अभिप्रेरणा Motivation एक आंतरिक प्रेरणा का नाम हैं अर्थात किसी कार्य को करने हेतु जब हम स्वयं अपने मन से प्रेरित एवं उत्साहित होते हैं, उसे ही अभिप्रेरणा कहते हैं। किसी कार्य को करने के पीछे व्यक्ति का कुछ निजी उद्देश्य होता हैं अर्थात वह उस कार्य को करके अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता हैं।
वह आवश्यकताएं ही उसे आंतरिक रूप से अभिप्रेरित करने का कार्य करती हैं। यह अभिप्रेरणा के अर्थ को समझने हेतु एक उत्तम उदाहरण हैं। दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से अभिप्रेरणा (Motivation) से संबंधित समस्त जानकारी सरलता से प्राप्त कारिंगे। पर यह तभी संभव हैं जब आप इसे अंत तक पढ़े।
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अभिप्रेरणा का अर्थ | Meaning of Motivation
अभिप्रेरणा का अंग्रेजी अनुवाद है ‘मोटिवेशन’। जिसका अर्थ हैं, किसी कार्य को करने हेतु आंतरिक रूप से प्रेरित करना। अभिप्रेरणा एक ऊर्जा का नाम हैं जो मनुष्य के व्यवहार का निर्माण कर उसको स्थिरता प्रदान करने का कार्य करती हैं।
हम देखते हैं कि अगर कोई व्यक्ति अपने पसंद या रुचि से संबंधित कोई कार्य करता हैं तो उस कार्य को करने में उसे आनंद आता हैं,अर्थात वह रुचि या कार्य उसे उस कार्य को करने हेतु प्रेरित करते हैं। यह तत्व ही अभिप्रेरणा के प्रेरक का कार्य करते हैं।
इसी तरह प्रत्येक क्षेत्र में ऐसे कई प्रेरक होते हैं जैसे – अध्यापक,आवश्यकता,रुचि आदि। जो व्यक्ति को अभिप्रेरित करते हैं। यह उस व्यक्ति को उस कार्य को करने हेतु एक ऊर्जा प्रदान करती हैं।
अभिप्रेरणा की परिभाषा | Definition of Motivation
1) वुडवर्थ के अनुसार -“यह व्यक्ति की एक अवस्था है जो उसे किसी निश्चित व्यवहार एवं निश्चित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए बाध्य करती हैं।”
2) लावेल के अनुसार -“अभिप्रेरणा को अधिक औपचारिक रूप से मनोशारीरिक प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता हैं, जो किसी आवश्यकता के द्वारा प्रारंभ होती है और उस क्रिया को जन्म देती है। जिसके द्वारा उस आवश्यकता को पूरा होना होता हैं।”
3) गिल्फोर्ड के अनुसार -“एक प्रेरक कोई विशेष आंतरिक कारक अथवा अवस्था है जो क्रिया को जम्म देता है और उसे बनाये रखता हैं।
4) मैक्डूगल के अनुसार -“अभिप्रेरणाए मनुष्य के भीतर की ऐसी शारिरिक और मानसिक अवस्थाएं है,जो किन्ही विशेष दशाओं में कार्य करने हेतु प्रेरित करती हैं।
अभिप्रेरणा के स्रोत | Source of Motivation
● उद्दीपन Incentive – व्यक्ति की आवश्यकता की पूर्ति जिन-जिन वस्तुओं से होती है। उन सभी को मनोविज्ञान में उद्दीपन कहा जाता हैं। जैसे- भूख लगने में भोजन की आवश्यकता। मनोविज्ञान के अनुसार व्यक्ति उद्दीपन के होने से ही अनुक्रिया करता हैं। इसे SR Theory भी कहा जाता हैं।
● आवश्यकताए Needs – मनुष्य को जीवन-यापन करने हेतु अनेक साधनों एवं वस्तुओं की आवश्यकता पड़ती हैं और वह व्यक्ति इन समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु विभिन्न कार्य एवं प्रयास करता हैं। यह सभी आवश्यकताओ का एहसास उसमे ऊर्जा पैदा करती हैं।
● चालक Driver – चालक उस वस्तु का नाम हैं, जिसे प्राप्त कर लेने से व्यक्ति की आवश्यकता की पूर्ति हो जाती हैं, अर्थात भोजन मिलने से उसकी भूख शांत हो जाती है या प्यास लगने पर पानी मिल जाना।
● प्रेरक Motive – प्रेरक के अंतर्गत उन सभी तत्वों को सम्मिलित किया जाता है जो व्यक्ति को किसी कार्य को करने एवं उस कार्य को लगातार करते रहने में उसकी सहायता करता हैं यह तत्व इस प्रकार होते हैं-
( प्रशंसा,रुचि,दंड,अहंकार,ईर्ष्या,भावना,सफलता की खुशी,उत्सुकता आदि)
इसी तरह अनेकों प्रेरक हो सकते है जो व्यक्ति को किसी कार्य को करने हेतु अभिप्रेरित (Motivate) करते हैं।
अभिप्रेरणा की विशेषता | Characteristics of Motivation
1) अभिप्रेरणा एक ऊर्जा हैं जो व्यक्ति को आंतरिक रूप से प्रेरित करने का कार्य करती हैं।
2) यह नकारात्मक (Negative) और सकारात्मक (Positive) दोनों रूपों में पाई जाती हैं।
3) इसका प्रयोग किसी निश्चित उद्देश्य एवं लक्ष्य की प्राप्ति हेतु किया जाता हैं।
4) यह एक प्रक्रिया हैं, जिसमें व्यक्ति को विभिन्न चरणों से गुजरना होता हैं।
5) मनोविज्ञान में इसको उद्दीपन-अनुक्रिया के रूप में भी परिभाषित किया गया हैं।
6) इसका उपयोग कार्य को सुचारू रूप से करने एवं उस कार्य में स्थिरता प्रदान करने हेतु किया जाता हैं।
7) इसका विश्लेषण मनोवैज्ञानिक आधार पर किया जाता हैं।
अभिप्रेरणा और शिक्षा | Motivation and Education
अभिप्रेरणा शिक्षा हेतु एक साधन का कार्य करती हैं। इसके द्वारा एक प्रभावशाली शिक्षा व्यवस्था की स्थापना की जाती हैं और शिक्षा को स्थिर रूप प्रदान किया जाता हैं। छात्रों के व्यक्तित्व एवं व्यवहार का निर्माण करने,शिक्षा-अधिगम प्रणाली को सुनिश्चित करने एवं छात्रों की मनोस्थिति में बदलाव करने हेतु इसकी आवश्यकता पड़ती हैं।
इसके अभाव में शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ण प्राप्ति कर पाना संभव नही हैं। शिक्षा के विभिन्न कार्यो की पूर्ति हेतु इसकी आवश्यकता पड़ती हैं। कक्षा में अनुशासन का वातावरण बनाने,छात्रों के व्यक्तित्व निर्माण में और छात्रों को शिक्षा की ओर अग्रसर करने में भी इसकी आवश्यकता पड़ती हैं।
निष्कर्ष |Conclusion
यह उस ऊर्जा का नाम है जो असंभव कार्य को संभव करने में व्यक्ति की सहायता करती हैं एवं व्यक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति एवं व्यक्तित्व निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं।
तो दोस्तों, आज आपने (Motivation) अभिप्रेरणा का अर्थ,परिभाषा और स्रोत के बारे में विस्तार पूर्वक जाना। हम आशा करते हैं कि हम आपको इन आसान शब्दों के माध्यम से समझाने में सफल रहे हैं। अन्य किसी प्रकरण में जानकारी प्राप्त करने हेतु हमारी अन्य पोस्टों को पढ़े।
Thanks..very good notes about motivation.
Thanks you .. so very nice motivation
Kritika apke vichar hmme acche lge
Thank u 😊
Rashi apka dhanywad.
So very nice motivation
Laxita apka dhanywad