शक्ति संतुलन (Balance of Power) विश्व मे शांति स्थापना करने का एक मुख्य उपकरण हैं। शीत युद्ध में UNO की भूमिका को हम शक्ति संतुलन के रुप में देख सकते हैं। विश्व में अक्सर यह देखा जाता हैं कि एक देश प्रायः दूसरे देश पर अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश करते रहता हैं। दोस्तों हम इतिहास उठाकर देखे तो यह साफ हो जाएगा कि शक्तिशाली देश कमजोर देशों पर अपना अधिकार जमाते रहे हैं और वह अपनी बातें मनवाते रहे हैं।
इसी कारण सभी देश अपनी शक्तियों में वृद्धि करने के प्रयास में निरंतर गतिशील रहते हैं। दोस्तों आज हम इसी विषय में जनिंगे की विश्व में बढ़ते इस शक्ति में वृद्धि करने की प्रथा को रोकने के प्रयास में शक्ति संतुलन (Balance of Power) की क्या भूमिका हैं और शक्ति संतुलन के प्रकार।
शक्ति संतुलन क्या हैं (What is Balance of Power)
दोस्तों शक्ति संतुलन एक प्रक्रिया हैं जिसके द्वारा दो देशों की शक्तियों के मध्य समानता लाने का कार्य किया जाता हैं। जिससे उन दो देशों में से कोई भी देश दूसरे पर वर्चस्व जमाने का प्रयास न करें और शांति व्यवस्था को स्थिर रखा जा सकें। शक्ति संतुलन के द्वारा दो देशों के मध्य के विरोध को रोका जाता हैं। इससे उनमें दूसरे देश के प्रति हीन भावना के विकास में रोकथाम के प्रयास किया जाता हैं।
दोस्तों अगर हम इसे उदाहरण के रूप में समझे तो आपने अक्सर यह देखा होगा कि जब दो देशों के मध्य युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती हैं और उनमें एक देश दूसरे देश के मुकाबले बहुत कमजोर होता हैं तो ऐसे में उस कमजोर देश की सहायता करने हेतु उसके समर्थन में कई देश उसके साथ खड़े हो जाते हैं जिससे दूसरा देश जो शक्तिशाली हैं वह युद्ध करने से पहले हजार बार सोचें और उस विरोध की भावना या कमजोर देश पर वर्चस्व जमाने की मनसा पर रोकथाम लगाने का कार्य किया जा सकें और विश्व में शांति व्यवस्था कायम की जा सकें।
शक्ति संतुलन के प्रकार (Types of Balance of Power)
यहाँ हम जनिंगे कि शक्ति संतुलन करने के लिए किन-किन तरीकों का इस्तमाल किया जाता हैं जिससे विश्व में शांति व्यवस्था कायम की जा सकें।
● एकजुट होना – जब एक शक्तिशाली देश एक कमजोर देश पर अपना अधिकार स्थापित करने का प्रयास करता है तो ऐसे में उस कमजोर देश के पक्ष में अन्य देश खड़े हो जाते हैं। जिससे उस कमजोर देश की शक्ति में विरोधी देश की शक्ति के मध्य समानता लाने का कार्य किया जाता हैं। यह तरीका विश्व मे शांति स्थापना करने का कार्य करता हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ विरोधी देशों के मध्य प्रायः मध्यस्थता करने का कार्य करता हैं।
● शस्त्रीकरण – ऐसे में देश अपनी संप्रभुता की रक्षा करने हेतु अपने शास्रागर मे वृद्धि करता हैं जिससे कोई देश उसको कमजोर समझने का प्रयास न करें और वह अपने देश पर शासन कर सकें। वर्तमान समय में हम प्रायः न्यूज में हथियारों के क्रय-विक्रय के बारे में सुनते हैं यह सभी प्रक्रिया देश इसीलिए करते हैं ताकि वह अपनी संप्रभुता को सुरक्षित रख सकें। परन्तु इसका उपयोग कुछ देश दूसरे देशों से अधिक शक्तिशाली बनने की लालसा में भी कर रहे हैं जिससे शस्त्रो की होड़ बढ़ रही हैं और मानव जाति विनाश की ओर बढ़ रही हैं।
● निशस्त्रीकरण – यह शक्ति सन्तुलन की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया हैं इस आधार पर दो देश प्रायः संधि कर अपने अपने हथियारों में कमी करते हैं। जैसे- सैन्य शक्ति में सैनिकों कज संख्याओं में कटौती करना। वर्तमान समय में शस्त्रों की होड़ अर्थात शस्त्र एकत्रित करने की दौड़ को देखते हुए यह आवश्यक हैं कि निशस्त्रीकरण को बढ़ावा दिया जाए। जिससे मानव जाति को सुरक्षित रखा जा सकें और भविष्य में आने वाले खतरे को समय रहते रोका जा सकें।
● फुट डालो शासन करो की नीति – यह भी शक्ति संतुलन करने का एक प्रमुख तरीके के रूप में देखा जाता हैं। इसमे एक देश दूसरे देश को अन्य किसी देश का दुश्मन बना देता हैं और ऐसा करके वह अपनी शक्ति में वृद्धि करता हैं। यह नीति शक्ति संतुलन के लिए थोड़ी कम लाभदायक हैं क्योंकि ऐसे में युद्ध का खतरा और बढ़ जाता हैं।
इन सभी माध्यमों से शक्ति संतुलन का कार्य किया जाता हैं। इसके द्वारा विश्व में शांति व्यवस्था का वातावरण लाने का प्रयास किया जाता हैं और यह मानव जाति को सुरक्षित रखते हेतु बहुत महत्वपुर्ण हैं। तो दोस्तों आज आपने जाना कि शक्ति संतुलन क्या हैं (Balance of Power in Hindi) अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आयी हो और आपको ज्ञानवर्द्धक लगी हो तो इसे अपने मित्रों के साथ भी शेयर करें ताकि वह भी यह जान सकें कि शक्ति संतुलन क्या हैं? अपने सुझाव हेतु हमें नींचे कमेंट करें।
Kya hum शक्ति संतुलन के कार्य या भूमिका मे ये points lekh सकते है
Ha Kanchan ap jarur likh skte hain…
अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध मैं अंतर बताइए