्रभावित करते हैं।

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इस प्रकार हम कह सकते हैं कि पारिस्थितिकी तंत्र जैविक तथा अजैविक घटकों से मिलकर बनता हैं। ये घटक मिलकर एक प्राकृतिक क्रियात्मक इकाई बनाते हैं। जिसे पारिस्थितिकी तंत्र कहते हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र के प्रकार |Types of Ecosystem

पारिस्थितिकी तंत्र को निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत किया गया हैं –

1. प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र (Natural Ecosystem) – प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र वे तंत्र होते हैं। जो प्रकृति में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं। इसके निर्माण में मनुष्य की कोई भूमिका नही होती हैं।
उदाहरण – जंगल,समुंदर आदि।

प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को दो भागों में विभाजित किया जाता हैं। जो इस प्रकार हैं-

● स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र – ये पारिस्थितिकी तंत्र भूमि पर पाए जाते हैं। यहाँ पर पर्यावरण के जैविक तथा अजैविक घटक परस्पर क्रिया करते हैं।

वन पारिस्थितिकी तंत्र,रेगिस्तान पारिस्थितिकी तंत्र,घास का मैदान पारिस्थितिकी तंत्र ये सभी स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र हैं।

● जलीय पारिस्थितिकी तंत्र – जल में पाए जाने वाले पारिस्थितिकी तंत्र को जलीय पारिस्थितिकी तंत्र कहा जाता हैं। जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी दो भागों में विभक्त किया जाता हैं –

● मीठे पानी का पारिस्थितिकी तंत्र – नदी,झरनों,झीलों, तालाबों आदि में पाए जाने वाले पारिस्थितिकी तंत्र इसी के अंतर्गत आते हैं।

● समुंद्री पारिस्थितिकी तंत्र – हमारी पृथ्वी का दो-तिहाई भाग जल से घिरा हुआ है। अधिकतर यह जल समुंद्र, सागर,महासागर आदि के रूप में उपस्थित हैं। समुंद्री पारिस्थितिकी तंत्र पृथ्वी के जलीय पारिस्थितिकी तंत्रों में से सबसे बड़े है। इनमें पाए जाने वाले जल में नमक की मात्रा अधिक होती हैं।

2. कृत्रिम पारिस्थितिकी तंत्र (Artificial Ecosystem) – कृत्रिम पारिस्थितिकी तंत्र वे होते हैं। जिनका निर्माण मानव द्वारा किया जाता हैं। इनके निर्माण में मनुष्य महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता हैं। इसलिए इन्हें मानव निर्मित पारिस्थितिकी तंत्र (Man-made Ecosystem) भी कहा जाता हैं।

एक्वेरियम (Aquarium) फसल के खेत आदि कृत्रिम पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत आते हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र के घटक |Components of Ecosystem in Hindi

पारिस्थितिकी तंत्र घटकों को मुख्यतः 2 वर्गों में विभाजित किया गया हैं –

1. जैविक घटक (Biotic Component) – जैविक घटक के अंतर्गत सजीव (Living) तत्वों को सम्मिलित किया जाता हैं। इन जैविक घटकों को भी दो भागों में विभाजित किया जाता हैं। जो इस प्रकार हैं –

● स्वपोषित घटक (Autotrophic Component) – इनके अंतर्गत हरे पेड़-पौधे शामिल हैं। ये पेड़-पौधे सूर्य के प्रकाश में संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन बनाते हैं। ये जीवन का आधार होते हैं। जो हमें भोजन,आवास और ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। इन घटकों को उत्पादक (Producer) कहा जाता हैं।

● विषमपोषी घटक (Heterotrophic Component) – पारिस्थितिकी तंत्र के यह जैविक घटक अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते हैं। ये अपने भोजन के लिए स्वपोषित घटक पर निर्भर रहते हैं। विषमपोषी घटक को उपभोक्ता (Consumer) कहा जाता हैं।

जंतु (Animals) इसी के अंतर्गत आते हैं उपभोक्ता के भोजन की प्रकृति के आधार पर उपभोक्ता को प्राथमिक, द्वितीयक,तृतीयक (Primary, Secondary, Tertiary) आदि में वर्गीकृत किया गया हैं। स्वपोषित और विषमपोषी घटक पारिस्थितिकी तंत्र के जैविक घटक कहलाते हैं।

2. अजैविक घटक (Abiotic Component) – पर्यावरण के निर्जीव (Non-living) तत्व पारिस्थितिकी तंत्र के अजैविक घटक कहलाते हैं। इसके अंतर्गत निम्नलिखित तत्व सम्मिलित हैं –

● अकार्बनिक (Inorganic Material) – कार्बन, नाइट्रोजन,कार्बनडाई-ऑक्साइड,जल आदि।

● कार्बनिक (Organic) – कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन,लिपिड, न्यूक्लिक अम्ल आदि।

● जलवायु कारक (Climatic Factors) – प्रकाश, तापमान,हवा,आद्रता (Humidity) आदि।

ये सभी जैविक और अजैविक घटक मिलकर पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना का निर्माण करते हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषता |Characteristics of Ecosystem

1. पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) पारिस्थितिकी (Ecology) की आधारभूत इकाई हैं।

2. यह एक एकीकृत प्रणाली हैं। जिसका निर्माण पर्यावरण के सजीव तथा निर्जीव घटकों की परस्पर क्रिया से होता हैं।

3. यह एक ऐसी इकाई हैं। जिसमें किसी एक क्षेत्र विशेष के सभी जीवधारी अपने भौतिक वातावरण या अजैव पर्यावरण से खाद्य श्रृंखला (Food Chain),रासायनिक चक्र आदि के माध्यम से परस्पर क्रिया करते हैं।

4. पारिस्थितिकी तंत्र के दो मुख्य घटक होते हैं- जैविक (Biotic) और अजैविक (Abiotic) घटक।

5. पारिस्थितिकी तंत्र प्राकृतिक (घास के मैदान,रेगिस्तान और वन) तथा मानव निर्मित (एक्वेरियम,फसल का खेत आदि) दोनों हो सकते हैं।

6. पारिस्थितिकी तंत्र में जीवधारी एक-दूसरे के साथ अन्तःक्रिया करते हैं तथा प्रत्येक जीवधारी पारिस्थितिकी तंत्र में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह करते हैं।

7. पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा प्रवाहित (Energy Flow) होती हैं।

8. एक पारिस्थितिकी तंत्र की आधारभूत आवश्यकताएं हैं- अकार्बनिक तत्व (CO2,H2O आदि) , उत्पादक (पेड़-पौधे),उपभोक्ता, ऊर्जा का स्रोत (सूरज)।

9. एक पारिस्थितिकी तंत्र का आधार छोटा भी हो सकता हैं और बड़ा भी।

पारिस्थितिकी तंत्र और पारिस्थितिकी में अंतर |Difference Between Ecology and Ecosystem in Hindi

पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem)पारिस्थितिकी (Ecology)
1. पारिस्थितिकी तंत्र एक ऐसी प्रणाली हैं। जिसका निर्माण पर्यावरण के जैविक तथा अजैविक घटकों की परस्पर क्रिया से होता हैं।1.पारिस्थितिकी विज्ञान की एक शाखा हैं। जिसमें जीवधारियों का एक-दूसरे से तथा उनके पर्यावरण से अंतःसंबंध का अध्ययन किया जाता हैं।
2. पारिस्थितिकी तंत्र पारिस्थितिकी की एक छोटी इकाई हैं।2. पारिस्थितिकी सभी पारिस्थितिकी तंत्रों का अध्ययन हैं।
3. पारिस्थितिकी तंत्र पारिस्थितिकी का ही एक हिस्सा हैं।3. पारिस्थितिकी का क्षेत्र बहुत व्यापक होता हैं।

पारिस्थितिकी और पारिस्थितिकी तंत्र में मुख्य अंतर यह हैं कि पारिस्थितिकी, पारिस्थितिकी तंत्रों का अध्ययन हैं। जबकि पारिस्थितिकी तंत्र एक इकाई हैं जो जीवधारियों के उनके वातावरण के साथ परस्पर क्रिया से बनती हैं।

संक्षेप में |Conclusion

किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना उसके जैविक (पेड़-पौधे,जानवर आदि) तथा अजैविक (प्रकाश,हवा, जल,कार्बनडाई-ऑक्साइड आदि) तत्वों पर निर्भर करती हैं। ये सभी तत्व एक-दूसरे को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। प्रत्येक तत्व पारिस्थितिकी तंत्र में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करता हैं।

वर्तमान समय में बढ़ती जनसंख्या और मानव क्रियाकलाप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। तो दोस्तों आज आपने जाना कि पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) क्या हैं? पारिस्थितिकी (Ecology) और पारिस्थितिकी तंत्र में अंतर (Ecosystem in Hindi) अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया तो इसे अपने अन्य मित्रों के साथ भी अवश्य शेयर करें।

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