मुल्यांकन का अर्थ, परिभाषा और प्रकार

मुल्यांकन का अर्थ, परिभाषा और प्रकार

मुल्यांकन (Mulyankan) : यह दो शब्दों से मिलकर बना हैं- मूल्य-अंकन। यह अंग्रेजी के Evaluation शब्द का हिंदी रूपांतरण हैं। मापन जहाँ किसी वस्तु या व्यक्ति के गुणों को अंक प्रदान करता हैं, वही मुल्यांकन उन अंकों का विश्लेषण करता हैं और उनकी तुलना दूसरों से करके एक सर्वोत्तम वस्तु या व्यक्ति का चयन करता हैं।

आज हम जनिंगे की मूल्यांकन क्या हैं, मूल्यांकन का अर्थ और परिभाषा, मूल्यांकन के प्रकार और मूल्यांकन और मापन में अंतर।

मूल्यांकन (Mulyankan) क्या हैं?

मूल्यांकन का महत्व हर क्षेत्र में बढ़ता ही जा रहा हैं। वर्तमान समय में इसका उपयोग शिक्षा में, आर्मी में, या सम्मानित पदों में किया जाता हैं। इसके द्वारा एक उत्तम नागरिक का निर्धारण किया जा सकता हैं। मूल्यांकन Evaluation मापन द्वारा प्राप्त अंकों का विस्तृत अध्ययन करता हैं और यह अध्ययन वह सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक आधार पर करता हैं।

मुल्यांकन (Mulyankan) का अर्थ, परिभाषा और प्रकार

मूल्यांकन दो व्यक्तियों के मध्य उनके गुणों में व्याप्त भिन्नता को ज्ञात करने का भी कार्य करता हैं। इसके द्वारा यह पता चलता हैं कि किस व्यक्ति के अंदर कौन से गुण की मात्रा अधिक हैं।

मूल्यांकन की परिभाषा

मूल्यांकन की परिभाषा विभिन्न लोगों ने दी हैं जिसमें से कुछ परिभाषा इस प्रकार हैं- किसी वस्तु अथवा क्रिया के महत्व को कुछ सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक मानदण्डों के आधार पर चिन्ह विशेषों में प्रकट करने की प्रक्रिया हैं।

ब्रेडफील्ड

मुल्यांकन mulyankan के प्रकार

1- संरचनात्मक मुल्यांकन
2- योगात्मक मुल्यांकन

1- संरचनात्मक मुल्यांकन – निर्माणाधीन कार्यो के मध्य जब किसी का मूल्यांकन किया जाता है उसे संरचनात्मक मुल्यांकन कहते हैं शिक्षा से इसको देखा जाए तो जब छात्र किसी कक्षा में होते हैं तो उनका यूनिट टेस्ट या टॉपिक टेस्ट लिया जाता हैं उसे ही संरचनात्मक मुल्यांकन (Sanrachnatmak mulyankan) कहा जाता हैं।

2- योगात्मक मुल्यांकन – इसका प्रयोग अंत में किया जाता हैं जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा हैं योग। अर्थात अंत में जब छात्रों की वार्षिक परीक्षा ली जाती हैं उसे ही योगात्मक मुल्यांकन कहा जाता है

मुल्यांकन और मापन में अंतर

  • मुल्यांकन (mulyankan) किसी वस्तु या व्यक्ति के गुणों का विश्लेषण करता हैं और मापन किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण को अंक प्रदान करती हैं जैसे किसी व्यक्ति की लंबाई, चोड़ाई, वजन आदि।
  • मुल्यांकन के 6 पद होते हैं और मापन के 4 पद होते हैं।
  • मापन सिर्फ अंको का निर्धारण करता हैं और मूल्यांकन में उसके अंको को दूसरे व्यक्ति के अंको के साथ उसकी तुलना की जाती हैं।
  • मापन मुल्यांकन का पहला चरण हैं और मुल्यांकन मापन का दूसरा चरण है अर्थात मुल्यांकन से पहले किसी वस्तु या व्यक्ति के गुणों का मापन किया जाता हैं।

शिक्षा में मुल्यांकन की उपयोगिता

मुल्यांकन के द्वारा छात्रों के व्यवहार उनकी रुचि, अभिरुचि का पता लगाया जाता हैं। इसके द्वारा छात्रों के मानसिक स्तर की जांच कर उनको उसके स्तर के अनुसार उन्हें कक्षा आवंटित की जाती हैं।

  • एक कक्षा से दूसरी कक्षा में प्रवेश हेतु मुल्यांकन का प्रयोग किया जाता हैं।
  • इसके द्वारा छात्रों के मध्य उनके गुणों में अंतर कर पाना संभव होता हैं।
  • मुल्यांकन (Mulyankan) के द्वारा छात्रों को मेधावी, मंद-बुध्दि और औसत स्तर में विभक्त कर उन्हें शिक्षा प्रदान की जाती हैं।
  • इसके द्वारा भिन्नता के सिद्धांत का अच्छे से ख्याल रखा जाता हैं, एवं उसके अनुरूप उनका विकास करने हेतु शिक्षण विधियों एवं प्रविधियों का निर्माण किया जाता हैं।

समय के अनुसार मुल्यांकन की प्रक्रिया में भी निरंतर बदलाव किए जाते रहे हैं, किसी भी वस्तु का महत्व तभी पता चलता हैं जब वह वेध हो अर्थात जिस वजह से उसका उपयोग और उसका निर्माण किया गया हैं वह उन उद्देश्यों की प्राप्ति करने में सक्षम हो। इसका पता हम मुल्यांकन द्वारा ही लगाते हैं कि वह वस्तु या व्यक्ति अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम हैं या नहीं।

दोस्तों आज आपने, मुल्यांकन, मुल्यांकन की परिभाषा, मुल्यांकन के प्रकार, मुल्यांकन और मापन में अंतर (mulyankan kya hai) को जाना हमारी पोस्ट आपके प्रश्नों का उत्तर प्रदान कर रही हो और आप इससे संतुष्ट हुए हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।

13 Comments

    • राकेश आप अपने प्रश्न को हमे थोड़ी विस्तार से समझाने का कष्ट करें।

  1. Amzad

    बहुत हि अच्छा ब्लॉग लिखा आपने

  2. Kiran singh

    Nice Mujhe isse bahut help mili thanks sir

  3. Priya Rani

    It’s very helpful for you 🙏🙏🙏
    Thank you so much sir 🙏🙏🙏

  4. Nitesh mehra

    मैं इस टॉपिक मे उलझ रहा था लेकिन googal ke माध्यम से मैने इसे पढ़ा और समझा l
    अब सारी उलझन दूर हो गई l
    यह टॉपिक बहुत सरल भाषा में लिखा गया है,
    धन्यवाद सर जी 🙏
    दिल से शुक्रिया 💗

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