संज्ञानात्मक मनोविज्ञान Cognitive Psychology मनोविज्ञान की एक ऐसी शाखा हैं। जिसके अंतर्गत व्यक्ति के मानसिक स्तर का अध्ययन किया जाता हैं। इसके अंतर्गत Psychology के सभी सिद्धांतो का उपयोग व्यक्ति की बुद्धि क्षमता को जानने के लिए किया जाता हैं। यह व्यक्ति के बुद्धि स्तर को जानने और उसे समझने में भी सहायता प्रदान करती हैं।
इसके अंतर्गत व्यक्ति के द्वारा किसी विशेष परिस्थिति में की गई क्रिया एवं व्यवहार को केंद्रित कर अध्ययन किया जाता हैं। जिससे व्यक्ति की संज्ञानात्मक स्तर को समझा जा सकें। इस अध्ययन की सहायता से व्यक्ति की समझ का पता मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो के अनुरूप आसानी से लगाया जा सकता हैं।
यह मनोविज्ञान की नवीन पद्यतियों में से एक हैं। जिसका उपयोग वर्तमान समय मे अधिकांश क्षेत्रों में किया जाता हैं। तो दोस्तों चलिए अब मनोविज्ञान की इस शाखा के संबंध में जानने का प्रयास करते है कि संज्ञानात्मक मनोविज्ञान क्या हैं? Cognitive Psychology in Hindi
संज्ञानात्मक मनोविज्ञान क्या हैं? |Cognitive Psychology in Hindi
संज्ञानात्मक मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा हैं जिसके अंतर्गत व्यक्ति की स्मरण क्षमता, निर्णय क्षमता, समस्या-समाधान कौशल, बुद्धि क्षमता, व्यवहार परिवर्तन आदि का अध्ययन किया जाता हैं। इसकी सहायता से व्यक्ति के आंतरिक मन में चलने वाले विचारों का पता लगाया जा सकता हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो इसमें मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो का उपयोग व्यक्ति के संज्ञानात्मक स्तर को जानने के लिए किया जाता हैं।
इसके अंतर्गत भी अनेकों मनोवैज्ञानिक परीक्षणों का उपयोग किया जाता हैं। जिससे व्यक्ति के संज्ञानात्मक स्तर का पता लगाया जा सकें। संज्ञानात्मक मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा मनोविज्ञान, मानव मनोविज्ञान, व्यक्तिव मनोविज्ञान आदि का अध्ययन किया जाता हैं।
इसके अंतर्गत व्यक्ति की क्रियाओं का अध्ययन प्रमुख हैं जिसके माध्यम से व्यक्ति के संज्ञानात्मक स्तर की जांच की जाती हैं। IQ Test के माध्यम से भी व्यक्ति के संज्ञानात्मक स्तर की ही जांच की जाती है। सामान्य शब्दों में कहें तो यह अध्ययन व्यक्ति के बुद्धि स्तर एवं क्षमता को समझने के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।
इस अध्ययन की सहायता से व्यक्ति की Recall Power का भी पता लगाया जा सकता है। संज्ञानात्मक मनोविज्ञान (Cognitive Psychology) की विधियों का उपयोग सिर्फ व्यक्ति के बुद्धि स्तर की जांच करने के लिए ही नही अपितु पशु-पक्षियों के मानसिक स्तर का अध्ययन करने के लिए भी किया जाता है। इसके अंतर्गत मनेज्ञानिक सिद्धान्तों एवं परीक्षणों को व्यवहारिक रूप प्रदान किया जाता हैं।
संज्ञानात्मक मनोविज्ञान की विशेषता |Characteristics of Cognitive Psychology
1. यह मनोविज्ञान की एक शाखा हैं।
2. इसके अंतर्गत व्यक्ति की बुद्धि क्षमता, स्मरण शक्ति, याद करने की क्षमता, व्यक्त्वि क्षमता आदि का अध्ययन किया जाता हैं।
3. संज्ञानात्मक मनोविज्ञान में मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो एवं परीक्षण कलाओं का उपयोग किया जाता हैं।
4. इसके अंतर्गत व्यक्तियों के संज्ञानात्मक स्तर को जानने के साथ-साथ पशु-पक्षियों के व्यवहार एवं समझ को जानने के लिए भी किया जाता हैं।
5. यह व्यक्ति की क्रियाओं को भी समझने में सहायता सिद्ध हुआ हैं।
6. इसकी सहायता से शिक्षा प्रणाली में भी अनेकों विकासात्मक बदलाव किए गए है।
7. यह किसी व्यक्ति का पुनः आकलन करने में भी सहायक हैं।
जीन पियाजे का संज्ञानात्मक विकास |Piaget Cognitive Theory
पियाजे एक मनोवैज्ञानिक थे जिन्होंने बालक के संज्ञानात्मक स्तर को समझानें एवं उसकी अवस्थाओं को क्रमबद्ध रूप से समझानें का कार्य किया हैं। जीन पियाजे के इस सिद्धांत को Piaget Theory के नाम से भी जाना जाता हैं। पियाजे ने मनुष्य के संज्ञानात्मक विकास की 4 अवस्थाओं के बारे में बताया हैं।
● संवेदीगामक अवस्था (0-2 वर्ष)
● पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (2-7 वर्ष)
● मूर्त संक्रियात्मक अवस्था (7-11 वर्ष)
● औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था (11-15 वर्ष)
निष्कर्ष – Conclusion
संज्ञानात्मक मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के विकास का स्वरूप हैं जो व्यक्ति के मानसिक स्तर को जानने और समझने में सहायता प्रदान करता हैं। वर्तमान समय मे इसका अधिक उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुरक्षा से जुड़े संस्थानों में किया जाता हैं। इसके अंतर्गत कई मनोवैज्ञानिक परीक्षणों का उपयोग किया जाता हैं।
यह किसी व्यक्ति की आंतरिक सोच को समझने की एक विधि हैं जिसके माध्यम से छात्र-छात्राओं की बुद्धि स्तर की क्षमताओं का पता लगाया जा सकता हैं। तक दोस्तों आज आपने जाना कि संज्ञानात्मक विकास क्या है? (Cognitive Psychology in Hindi) इसी तरह हमारी नवीन पोस्ट को पढ़ने के लिए सोशल मीडिया पर हमें अवश्य फॉलो करें।