फसल (Fasal) क्या हैं और इसके प्रकार

फसल Crop वह खेती हैं जिसका उत्पादन प्रत्येक देश अपनी जनसंख्या के पालन पोषण के लिए करता हैं। हम सभी जानते हैं कि हमारे शरीर को energy खाना खाने से प्राप्त होती है, इसलिए भोजन हमारे लिए बहुत आवश्यक है।

वर्तमान समय में हम देख रहे हैं कि विश्व की जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस बढ़ती हुई आबादी की भोजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए यह जरूरी है कि हम भोजन के उत्पादन(Production) को बढ़ाये। इस उत्पादन को बढ़ाने के लिए हम फसल का सहारा लेते हैं।

सामान्यतः फसल से तात्पर्य है एक ही प्रकार के पौधों को एक बड़े पैमाने पर उगाना। तो चलिए आज हम इस पोस्ट के माध्यम से यह जानने का प्रयास करते हैं कि फसल क्या हैं और इसके प्रकार

फसल क्या हैं? (What is Crop)

जब एक ही प्रकार के पौधों को एक ही स्थान पर बहुत बड़े पैमाने पर उगाया जाता है तो उसे फसल कहते है। उदाहरण के लिए यदि एक बड़े स्थान पर सिर्फ गेहूं के पौधे उगाए जाएं तो इसे गेहूं की फसल कहा जायेगा।इसी तरह धान की फसल, मक्के की फसल आदि इसके अन्य उदाहरण हैं।

crop fasal kya hai

फसल वे पौधे होते हैं जिन्हें मानव द्वारा भोजन, रेशे, चारा, फूल, आदि को प्राप्त करने के लिए उगाया जाता है। पौधों की लगभग 2000 प्रजातियों को तो केवल खाने के उद्देश्य से उगाया जाता है।

फसलों के प्रकार (Types of Crop)

फसलों का अलग-अलग आधार पर वर्गीकरण किया जाता है। भोजन में प्रयोग किये जाने वाले पौधों के आधार पर फसलों को निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत किया जाता है-

1. बीज वाली फसलें (Seeds) – खाद्य योग्य बीजों के अंतर्गत अनाज, दाल, ड्राई फ्रूट्स, आयल सीड्स आदि आते हैं।

● अनाज (Cereals) – इसमे गेंहू, चावल, मक्का, जौ आदि फसलें शामिल हैं। इन फसलों में प्रचुर मात्रा में कार्बोहायड्रेट पाया जाता है।

● दाल (Pulses) – इनके अंतर्गत चना, मटर, उरद, मूँग, अरहर, लोबिया, मसूर आदि आते हैं। ये प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत होती हैं।

● आयल सीड्स (Oil Seeds Crop) – इसमे सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, जैतून, कॉटन सीड आदि शामिल हैं। ये तेल और वसा(fats) के स्रोत होते हैं।

● ड्राई फ्रूट्स (Dry Fruits) – इनमे भी प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। जैसे बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता, किशमिश, खजूर आदि।

2. फल (Fruits) – फल विटामिन,Minerals, प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट का अच्छा स्रोत होते हैं। जिनमे आम, संतरा, केला, पपीता, अमरूद, तरबूज, सेब, अंगूर आदि सभी शामिल हैं।

3. सब्जियां (Vegetable) – ये पौधों के खाद्य भाग होते हैं, जिन्हें कच्चा और पकाकर दोनो तरीकों से खाया जाता है। सब्जियों के निम्नलिखित प्रकार हैं-

● जड़े (Roots) – कुछ पौधों की जड़ें जैसे मूली, गाजर, शलजम, चुकंदर आदि को सब्जी के रूप में ग्रहण किया जाता है।

● तना (stems) – इसके अंतर्गत सरसों, केला , आलू, प्याज़, अदरक, लहसुन आते हैं।

● पत्तीदार सब्जियां (leafy vegetables) – पत्ता गोभी, सरसों, मेथी, पालक, मूली आदि

● Fruit vegetables – टमाटर, कददू, करेला, बैंगन, लौकी, खीरा, भिंडी, शिमला मिर्च आदि इसमे शामिल हैं।

4. मसाले (Spices) – पौधों के कुछ भागों को भोजन के स्वाद को बढ़ाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसमे मिर्च, हल्दी, जीरा, सौंफ, इलाइची आदि शामिल हैं।

5. चारे के रूप में फसल – इनसे जानवरों के लिए चारा प्राप्त किया जाता है। जैसे घास, चारा, जई, आदि।

6. अन्य फसलें- तम्बाकू, कॉफी, चाय, चॉकलेट, पुदीना

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तो ये थे खाद्य रूप में प्रयोग किये जाने वाले पौधों के आधार पर फसलों के प्रकार। ठीक इसी तरह मौसम (Season) के आधार पर फसलों को मुख्यतः तीन वर्गों में विभाजित किया गया है-

● खरीफ की फसल (Kharif Crop) – इन फसलों को जून/जुलाई में उगाया जाता है, और सितंबर/अक्टूबर में काट लिया जाता है। इस प्रकार की फसलों को अधिक पानी की आवश्यकता होती है इस कारण से इन्हें मॉनसून सीजन में उगाया जाता है। जैसे- धान(चावल), कपास, मक्का , सोयाबीन, मूंगफली आदि की फसल।

● रबी की फसल (Rabi Crop) – इन फसलों को अक्टूबर से अप्रैल महीने के बीच उगाया जाता है। इन फसलों के लिये ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है, इसलिए इन्हें शर्दी के मौसम में बोया जाता है। जैसे- गेंहू, चना, जौ आदि।

● जायद की फसल (Jayad Crop) – जायद की फसल खरीफ और रबी की फसल के बीच की फसल होती है, इन्हें ग्रीष्म ऋतु(Summer Season) में उगाया जाता है। उदा०- खीरा, तरबूज, करेला आदि।

खरीफ और रबी की फसल में अंतर (Difference between kharif and Rabi crops)

खरीफरबी
खरीफ की फसलों के तैयार होने का समय जून से अक्टूबर तक होता है।
रबी की फसलों को अक्टूबर से अप्रैल के बीच उगाया जाता है।
खरीफ फसलों को ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है।
रबी फसलों को कम पानी चाहिए होता है।
खरीफ की फसलों को मॉनसून season में लगाया जाता है।
रबी की फसलों को शर्दी में बोया जाता है।
खरीफ eg- धान, मक्का, कपास आदि।
रबी eg- गेंहू, चना आदि।

फसल चक्र (Crop Rotation) क्या है?

जब अनेक वर्षों तक केवल एक ही प्रकार की फसल को एक ही खेत मे उगाया जाता है तो इसके कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जैसे एक ही प्रकार के nutrients की कमी हो जाती है, फसलों में बीमारी हो जाती है तो इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए फसल चक्र का सहारा लिया जाता है।

फसल चक्र से तात्पर्य होता है एक ही खेत मे अलग-अलग प्रकार की फसलों की अदल बदलकर खेती करना। खेत की उपजाऊ क्षमता को बनाये रखने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

फसल चक्र (Crop Rotation) के फायदे

● ये खेतों में एक ही प्रकार की फसल को उगाने के कारण उत्पन्न होने वालो कीड़े मकोड़े को कंट्रोल करता है।

● इससे भूमि की उपजाऊ क्षमता बनी रहती है।

● कई प्रकार की फसलों को एक ही भूमि पर उगाया जाता है।

● इससे मिट्टी का भी सदुपयोग होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

फसल एक ऐसा पौधा है जिसे लाभ के लिए बड़े पैमाने पर उगाया और काटा जाता है। फसलों की खेती Agriculture सेक्टर से संबंधित होती है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में Economy का एक बहुत बड़ा हिस्सा फसलों पर ही निर्भर करता है।

तो साथियों आज आपने जाना कि फसल क्या हैं और इसके प्रकार। (Fasal क्या हैं?) अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें और कमेंट करके अपने विचारों को हम तक अवश्य पहुचाए।

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Pankaj Paliwal
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम पंकज पालीवाल है, और मैं इस ब्लॉग का फाउंडर हूँ. मैंने एम.ए. राजनीति विज्ञान से किया हुआ है, एवं साथ मे बी.एड. भी किया है. अर्थात मुझे S.St. (Social Studies) से जुड़े तथ्यों का काफी ज्ञान है, और इस ज्ञान को पोस्ट के माध्य्म से आप लोगों के साथ साझा करना मुझे बहुत पसंद है. अगर आप S.St. से जुड़े प्रकरणों में रूचि रखते हैं, तो हमसे जुड़ने के लिए आप हमें सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते हैं।

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