ई-गवर्नेंस क्या है (What is E-Governance) – आधुनिक युग को डिजिटल युग भी कहा जाता हैं क्योंकि वर्तमान समय में हर 10 व्यक्तियों में से 8 व्यक्तियों के पास स्मार्ट फ़ोन है और पूरी दुनिया मे लगभग 4.66 बिलियन इंटरनेट यूजर्स है अगर हम बात करे भारत की तो विश्व की 34 प्रतिशत आबादी भारत मे ही निवास करती हैं।
भारत ने करीब 700 मिलियन लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। वर्तमान में लोग इंटरनेट का उपयोग सूचना पाने, सूचना पहुचाने, मनोरंजन तथा शिक्षा प्राप्त करने तथा इसके कई फायदे है और प्रत्येक प्रान्तों की सरकारों द्वारा भी अपने दैनिक कार्यो में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। जिससे उनके जटिल कार्यो को सरल बनाया जा सकें। जिसे ई-गवर्नेन्स का नाम दिया गया हैं।
ई-गवर्नेंस क्या हैं What is e-governance-
ई गवर्नेंस (E-Governance) से तात्पर्य – ई अर्थात “इलेक्ट्रॉनिक्स” और गवर्नेंस मतलब “सरकार” अर्थात इलेक्ट्रॉनिक सरकार जो ऑनलाइन माध्यम से हमें यह अधिकार देती है कि हम जिस उद्देश्य हेतु आवेदन कर रहे है, हम उसके लिए योग्य है या नहीं। ई-गवर्नेंस के विकास हेतु 1987 में भारतीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय उपग्रह कंप्यूटर नेटवर्क को अंतरिक्ष मे भेजा गया जो ई-गवर्नेंस के समस्त कार्यो को बढ़ावा देती हैं।
सरकार द्वारा निर्मित समस्त योजनाओं (जीएसटी रिटर्न, आधार कार्ड सुधार, एवं आर.टी.आई हेतु आवेदन आदि) के संपादन हेतु यह अपनी अहम् भूमिका निभाता हैं। वर्तमान समय मे जितने भी सरकारी कामकाज ऑनलाइन माध्यम से पूर्ण किये जाते है। वह सभी ई-गवर्नेंस के अंतर्गत किये जाते हैं। इसके कार्यो के द्वारा ही डिजिटल इंडिया (Digital India) के उद्देश्यों की पूर्ति संभव हैं।
यह सरकार के लिए ई-जनमत का निर्माण करती है। ई-गवर्नेंस आधुनिक युग की मांग है, कोई भी राष्ट्र इसके बिना विकास की गति पर नही चल सकता।
ई-गवर्नेंस की विशेषता Specialty of e-governance –
1. ई-गवर्नेंस के उपयोग हेतु इंटरनेट की आवश्यकता होती हैं।
2. ई-गवर्नेंस के कार्यो हेतु स्मार्ट फ़ोन की आवश्यकता होती हैं।
3. यह एक ऑनलाइन प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से आवेदक अपने लाभ से संबंधित पत्रों को पूरा कर प्रस्तुत करते हैं।
4. ई-गवर्नेंस के कार्यों का लाभ उठाने हेतु उचित दिशा निर्देशों की आवश्यकता होती है अर्थात आवेदक की किस वेबसाइट में जाना है क्या-क्या दस्तावेज संलग्न करने हैं आदि।
ई-गवर्नेंस के उद्देश्य Objectives of e-governance-
1. सरकारी कामकाजों की जटिलताओं को कम करना।
2. कम समय एवं कम खर्च में सरकारी कामकाजों का निपटारा।
3. सम्प्रेषण एवं सूचना प्रौद्योगिकी का विकास करना।
4. सरकार की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु छोटी से छोटी जगहों तक उनकी सूचनाएं प्रसारित करना।
5. सरकार के द्वारा प्रसारित लाभ संबंधित योजनाओं को सीधे जनता के समक्ष प्रस्तुत करना।
6. ई-गवर्नेंस के कार्यो के विकास हेतु जनमत एकत्रित करना अर्थात जनता का विश्वास बनाए रखना।
ई-गवर्नेंस के उपयोग
1. यह ऐसे देशों के लिए बहुत उपयोगी है, जिसकी जनसंख्या बहुत विशाल है जैसे-भारत और चीन।
2. इसके द्वारा सरकार नागरिकों को घर बैठे अपने सरकारी काम-काज की सूचना प्रसारित करती हैं।
3. ई-गवर्नेंस के द्वारा नागरिक घर बैठे किसी भी सरकारी योजना हेतु अप्लाई कर सकते हैं।
4. ई-गवर्नेंस वह साधन है,जिसके द्वारा समय एवं धन की बचत होती हैं।
5. इसके द्वारा सरकार आसानी से जन-जन तक अपनी योजनाओं को पहुँचा सकती हैं।
ई-गवर्नेंस में बाधक तत्व Disruptive elements in e-governance-
● नेटवर्क Network – यहाँ नेटवर्क से तात्पर्य इंटरनेट की गति से है, क्योंकि ऑनलाइन प्रपत्र प्रस्तुत करने हेतु यह आवश्यक होता है कि आपकी इंटरनेट गति चाहे उच्च न हो परंतु सामान्य तो होनी ही चाहिए।
● सर्वर Server – ई-गवर्नेंस हेतु सर्वर का बेहद महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। हम देखते है कि ऑनलाइन प्रपत्र अक्सर जब भरे जाते है तो अत्यधिक मात्रा में लोग उस वेबसाइट को देखते है या लॉगिन करते है, जिससे उस वेबसाइट के सर्वर डाउन हो जाते हैं।
शिक्षा में ई-गवर्नेंस की उपयोगिता Use of e-governance in education-
शिक्षा के क्षेत्र में ई गवर्नेंस का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि वर्तमान में बढ़ती भारत की जनसंख्या दर को ध्यान में रखते हुए इसके शिक्षा के क्षेत्र में अपनाया गया हैं। वर्तमान समय मे ऑनलाइन फॉर्म, परीक्षा फॉर्म यहाँ तक कि परीक्षाओं का आयोजन भी ऑनलाइन हो गया हैं।
छात्र अपनी कक्षा का पाठ्यक्रम एवं पाठ्यचर्या का क्रमबद्ध विवरण इंटरनेट से प्राप्त कर लेते है एवं छात्र वर्तमान समय मे पुस्तकों से कम और इंटरनेट के माध्यम से ज्यादा सूचनाएं प्राप्त करते हैं। ई-गवर्नेंस के कारण समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार हुआ हैं। कोरोना काल मे ई-गवर्नेंस की भूमिकाओं को सराहा जा सकता हैं। शिक्षा में ई-गवर्नेंस की निम्न उपयोगिताएं हैं-
● छात्रों तक सूचनाओं के आदान-प्रदान करने हेतु।
● वर्चुअल कक्षा के निर्माण हेतु।
● परीक्षाओं के क्रियान्वयन एवं मूल्यांकन हेतु।
● शोध कार्यों हेतु।
निष्कर्ष Conclusion –
ई-गवर्नेंस को सामान्यतः सूचनाओं के आदान-प्रदान करने का माध्यम माना जाता हैं, परंतु वास्तविक में यह इससे कई ज्यादा है क्योंकि इसके द्वारा सरकार के समस्त कार्यो को सरल बनाया जाता है। जिससे नागरिकों की अत्यधिक लाभ होता हैं। यह पूर्णतः ऑनलाइन प्रक्रिया होती है।
इसके माध्यम से समस्त कार्यो का आयोजन एवं समापन ऑनलाइन आधार पर किया जाता हैं। तो दोस्तों आज आपने जाना कि ई-गवर्नेंस क्या है What is e-governance in hindi. अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो शेयर के माध्यम से इस सूचना का प्रचार-प्रसार करे। जिससे अन्य लोग भी ई-गवर्नेंस से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकें।