अभिवृद्धि और विकास में अंतर (abhivridhi aur vikas me antar) : दोस्तों अभिवृद्धि और विकास एक सिक्के के दो पहलू हैं। इन दोनों को प्रायः एक ही रूप में देखा जाता हैं। परंतु वास्तव में इन दोनों के मध्य अंतर हैं।
अभिवृद्धि और विकास को कई विद्वानों ने अलग-अलग रूप में परिभाषित किया हैं। दोस्तों इन दोनों के मध्य के अंतर को समझने से पूर्व आवश्यक है कि अभिवृद्धि और विकास के अर्थ को पहले समझा जाए।
अभिवृद्धि और विकास में अंतर | abhivridhi aur vikas me antar
अभिवृद्धि का क्षेत्र सीमित है, एक समय आता है जब अभिवृद्धि रुक जाती है परंतु विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया हैं। यह जन्म से मृत्यु तक चलती हैं क्योंकि इसमें व्यक्ति जीवनपर्यंत कुछ न कुछ सिखते रहता हैं। वही अभिवृद्धि की कुछ सीमाएं होती हैं। इसमें व्यक्ति की शारीरिक अभिवृद्धि एक समय मे रुक जाती हैं।
सामान्यतः अभिवृद्धि की सीमा को 18-20 वर्ष की आयु तक सीमित रखा गया हैं। इनके मध्य के अंतर को समझने हेतु यह आवश्यक है कि पहले इन दोनों के अर्थ को समझा जाए। दोस्तो आज हम इस लेख में इसी के संबंध में अध्ययन करिंगे की अभिवृद्धि क्या हैं, विकास क्या हैं एवं अभिवृद्धि और विकास में अंतर Abhivridhi aur vikas me antar.
अभिवृद्धि
मानव अभिवृद्धि से तात्पर्य व्यक्ति के बाहरी पहलुओं के विकास से हैं जैसे उसका वजन,लंबाई एवं उसकी कार्य करने की क्षमता। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि अभिवृद्धि वह सीमा है जो 18-20 वर्ष तक कि आयु में पूर्ण हो जाती हैं।
मानव अभिवृद्धि से तात्पर्य उसके शरीर के बाहरी और आंतरिक अंगों के आकार,वजन एवं उसके कार्य करने की क्षमता में होने वाली उस क्षमता से होता हैं। जो उसके जन्म से किशोरावस्था तक होती हैं।
अभिवृद्धि की विशेषता
1. यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया हैं।
2. मानव अभिवृद्धि की यह प्रक्रिया जन्म से किशोरावस्था तक चलती है, अर्थात 0-18 वर्ष तक।
3. अभिवृद्धि से आशय मनुष्य की लंबाई,वजन एवं आकार में परिवर्तन से है जो निश्चित समय तक चलता हैं।
4. अभिवृद्धि के अनेक चरण होते हैं यह कभी अधिक मात्रा में या कभी निम्न मात्रा में होती हैं।
5. मानव अभिवृद्धि सामान्यतः पर्यावरण एवं वंशानुगत क्रम में होती है अर्थात उसके वातावरण एवं जन्म कुल के अनुसार उसकी अभिवृद्धि होती हैं।
6. अभिवृद्धि की एक निश्चित सीमा होती है, अनेको मनोवैज्ञानिक अभिवृद्धि को 18-20 वर्ष की आयु में मानते हैं।
7. अभिवृद्धि मात्रात्मक होती है, अर्थात इसका मापन गणितीय संख्याओं एवं विधियों से किया जाता हैं।
विकास
विकास जीवनपर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है अर्थात यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। विकास के अंतर्गत शारीरिक एवं मानसिक विकास का अध्ययन किया जाता हैं। मनुष्य के बौद्धिक विकास की कोई सीमा नही होती अर्थात वह जन्म से मृत्यु तक कुछ न कुछ सिखते रहता है। इसलिए विकास को निरंतर चलने वाली प्रक्रिया माना जाता हैं।
अभिवृद्धि (Growth) से तात्पर्य कोशिकाओं में होने वाली वृद्धि से होता है जैसे-लंबाई,आकार एवं भार में वृद्धि। जबकि विकास से तात्पर्य उसके सम्पूर्ण परिवर्तन से होता हैं।
विकास की विशेषता
1. विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। यह जन्म से मृत्यु तक निरंतर चलते रहती हैं।
2. मानव विकास में बौद्धिक स्तर पर बल दिया जाता हैं।
3. इसका मापन गुणात्मक एवं मात्रात्मक दोनों तरीकों से किया जाता हैं।
4. मानव विकास प्राकृतिक प्रक्रिया के साथ-साथ एक सामाजिक और बौद्धिक प्रक्रिया होती हैं।
5. मानव विकास भी वंशानुगत एवं पर्यावरण पर निर्भर करता हैं।
अभिवृद्धि और विकास में अंतर abhivridhi aur vikas me antar
◆ अभिवृद्धि की एक निश्चित सीमा होती हैं। यह एक निश्चित समय आने पर रूक जाती है तथा विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया हैं।
◆ विकास सामाजिक और बौद्धिक प्रक्रिया है जबकि अभिवृद्धि एक प्राकृतिक प्रक्रिया हैं।
◆ अभिवृद्धि में सिर्फ शरीर में होने वाले परिवर्तनों को सम्मिलित किया जाता है, जबकि विकास में शरीर के साथ-साथ सामाजिक एवं मानसिक परिवर्तनों को भी सम्मिलित किया जाता हैं।
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◆ अभिवृद्धि मात्रात्मक होती है और विकास मात्रात्मक के साथ-साथ गुणात्मक होता हैं।
◆ मानव अभिवृद्धि में पर्यावरण और वंशानुक्रम प्रणाली का प्रभाव अधिक मात्रा में होता हैं। जबकि मानव विकास में इनका प्रभाव कम मात्रा में पड़ता हैं।
निष्कर्ष
अभिवृद्धि और विकास को एक सिक्के के दो पहलुओं के रूप में देखा जाता है। अभिवृद्धि और विकास एक निश्चित समय तक साथ-साथ चलते है। यह दोनों बौद्धिक और सामाजिक विकास का एक ही भाग हैं। जहाँ अभिवृद्धि का क्षेत्र संकुचित होता है। वही विकास का क्षेत्र व्यापक होता हैं।
तो दोस्तों, आज आपने जाना कि अभिवृद्धि और विकास में अंतर (abhivridhi aur vikas me antar) क्या हैं? अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई है तो आप इसे अपने मित्रों के साथ भी अवश्य शेयर करें।
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Rahul dhanywad